
मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर के नए एकेडमिक ब्लॉक का केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने किया उद्घाटन
मणिपाल यूनिवर्सिटी के एकेडमिक ब्लॉक का केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने किया उद्घाटन
न्याय का धर्म संगत होना जरूरी: केंद्रीय कानून मंत्री
मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर एक विश्वस्तरीय प्रतिष्ठान: जस्टिस अनिल उपमन
हमने 2600 पेड़ काटे जरूर लेकिन विश्वविद्यालय के आसपास 50 हजार नए पौधे लगाए: अभय जैन
जयपुर, (dusrikhabar.com) मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर के एकेडमिक ब्लॉक का शनिवार को केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने उद्घाटन किया। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उद्घाटन समारोह के दौरान श्रीमती बसंती. आर. पाई सभागार में आयोजित कार्य़क्रम मे कानून के विद्यार्थियों को न्याय समय धर्म को ध्यान में रखते हुए न्याय की बात को समझाया। उन्होंने कहा कि, न्याय का धर्म संगत होना बेहद जरूरी है। इसके लिए आदि शंकराचार्य और मंडल मिश्र के साथ शास्त्रार्थ का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। (Union Minister Meghwal inaugurated the new academic block of Manipal University Jaipur)
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केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपमन, जयपुर सांसद मंजू शर्मा तथा बगरू विधायक डॉ. कैलाश चंद वर्मा के साथ मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर (एमयूजे) के तीसरे शैक्षणिक ब्लॉक का उद्घाटन करते हुए।
ये विशिष्ट अतिथि भी हुए समारोह में शामिल
राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस अनिलकुमार उपमन, जयपुर की सांसद मंजू शर्मा और बगरू के विधायक कैलाश वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। एमईएमजी के सलाहकार अभय जैन, एमयूजे के प्रो-प्रेसिडेंट प्रो. करुणाकर ए कोटेगार, एमयूजे की प्रोवोस्ट प्रो. नीतू भटनागर इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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(बाएं से दाएं) प्रोवोस्ट, एमयूजे, प्रोफेसर नीतु भटनागर; न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपमन; सलाहकार, एमईएमजी, अभय जैन; जयपुर सांसद मंजू शर्मा; बगरू विधायक डॉ. कैलाश चंद वर्मा; केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अर्जुन राम मेघवाल; प्रो-प्रेसिडेंट, एमयूजे; दीप प्रज्ज्वलन समारोह के दौरान प्रो. करुणाकर ए. कोटेगर।

सलाहकार, एमईएमजी, अभय जैन और प्रोफेसर करुणाकर ए. कोटेगर केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल को सम्मानित करते हुए
वहीं इस मौके पर एमयूजे की प्रोवोस्ट प्रो. नीतू भटनागर ने अतिथियों का स्वागत किया। एमयूजे के प्रो-प्रेसिडेंट प्रो. करुणाकर ए कोटेगार ने अपने संबोधन में मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर का परिचय दिया।

सलाहकार, एमईएमजी, अभय जैन, संबोधित करते हुए।
मुझे वसुंधरा गुट का मानते हुए भी सीएम गहलोत ने दी विश्वविद्यालय के लिए स्वीकृतियां: अभय जैन
एमईएमजी के सलाहकार अभय जैन ने मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर की लगभग डेढ़ दशक की यात्रा और समाज के विकास में इसके योगदान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जब अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे तब हमारी इस यूनिवर्सिटी के लिए हमारे प्रयास सफल हुए। व्यक्तिगत तौर पर मुझे वसुंधरा गुट का आदमी समझा जाता था लेकिन उसके बाद भी अशोक गहलोत ने राजस्थान में इस विश्वविद्यालय की जरूरत को समझते हुए हमें स्वीकृतियां दीं।
2600 पेड़ों की दी गई बलि लेकिन…
इस विश्वविद्यालय के निर्माण के समय 2600 पेड़ों को काटा गया लेकिन उसके बदले हमने यहां 50हजार पेड़ लगाए और इस क्षेत्र को विकसित कर यहां आस पास के लोगों के लिए रोजगार का जरिया भी बनें। 2011 में हमने यहां विश्वविद्यालय की नींव रखी और काम शुरु किया और केवल आठ महीने में इस विवि की पहली इमारत को तैयार किया। आज इस कैम्पस में 7मिलियन स्क्वॉयर फीट एरिया हमने विकसित किया है।
मेरा ऐसा मानना है कि हमारा विश्वविद्यालय नॉर्थ इंडिया सबसे बड़ा और सबसे जल्दी तैयार होने वाला विश्वविद्यालय है। हमारे इस विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी खासियत है कि यह जीरो फीसदी डिस्चार्ज वाला विश्वविद्यालय है जिसने भारत सरकार से 2014 में यह खिताब हासिल किया। उन्होंने बताया कि हमारे यहां ओपन टैंक्स में 15 लाख लीटर पानी एकत्र करते हैं और ग्राउंड वाटर रिचार्ज करते हैं।
मुख्य अतिथि अर्जुन मेघवाल ने मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर को अपने शैक्षणिक उत्कृष्टता और उपलब्धियों के लिए बधाई दी। उन्होंने इंजीनियरिंग, विज्ञान, वास्तुकला, प्रबंधन, मानविकी और कानूनी अध्ययन सहित विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में एमयूजे के निरंतर प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने आदि शंकराचार्य और पंडित मंडन मिश्र के बौद्धिक वाद-विवाद के कुछ उदाहरण दिए।

