राजस्थान बनेगा ‘सुजलाम सुफलाम’ पीएम मोदी ने दिया राजस्थान को तोहफा…

राजस्थान बनेगा ‘सुजलाम सुफलाम’ पीएम मोदी ने दिया राजस्थान को तोहफा…

 

प्रदेश सरकार की पहली वर्षगांठ पर राज्य स्तरीय समारोह दादिया (जयपुर) में आयोजित

प्रधानमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की सौगात

एनजीबीआई लिंक परियोजना के तीन पैकेज का शिलान्यास, नवनेरा बैराज का लोकार्पण

ऊर्जा तंत्र सुदृढ़ीकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे की विभिन्न परियोजनाएं भी शामिल

प्रधानमंत्री ने इस समारोह में 46,365 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। 

जयपुर, (dusrikhabar.com)प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(PM Modi) ने मंगलवार को राजस्थान की भजनलाल सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की सौगात दी। कार्यक्रम में परियोजना के एमओए (MOA) पर हस्ताक्षर के साथ ही, केन्द्र और राज्य सरकार की 11,041 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण, 35,234 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं 58,546 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों की निविदा प्रक्रिया का प्रारम्भ भी हुआ।

पीएम मोदी ने का यह फोटो सामान्य नहीं 

पीएम मोदी ने राजस्थान की भजनलाल सरकार के एक वर्ष पूरा होने के राज्यस्तरीय समारोह में एमपी और राजस्थान में पावर्ती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को लेकर मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर वाली राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों की फोटो कोई सामान्य फोटो नहीं है, आने वाले कई सालों तक देशभर के लोग ये फोटो दिखाकर उनके राजनेताओं से सवाल पूछेंगे कि आप पानी पर राजनीति ही करते रहे और पानी समुद्र में बह गया, लेकिन एक कागज पर दस्तखत क्यों नहीं कर पाए आप लोग? 

मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव बोले 20साल पुराना झगड़ा खत्म हुआ

इधर राजस्थान सरकार के इस समारोह में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ये दोनों प्रदेशों का 20 साल पुराना झगड़ा था। दोनों प्रदेश में ये जल की सौगात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही मिल पाई है। इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों को सीधा फायदा मिलेगा। यहां की 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर भी सिंचाई हो सकेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य स्तरीय समारोह में केंद्र और राज्य की 46 हजार करोड़ से ज्यादा योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया।

देश का सबसे कनेक्टेड राज्य बनने जा रहा है राजस्थान – प्रधानमंत्री मोदी

  • पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान रेल सड़क और हवाई मार्ग से देश का सबसे कनेक्टेड राज्य बनेगा। हम सब जानते हैं कि वर्तमान में समय की बहुत कीमत है, लोगों का समय बचे इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। 
  • पीएम ने कहा कि जामनगर अमृतसर कॉरिडोर राजस्थान से जुड़ेगा तो इसका फायदा होगा और यह कॉरिडोर कांडला बंदरगाह से सीधा जुड़ा होगा, इसका फायदा राजस्थान के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में देखने को मिलेगा।
  • राजस्थान के युवाओं को ज्यादा काम मिलेगा। जोधपुर रिंग रोड से पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है।

हर परिवार और हर किसान बनेगा ऊर्जादाता 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा रूफटॉप सोलर योजना में 7 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा मिल चुका है। इसमें राजस्थान के भी 17000 से ज्यादा घर शामिल हैं।
  • हमारे खेतों में भी सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। पीएम कुसुम योजना में सैकड़ों नए सोलर प्लांट लगाने की तैयारी है। 
  • जब हर परिवार और हर किसान ऊर्जा पैदा करेगा तो फिर इससे लोगों की कमाई भी होगी और परिवार की आय भी बढ़ेगी। 

विकास की गारंटी होने लगी साकार

प्रधानमंत्री मोदी की प्रदेश के विकास की गारंटी का साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से संशोधित पार्वती-कालीसिंध चंबल (एकीकृत ईआरसीपी) परियोजना धरातल पर उतरना प्रारम्भ हो चुकी है। इस क्रम में प्रधानमंत्री ने परियोजना के प्रथम चरण में पेयजल के लिए कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्वती नदी पर महलपुर बैराज और नवनेरा बांध में संग्रहित जल के उपयोग हेतु नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा (एनजीबीआई) लिंक परियोजना के तीन पैकेज के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इन पैकेज में 9416.70 करोड़ रुपए की लागत से नवनेरा बैराज से गलवा बांध होते हुए बीसलपुर व ईसरदा बांध तक जरूरत के अनुसार जल प्रत्यावर्तन के लिए नहर तंत्र, पम्पिंग स्टेशन एवं पाइपलाइन का निर्माण कार्य किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत कालीसिंध नदी पर 1069 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नवनेरा बैराज का लोकार्पण भी किया।

उल्लेखनीय है कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध चंबल (एकीकृत ईआरसीपी) परियोजना पूरी होने पर राजस्थान के 21 जिलों में रहने वाले लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता के साथ साथ लगभग ढाई लाख हैक्टयर नये क्षेत्र में सिंचाई तथा लगभग डेढ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी। लाभान्वित जिलों में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरतल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दूदू, अजमेर, ब्यावर और केकड़ी शामिल है।

