कोरोना वैक्सीन के लिए भारत में आधार कार्ड जरूरी!

कोरोना वैक्सीन के लिए भारत में आधार कार्ड जरूरी!

कोरोना वैक्सीन के लिए भारत में आधार कार्ड जरूरी!

अब तक सिर्फ 30से 40करोड़ लोगों को ही लगी वैक्सीन

 

-विजय श्रीवास्तव-

जयपुर। भारत में कोरोना का बढ़ता खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ देशों में तो कोरोना का दूसरा फेज भी शुरू हो चुका है जिनमें ब्रिटेन का नाम प्रमुख रूप से लिया जा सकता है। हो सकता है चीन में भी फिर से वायरस ने अपने पैर जमा लिए हो, लेकिन चाइना अपनी कमियों को छिपाने में अक्सर कामयाब हो जाता है जिसके कारण वहां क्या हो रहा है ये मालूम ही नहीं पड़ता? फिलहाल तो ब्रिटेन में कोरोना के फैलाव का नया दौर तेजी पकड़ रहा है, इसी के चलते ब्रिटेन के कुछ भाग में फिर से लोकडाउन लगाने का ऐलान हो चुका है। वहीं भारत की स्थिति इसे लेकर हालांकि बहुत ज्यादा चिंताजनक नहीं है लेकिन फिर भी भारत में कुछ शहरों में कोरोना का स्तर बढ़ता जा रहा है।

भारत में कैसे मिलेगी लोगों को कोरोना वैक्सीन?

भारत में कितने लोगों को वैक्सीन लगेगी अभी तक तय नहीं हो पाया है? एक अरब तीस करोड़ जनसंख्या वाले भारत में एक जानकारी के अनुसार सिर्फ 30 से 40 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगाने की बात सामने आ रही है। हालांकि सरकार की ओर से अभी ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई है लेकिन फिर भी लोगों ने वैक्सीन के लिए जुगत लगाना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि शुरुआती दौर में कोरोना फ्रंटलाइन वारियर्स के साथ ही बुजुर्गों और वीवीआईपी लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकती है, साथ ही कोरोना की वैक्सीन भारत में आधार कार्ड से लगाए जाने को लेकर स्ट्रेटजी तैयार की जा रही है। इससे सरकार वैक्सीन के साथ-साथ आधार कार्ड की उपयोगिता के प्रचार से खुद की साख बनाने का प्रयास करेगी।

भारत में वैक्सीन को लेकर क्या हैं तैयारियां?
फिलहाल भारत में वैक्सीन के लिए मानकों के अनुसार व्यवस्था मौजूद नहीं हैं। वहीं यहां का पर्यावरण भी इस वैक्सीन के लिए अनुकूल नहीं है। फाइजर वैक्सीन के लिए माइनस 70 डिग्री तापमान चाहिए होता है को यहां नहीं है। भारत में उसके हिसाब से कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी उपयुक्त संसाधन मौजूद नहीं है। लेकिन कंपनी का दावा है कि वह भारत के मौसम के अनुकूल वेक्सीन तैयार कर लेगी। इसमें परिवर्तन के बाद यह कितनी कारगर होगी इसकी गारंटी कैसे मिलेगी और कौन देगा इसका भी दूर-दूर तक कोई अता पता नहीं है। क्योंकि अभी ठंडे प्रदेशों के हिसाब से वैक्सीन बन रही है ऐसे में भारत के लिए वैक्सीन बनाना और यहां उसे दे पाना बहुत मुश्किल होगा। जबकि फायजर कंपनी ने अब तक वैक्सीन को लेकर भारत में परीक्षण नहीं किया है फिर भी यह वैक्सीन बेचने के लिए फायजर कंपनी की तरफ से आवेदन किया गया है। हालांकि भारत में भी लोकल लेवल पर वैक्सीन का काम चल रहा है। ऐसे में फायजर बायोएंटेक और सीरम इंस्टिट्यूट की ऑक्सफोर्ड एस्ट्रोजेनेका की कोविडशील्ड और उसके बाद अब भारत बायोटेक की कोवेक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए भारत में आवेदन से लोगों को वायरस से मुक्ति को राह नजर आने लगी है।

बहरहाल आज के ताजा आंकड़ों की मानें तो हमारा देश कोरोना का असर कम होने की तरफ बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों में पूरे देश में केवल 16000 नए संक्रमित मिले हैं जो पिछले 200 दिनों में सबसे कम हैं। इस महीने की बात करें तो अब तक नए संक्रमितों की संख्या में सरकारी आंकड़ों के अनुसार करीब सवा लाख एक्टिव केस कम होने पाए गए हैं। गौरतलब है कि ये केवल सरकारी आंकड़े ही कहते हैं। लेकिन क्या यह आंकड़े पूरी तरह सही हैं? क्या वाकई संक्रमितों की संख्या कम हो रही है या लोगों ने बीमार होने पर जांच की जगह खुद को आइसोलेशन में रखने का क्रम बढ़ा दिया है? हो सकता है शायद यही कारण है जिसके चलते पिछले कुछ दिनों में नई संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है।

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