GBHअस्पताल को जोधपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सीज एरिया मुक्ति के आदेश

GBHअस्पताल को जोधपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सीज एरिया मुक्ति के आदेश

जोधपुर हाईकोर्ट ने GBH को नोटिस का जवाब देने का दिया आदेश

हाईकोर्ट ने माना कि GBH को नोटिस तामिल होने के 15 दिन की समयावधि से पहले उदयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा सीज की कार्रवाई न्यायोचित नहीं

 

उदयपुर, dusrikhabar.com। जीबीएच अस्पताल को लेकर प्रबंधन ने हाईकोर्ट जोधपुर में अपील दायर की थी जिसका परिणाम ये निकला कि हाईकोर्ट ने सरकार को ही जीबीएच अस्पताल के सीज किए हुए एरिया को मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है।

अमेरिकन इंटरनेशनल हैल्थ मैनेजमेंट द्वारा संचालित जीबीएच अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में बिना स्वीकृति हुए निर्माण को यूडीए की ओर से सीजि की कार्रवाई को हाईकोर्ट ने न्यायोचित नहीं मानते हुए जीबीएच अस्पताल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को आदेश दिए कि सीज परिसर को शीघ्र मुक्त किया जाए। 

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इधर हाईकोर्ट ने जीबीएच अमेरिकन हैल्थ मैनेजमेंट को भी सरकार के उस नोटिस का शीघ्र जवाब देने के आदेश दिए जिसे 12 जुलाई को उदयपुर डवलेपमेंट अथॉरिटी ने जारी किया था।  (High Court Order to Deseize GBH Hospital Property)

jodhpur high court

जोधपुर हाईकोर्ट ने कार्रवाई को नहीं माना न्यायोचित

जोधपुर हाईकोर्ट में बुधवार को जीबीएच प्रबंधन ने अपना पक्ष अदालत के सामने रखा। प्रबंधन ने अदालत को बताया कि बिना स्वीकृति निर्माण के लिए यूडीए की ओर से 12 जुलाई को नोटिस जारी हुआ और 15  दिन में जवाब मांगा था लेकिन यह नोटिस जीबीएच प्रबंधन को तामील ही  21 जुलाई को करवाया गया। अब कानूनन 15 दिन का समय तो जीबीएच प्रबंधन को मिलना चाहिए था। लेकिन 15 दिन की समय सीमा पूरे होने से पहले ही दो दिन बाद 23 जुलाई को यूडीए ने जीबीएच परिसर में सीज की कार्रवाई को अंजाम दिया। 

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अब हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जीबीएच की ओर से नोटिस का जो भी जवाब दिया जाएगा, यूडीए उसके अनुसार आगे की कार्यवाही कर सकता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यूडीए को अब अग्रिम कार्यवाही की जानकारी हाईकोर्ट को भी देनी होगी। 

क्या है पूरा मामला, यूडीए ने क्यों की आनन-फानन में जीबीएच पर कार्रवाई

आपको बता दें कि विधानसभा में विधायक फूल सिंह मीणा ने जीबीएच अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में बिना स्वीकृति भवन निर्माण का मुद्दा रखा था जिस पर 22 जुलाई को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब देते हुए इस निर्माण को 72 घंटे में सीज करने की विधानसभा में घोषणा की थी इसी घोषणा के आधार पर यूडीए ने आनन-फानन में आदेशों की पालना करते हुए 23 जुलाई को अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई को अंजाम दिया। 

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उदयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने आनन-फानन में की कार्रवाई

यूडीए ने मौके पर पहुंच जीबीएच हॉस्पिटल में स्वीकृति बिना निर्माण में बॉयज हॉस्पिटल और नर्सिंग हॉस्टल की कुछ मंजिलों को सीज कर दिया था और हॉस्पिटल बिल्डिंग के ऊपर की मंजिल खाली करने के आदेश दिए थे।

यूडीए की इस कार्रवाई पर अमेरिकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट ने जोधपुर स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका पेश की। इसके अलावा जीबीएच के पक्ष में छात्रों, मरीजों के परिजनों, जनप्रतिनिधियों और समाज जन ने भी विरोध प्रदर्शन कर यूडीए की आनन-फानन में की गयी इस कार्रवाई को अनुचित बताया था।

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आपको बता दें कि जीबीएच के पक्ष में कॉलेज के स्टूडेंट्स और रेजीडेंट डॉक्टर्स ने उदयपुर कलेक्ट्री सर्किल पर प्रदर्शन भी किया था। कलेक्ट्री पर प्रदर्शन के दौरान जीबीएच के साथ विधायक और मंत्री के आपसी मतभेद का भी लोगों ने आरोप लगाया था। जिसके चलते ये कार्रवाई की गई।

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