
अमायरा को नम आंखों से श्रद्धांजलि, न्याय की लौ जलाने एकजुट हुए अभिभावक
संयुक्त अभिभावक संघ के आह्वान पर हुआ शांतिपूर्ण कैंडल मार्च
“#JusticeForAmaira” की गूंज के साथ स्कूल सुरक्षा पर उठे सवाल
शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंप, नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग
जयपुर,dusrikhbar.com। 12 वर्षीय मासूम अमायरा की संदिग्ध मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। संयुक्त अभिभावक संघ के आह्वान पर बुधवार शाम नीरजा मोदी स्कूल मानसरोवर के बाहर सैकड़ों अभिभावक, विद्यार्थी और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एकजुट हुए। सबकी आंखें नम थीं, हाथों में मोमबत्तियाँ थीं और दिलों में बस एक ही पुकार — “Justice For Amaira!”
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शांतिपूर्ण मौन कैंडल मार्च में प्रदेशभर के अभिभावक, समाजसेवी संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। इस दौरान अमायरा के परिवारजन भी मौजूद रहे। मार्च कार्यक्रम में मानसरोवर अधिवक्ता क्लब, अग्रवाल समाज सेवा समिति, राजस्थान स्वास्थ्य सुधार संघर्ष समिति, अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ, आदिवासी महिला विकास संघ, और उड़ान चेरिटेबल ट्रस्ट जैसे संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही।
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कार्यक्रम से पूर्व संघ पदाधिकारियों ने उपस्थित अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि निजी स्कूलों की जवाबदेही तय की जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।
मार्च के बाद संयुक्त अभिभावक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने थाना इंचार्ज लखपत सिंह खटाना को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में नीरजा मोदी स्कूल प्रशासन की लापरवाही, साक्ष्य मिटाने और सूचना न देने के आरोपों की निष्पक्ष जांच हेतु विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की गई।
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संयुक्त अभिभावक संघ की प्रमुख माँगें:
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नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए।
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स्कूल प्रशासन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर जांच सुनिश्चित की जाए।
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NCPCR गाइडलाइन का पालन न करने वाले स्कूलों की सूची सार्वजनिक कर कठोर कार्रवाई की जाए।
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हर विद्यालय में मानसिक परामर्श सुविधा (Counseling) और 24×7 छात्र मानसिक हेल्पलाइन शुरू की जाए।
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प्रदेश में “विद्यालय सुरक्षा एवं भवन सत्यापन समिति” का गठन कर अभिभावक प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
संयुक्त अभिभावक संघ के पदाधिकारियों की टिप्पणियाँ:
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा — “अमायरा को न्याय दिलाना हमारा नैतिक कर्तव्य है। यह केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।”
प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा — “नीरजा मोदी स्कूल प्रशासन की चुप्पी और साक्ष्य मिटाने का प्रयास गंभीर अपराध है। सरकार को चाहिए कि ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द कर सख्त उदाहरण पेश करे।”
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा — “यह केवल एक बच्ची की नहीं, पूरे प्रदेश के बच्चों की सुरक्षा का सवाल है। यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह अभिभावकों का शिक्षा व्यवस्था पर से भरोसा तोड़ देगा। हम हर हाल में #JusticeForAmaira लेकर रहेंगे।”
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कार्यक्रम की विशेषताएँ:
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अभिभावकों ने अमायरा के चित्र के समक्ष मोमबत्तियाँ जलाकर मौन रखा।
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बच्चों और अभिभावकों ने #JusticeForAmaira और #JusticeForParents की तख्तियाँ लेकर न्याय की मांग की।
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पूरे आयोजन के दौरान पूर्ण शांति, अनुशासन और भावनात्मक एकजुटता देखने को मिली।
अमायरा की मौन पुकार अब हजारों अभिभावकों की आवाज बन चुकी है। यह केवल एक बच्ची की नहीं, पूरे समाज की सुरक्षा और संवेदनशीलता की लड़ाई है। संयुक्त अभिभावक संघ का यह कैंडल मार्च एक संदेश दे गया — जब तक बच्चों को सुरक्षित माहौल नहीं मिलेगा, तब तक यह न्याय की ज्योति जलती रहेगी।
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