मुख्यमंत्री भजनलाल ने दी सूर्य मिशन को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई

मुख्यमंत्री भजनलाल ने दी सूर्य मिशन को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई

सूर्य मिशन- आदित्य एल-1 की सफलता

मुख्यमंत्री ने भजनलाल ने इसरो के वैज्ञानिकों को दी बधाई

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सूर्य मिशन-आदित्य एल-1 के अपने लक्ष्य तक पहुंचने पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पूरे देश को इसरो की इस महान उपलब्धि पर गर्व है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है।

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सीएम भजनलाल ने कहा बढ़ेगा विज्ञान का दायरा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है कि देश की प्रथम सौर वेधशाला की सफलतापूर्वक अपने लक्षित स्थान पर स्थापना हुई है। इससे सूर्य से जुड़े कई अनछुए तथ्य सामने आएंगे एवं मानवता के हित में विज्ञान का दायरा बढ़ेगा।

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पीएम मोदी ने भी वैज्ञानिकों को दी बधाई

आज भारत का नाम एक बार फिर स्पेस सेक्टर में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत के हाथ आज एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। भारत का पहला सोलर मिशन ‘आदित्य L1′ अपने लक्ष्य तक पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वैज्ञानिकों और देशवासियों को इस बड़ी कामयाबी के लिए बधाई दी है।

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नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बड़ी कामयाबी के लिए देश को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, ‘भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है।

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हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।’ उधर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘ भारत के लिए यह साल शानदार रहा। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, टीम ISRO द्वारा लिखी गई एक और सफलता की कहानी। सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए आदित्य एल1 अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।’

इससे क्या होगा फायदा?

सूरज  पृथ्वी का सबसे नजदीकी तारा है। सूरज से बहुत ज्यादा एनर्जी निकलती है और सौर लपटें भी उठती रहती हैं। इनकी लपटों की दिशा अगर धरती की तरफ हो जाए तो स्पेसक्राफ्ट, सैटलाइट और कम्युनिकेशन सिस्टम खराब हो सकते हैं। ऐसी सौर घटनाओं की आदित्य L1 समय रहते सूचना देगा, जिससे धरती पर होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

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