
संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन जयपुर में, केंद्रीय मंत्री ने सीएम भजनलाल के लिए कही ये बड़ी बात…
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मध्य, पश्चिम एवं उत्तरी क्षेत्रों का संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित
जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में सोमवार को हुआ सम्मेलन
तकनीकी युग में हिंदी को डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी समाहित करना आवश्यक है – मुख्यमंत्री, भजनलाल शर्मा
हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के माध्यम से जन-जन तक संवाद स्थापित करते हुए देश की प्रगति सुनिश्चित की जाए –केंद्रीय मंत्री, नित्यानंद राय


किन्हें मिला पुरस्कार, देखिए पूरा वीडियो :-
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों तथा सरकारी उपक्रमों और बैंको के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को शील्ड और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुल 110 पुरस्कार प्रदान किये गए। मुख्यमंत्री द्वारा नेशनल पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में राजभाषा विकास द्वारा विकसित अनुवाद टूल कंठस्थ-२.० का समावेशन भी किया गया।

हिंदी भाषा हमारी संस्कृति, सोच और विचारों का सशक्त रूप
मुख्यमंत्री ने डिजिटल युग में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के तकनीकी युग में हिंदी को डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी समाहित करना आवश्यक है। इस सम्मेलन में कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने के नवीनतम तरीकों और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है, जो सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, सोच और विचारों का सशक्त रूप है। हमारे प्रदेश में हिंदी का प्रशासनिक क्षेत्र में व्यापक प्रयोग हो रहा है। राजकीय विभागों में हिंदी के मानक प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

राजभाषा हिंदी देश की एकता की सूत्रधार – केंद्रीय गृह राज्य मंत्री
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अपने संबोधन में कहा कि हमें देश की सभी भाषाओं का मान-सम्मान रखते हुए हिन्दी को राष्ट्रीय बोलचाल की भाषा बनाने के लिए प्रयास करना होगा। राजभाषा हिंदी का प्रयोग हमारी एकता का सूत्रधार है। उन्होंने कहा कि भाषा मानव समाज और देश की अंतः शक्ति है। यदि हम भाषा को उसके सीमित रूप में देखें तो यह केवल संप्रेषण का माध्यम मात्र है लेकिन यदि राष्ट्र के संदर्भ में देखा जाए तो भाषा और संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है जिसमें देशवासी संवाद करते हैं।


केन्द्र सरकार राजभाषा को समृद्ध और सक्षम बनाने के लिए कर रही निरंतर काम
राय ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को आखिरी सिरे तक पहुंचाना सरकारी तंत्र की सफलता की कसौटी है। हमारा लोकतंत्र तभी फल फूल सकता है जब हम जन-जन तक उनकी ही भाषा में उनके हित की बात पहुंचाएं और इसमें कोई संदेह नहीं कि राष्ट्रीय स्तर पर राजभाषा हिंदी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है।


राजभाषा के रूप में अधिक से अधिक करें हिंदी का प्रयोग
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, सांसद मंजू शर्मा और केन्द्रीय राजभाषा विभाग की सचिव सुश्री अंशुली आर्या ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। अंशुली आर्या ने कहा कि यह महाराणा प्रताप जैसे वीरों की भूमि है। हिंदी भाषा के क्षेत्र में भी राजस्थान का अमूल्य योगदान रहा है और आज इस धरती पर यह आयोजन हमारे लिए गर्व की बात है। राजभाषा के रूप में हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करें ये हमारा दायित्व है। साथ ही आज इस समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बधाई देते हुए इन सभी के उज्जवल भविष्य की हम कामना करते हैं।



इस अवसर पर सरकारी कामकाज में हिंदी में सर्वात्कृष्ट कार्य करने वाले मध्य, पश्चिम तथा उत्तर भारत के केंद्रीय सरकार के कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कृत भी किया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर राजभाषा विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौली, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष सहित 16 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों व उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
राजभाषा विभाग सरकारी काम-काज में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और इसी क्रम में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में देश के अलग-अलग भागों में चार क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। यह वर्ष 2024-25 का दूसरा आयोजन है। इससे पहले 04 जनवरी, 2025 को मैसूरु, कर्नाटक में इस वर्ष का पहला क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
