
पीआर एजेंसी की नाकामी, राइजिंग राजस्थान समिट पर भारी…!
राइजिंग राजस्थान समिट में कैसे होगा लोक कला का प्रदर्शन ?
लोक कलाकारों की सूची, किसकी क्या परफाॅर्मेंस, कोई अता-पता नहीं ?
बीआईपी, CII और एपको वर्ल्डवाइड पीआर एजेंसी के पास है पूरे इवेंट की जिम्मेदारी
लेकिन सूचनाओं के अभाव में लोगों तक नहीं पहुंच सकी पूरी जानकारी
एपको (Apco Worldwide) पीआर एजेंसी के प्रतिनिधियों को ही नहीं पता कौन कौन से लोक कलाकार तीन दिवसीय आयोजन में देंगे प्रस्तुतियां
बीआईपी, CII और पीआर एजेंसी एपको वर्ल्डवाइड ने हाईजैक किया पूरा सिस्टम
जयपुर,(dusrikhabar.com)। जयपुर में इंटरनेशनल स्तर के आयोजन राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट 2024 में सूचनाओं के अभाव में मीडिया के पास सम्पूर्ण जानकारी नहीं पहुंच सकी जिसके कारण राजस्थान की जनता उन सभी सूचनाओं से अनभिज्ञ है जो उसे पता होना चाहिए था। राजस्थान सरकार ने इस आयोजन पर करोड़ों रूपए खर्च किए हैं लेकिन जिन विभागों और पीआर एजेंसियों को सूचनाओं का आदान प्रदान करना था वो पूरी तरह से उसमें सफल नहीं हो पाए। सूचनाओं के अभाव में कोई कॉर्डिनेर करने वाला नहीं मानो ऐसा लग रहा है कि बीआईपी और पीआर एजेंसी एपको वर्ल्डवाइड ने पूरा सरकारी सिस्टम हाईजैक कर लिया हो।
न सूचनाएं, न ही खबरें मिल रहीं पीआर एजेंसी से
आपको बता दें कि ब्यूरो ऑफ इंवेस्टमेंट प्रमोशंस (BIP) विभाग को सरकार की ओर से ये जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन विभागीय चूक के चलते आयोजन के दिन तक ये राइजिंग राजस्थान समिट से जुड़ी सूचनाएं जो खबरों के माध्यम से लोगों तक पहुंचनी चाहिए थी वो नहीं पहुंच सकीं। दरअसल BIP के अलावा सरकार से आयोजन के नाम पर मोटा पैसा एंठने वाली CII ने भी राइजिंग राजस्थान समिट में लोक कलाकारों को लेकर पूरी तैयारियों नहीं की जिसके चलते राजस्थानी परंपरा से लोक कलाकारों द्वारा लोगों के स्वागत और प्रस्तुतियों का आयोजन नहीं हो पाया। और शायद यही कारण रहा कि समाचारों में राजस्थान के इस सबसे बड़े समिट की खबरें किसी को नहीं मिल पाईं और अखबारों, चैनलों और डिजिटल प्लेटफार्म पर जितनी खबरें प्रकाशित होनी चाहिए थी वो भी नहीं हो पाईं।
लास्ट मूमेंट तक मुख्यमंत्री खुद जुटे रहे तैयारियों में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस आयोजन में शामिल हो रहे हैं उस आयोजन का अगर प्रमोशन भी पूरी तरह से नहीं पाए तो प्रदेश के लिए गर्व की बात नहीं होगी। खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिन रात एक कर इस आयोजन की तैयारियों में जुटे रहे। साथ ही उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने भी इस आयोजन के लिए जबरदस्त मेहनत की है। लेकिन कहीं न कहीं कुछ विभागों की कमियों और चूक के चलते सरकार के इस समिट का प्रचार-प्रसार वैसा नहीं हो पाया जैसा मुख्यमंत्री ने सोचा था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक मीटिंग में अधिकारियों को ये निर्देश भी दिए थे कि ज्यादा से ज्यादा इस इवेंट का प्रचार-प्रसार होना चाहिए, सभी मीडिया संस्थान चाहे वो छोटे हों या बड़े सभी के साथ इस आयोजन की सूचनाएं, खबरें साझा कर उन्हें प्रचार प्रसार के लिए प्रोत्साहित करें, लेकिन क्या ऐसा हो पाया।
पीआर एजेंसी एपको वर्ल्डवाइड नहीं कर पाई नेशनल लेवल के आयोजन का सही प्रमोशन
इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार Apco worldwide पीआर एजेंसी की नाकामी सामने आई है जो राजस्थान सरकार से मोटी राशि वसूलकर भी सूचनाओं को समाचारों के माध्यम से लोगों तक नहीं पहुंचा सकी। एपको एजेंसी की नाकामी केवल इस बात से लगाई जा सकती है कि देश दुनिया से आने वाले देशी-विदेशी मेहमानों के सामने राजस्थान की लोक कला का प्रदर्शन होना सरकार की ओर से तय किया गया है लेकिन आयोजन के समय तक कौन कौन कलाकार कहां कहां किस लोक कला को प्रदर्शित करेंगे इसकी सूचनाएं तक साझा नहीं की गई। आपको बता दें कि एपको पीआर एजेंसी जिसने सरकार से इस आयोजन के लिए मोटा पैसा वसूला होगा उसके प्रतिनिधियों के पास भी ये जानकारी नहीं है।
पधारो म्हारे देश कैसे?
ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब प्रचार-प्रसार में जुटी एजेंसी को ही नहीं पता कौन कौन से लोक कलाकार इस आयोजन में प्रदर्शन करेंगे। एपको पीआर एजेंसी की इस घोर लापरवाही के चलते राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में शामिल हो रहे देशी विदेशी मेहमान राजस्थान की लोककला से महरूम रह जाएंगे। साथ ही राजस्थान जो कि पधारो म्हारे देस की थीम पर लोगों के स्वागत के लिए अपने लोक कलाकारों के माध्यम से हमेशा तैयार रहता है, आज मेहमानों का स्वागत नहीं कर पाया।
लोक कलाकारों की सूचनाएं गौण
ये ही नहीं तीन दिवसीय इस आयोजन में किस लोक कलाकार को कहां प्रस्तुति देनी है ये भी खबर लिखे जाने तक तय नहीं था। आपको ये भी बता दें कि जानकारी मांगने के बावजूद ब्यूरो ऑफ इंवेस्टमेंट प्रमोशंस के अधिकारियों ने पीआर एजेंसी का नम्बर दे दिया, जब पीआर एजेंसी के प्रतिनिधि से बात की वहां से पर्यटन के प्रतिनिधि का नम्बर मिला लेकिन खबर लिखे जाने तक कहीं से भी तीन दिवसीय समिट में लोक कलाकारों की क्या भूमिका रहेगी ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
केवल सोनू निगम और रविंद्र उपाध्याय की खबरें पूरी मीडिया में, लोक कलाकार गौण
लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों की सूचनाओं के अभाव में इन कलाकारों का नाम और कौन क्या प्रस्तुति देगा ये खबरें अखबाराें, चैनलों और सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर प्रकाशित नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि सरकार अपने लोक कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन एपको जैसी पीआर एजेंसियां सरकार के इस फंड को हजम करने में लगी है।
बहरहाल सरकार की ओर से इस तरह की बदइंतजामी को लेकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं ये जनता तय करे, क्योंकि सरकार जिस डेडिकेशन से प्रदेश के विकास पर पैसा खर्च कर रही है उसका पूरा आउटपुट उसे इन एजेंसियों से नहीं मिल रहा है।