मणिपाल विश्वविद्यालय में नए अकेडमिक ब्लॉक के उद्घाटन के दौरान ऑडिटोरियम में मौजूद स्टूडेंट्स एवं फैकल्टी तथा अतिथिगण।
कानून और न्याय को बनाए रखने में नैतिक मूल्य जरूरी: जस्टिस उपमन
जस्टिस उपमन ने अपने संबोधन में कहा कि कानूनी शिक्षा तथा कानून और न्याय को बनाए रखने में नैतिक मूल्यों के पालन पर जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे की भूरी भूरी प्रशंसा की। जयपुर की सांसद मंजू शर्मा ने छात्रों को जीवन में उपलब्धियों के लिए नैतिक मार्ग चुनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। स्थानीय विधायक, बगरू, डॉ. कैलाश चंद वर्मा ने मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर की सराहना की, और उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में इस तरह के विश्व स्तरीय संस्थान होने पर गर्व महसूस किया।

मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में लॉ के छात्रों को संबोधित करते हुए जस्टिस अनिल कुमार उपमन।
राजस्थान में हाईकोर्ट में काम अधिक और न्यायाधीशों की संख्या कम है: जस्टिस अनिल कुमार उपमन
जस्टिस अनिल कुमार उपमन अपने संबोधन में कहा कि आज जब केंद्रीय कानून मंत्री खुद हमारे बीच मौजूद हैं तो हम उनसे राजस्थान हाईकोर्ट में जहां काम की अधिकता और न्यायाधीशों की संख्या काफी कम है, यहां न्यायाधीशों की संख्या 50 से बढ़ाकर 70 करने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की अधिकता है ऐसे में हमारे यहां न्यायाधीशों की बढ़नी चाहिए। चूंकि कानून मंत्री राजस्थान से ही हैं तो हमें उम्मीद है वो हमारी मांगों पर जरूर गौर करेंगे।
राजस्थान हाईकोर्ट में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रोसेस में
केंद्रीय मंत्री ने कहा आयोजन के बाद पत्रकारों से भी रूबरू हुए उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि जस्टिस अनिल कुमार उपमन ने जो मांग रखी है वो कंसलटेशन प्रोसेस में है। हम इस पर चर्चा करेंगे और अगर जरूरत लगी तो राजस्थान हाईकोर्ट में उनकी मांग के अनुसार न्यायाधीशों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि न्याय को लेकर हमने काफी विचार किया है पोक्सो कोर्ट बने हैं, नाबालिग बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं पर उन्हें त्वरित न्याय के लिए भी हमारी सरकार ने काफी काम किया है।

प्रोफेसर नीतु भटनागर, न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपमन, सलाहकार, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अर्जुन राम मेघवाल, एमईएमजी, अभय जैन, बगरू विधायक डॉ. कैलाश चंद वर्मा, प्रो-प्रेसिडेंट, प्रो. करुणाकर ए. कोटेगर।
शैक्षणिक ब्लॉक के औपचारिक उद्घाटन से पहले, अतिथियों ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया । इस के साथ अनुभव थिएटर, मणिपाल विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का अवलोकन किया।
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कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई और राष्ट्रगान के साथ समापन हुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डीन, निदेशक, संकाय सदस्य, छात्र और कर्मचारीगण शामिल हुए।
आज उद्घाटित नवनिर्मित शैक्षणिक ब्लॉक सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यह ब्लॉक विधि संकाय को समर्पित है। इस विधि भवन में पारंपरिक भारतीय ज्ञान प्रणाली और आधुनिक तकनीकें शामिल है। इसमें मूट कोर्ट, विशेष रूप से डिज़ाइन की गई लॉ लाइब्रेरी, पूरी तरह से वातानुकूलित कक्षाएँ, कंप्यूटर लैब, व्याख्यान थिएटर, सेमिनार हॉल, सम्मेलन कक्ष और बैठक कक्ष शामिल हैं । समारोह के आखिर में विधि संकाय की डीन प्रो. भारती ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।