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के रूप में क्रियान्वित होगी यह परियोजना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इस बहुप्रतीक्षित प्रस्तावित परियोजना पर तत्परता बरतते हुए पहल की गई। जिसके बाद, इस परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के मध्य 28 जनवरी, 2024 को एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस परियोजना हेतु दोनों राज्यों की समेकित डीपीआर बनाने का कार्य केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा किया जा रहा है। एनडब्ल्यूडीए के निर्देशन में राजस्थान भाग की डीपीआर वेप्कोस द्वारा तैयार कर ली गई है। संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना को राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा।

ट्रांसपोर्ट सेक्टर और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

आज लोकार्पित हुई परियोजनाओं में से दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पूरी तरह प्रारंभ होने पर दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों को राजस्थान से जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेस-वे में से एक होगा। मेज नदी पर बड़ा पुल बनने से सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा और टोंक जिलों को लाभ मिलेगा। जयपुर और रणथम्भोर तक पर्यटकों का पहुंचना आसान होगा। किसानों की बड़ी मंडियों और बड़े बाजारों तक पहुंच आसानी होगी।

कटरा से लेकर कांडला एवं मुंद्रा बंदरगाहों तक सीधा संपर्क

जामनगर-अमृतसर इकोनॉमिक कॉरिडोर दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे के माध्यम से राजस्थान को मां वैष्णो देवी मंदिर से जोड़ेगा दूसरी तरफ उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क मिलेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर को मिलेगा और यहां बड़े-बड़े वेयरहाउस बनेंगे। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

जोधपुर शहर को जाम से मिलेगी मुक्ति

जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। जोधपुर आने वाले पर्यटक, व्यापारी और कारोबारियों को भी इससे फायदा होगा।

सुचारू एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मिलेगी सहायता

इसी तरह पावरग्रिड के सोलर एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र सुदृढ़ीकरण तथा स्मार्ट विद्युत ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं असेट मैनेजमेन्ट सिस्टम के कार्यों से प्रदेश में आमजन को सुचारू एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। इसी तरह, भीलड़ी-समदड़ी-लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग के विद्युतीकरण से यात्रियों को गंतव्य स्थल पर शीघ्र पहुंचने में आसानी होगी। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पार्वती नदी के जल से भरा कलश, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कालीसिंध नदी का जल कलश तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने चंबल नदी का जल कलश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जिन्हें उन्होंने रामसेतु जल संकल्प कलश मे प्रवाहित किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को भगवान श्रीनाथ जी की तस्वीर और जयपुर की ब्लू पॉटरी का शंख भेंट किया। समारोह में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के बीच हस्ताक्षरित मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर परियोजना पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई गई। 
इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, डॉ. प्रेम चंद बैरवा, जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद मदन राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सहित राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, सांसद, विधायक सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।  

इन परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास-

– 9416 करोड़ की लागत से कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्बती नदी पर महलपुर बैराज एवं  चम्बल नदी पर जलसेतु (एक्वाडक्ट) सहित नवनेरा बैराज से बीसलपुर बांध तथा ईसरदा बांध में जल अपवर्तन तंत्र निर्माण।
– 676 करोड़ रुपए की लागत से धौलपुर से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामां और पहाड़ी तक पेयजल ट्रांसमिशन एवं चंबल- धौलपुर-भरतपुर रेट्रोफिटिंग का कार्य।
– 2,522 करोड़ रुपए की लागत से सरकारी कार्यालय भवनों पर रूफटॉप सोलर संयत्रों की स्थापना।
– 1,200 करोड़ रुपए की लागत से पूगल (बीकानेर) में आरवीयूएनएल के 2000 मेगावाट सोलर पार्क का विकास 
–  590 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज प्रथम।
– 588 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज द्वितीय। 
– 1382 करोड़ रुपए की लागत से भड़ला -3 और बीकानेर -3 कॉम्पलेक्स के इन्टरकनेक्शन के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम हेतु प्रसारण तंत्र का सदृढीकरण। 
– 13028 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र हेतु विभिन्न फेज के 5 कार्य। 
– 5922 करोड़ रुपए की लागत से लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेलमार्ग, अजमेर-चंदेरिया (चित्तौडगढ़) रेलमार्ग एवं जयपुर-सवाई माधोपुर रेलमार्ग के दोहरीकरण का कार्य। 

इन परियोजनाओं का लोकार्पण –

-1069 करोड़ रुपए की लागत से कालीसिंध नदी पर निर्मित नवनेरा बैराज।
– 764 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट विद्युत ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं असेट मैनेजमेन्ट सिस्टम का कार्यान्वयन
– 5,039 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के सोलर एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र सुदृढ़ीकरण के  फेज-2 के 3 कार्य।
– 1420 करोड़ रुपए की लागत से 8-लेन दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसव के मेज नदी-एसएच-37 ए जंक्शन (पैकेज 12) खण्ड का लोकार्पण।
-1308 करोड़ रुपए की लागत से 4-लेन जोधपुर रिंग रोड डांगियावास-जाजीवाल (पैकेज-1) खण्ड का लोकार्पण।
– 839 करोड़ रुपए की लागत से 6-लेन अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर देवगढ़-राजस्थान/गुजरात सीमा (पैकेज 8) खण्ड का लोकार्पण। 
-602 करोड़ रुपए की लागत से भीलड़ी- समदड़ी- लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़  रेलमार्ग के विद्युतीकरण कार्य।
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