
PM नरेंद्र मोदी रिटायर होंगे?, भाजपा की ओर से आधिकारिक घोषणा…!
न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन…
नरेंद्र मोदी आज हुए 74 वर्ष के, 75वें वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने किया प्रवेश
उदयपुर के शेफ हर्षवर्धन सिंह शक्तावत का मोदी को अनोखा बर्थडे विश
राजनीति में रिटायरमेंट का संविधान में नहीं कोई जिक्र, तो फिर भाजप में 75 वर्ष पर राजनेता के रिटायरमेंट का कहां से बना नियम
क्या लालकृष्ण आडवाणी की तरह पीएम मोदी पर भी पार्टी की ओर से बनेगा रिटायरमेंट का दबाव
विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार।
जयपुर, (dusrikhabar.com)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 74वर्ष के पूरे हो चुके हैं। आज देश ही नहीं विदेशी दोस्तों से भी प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाइयां और शुभकामनाएं मिलती रहीं। पूरे देश में जहां पीएम मोदी के लिए दुआओं का सिलसिला जारी रहा वहीं भाजपा की और से भाजपा शासित प्रदेशों में कई तरह योजनओं और घोषणाओं से लोगों को दिल जीतकर पीएम मोदी के जन्मदिन पर देशवासियों को कई सौगातें भी दी गईं। वहीं देशवासियों ने भी अपने अपने अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी के बेहतर स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए दुआ मांगी और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
उदयपुर के शेफ हर्षवर्षन शक्तावत ने अनोखे अंदाज में मोदी का कहा “Happy Birthday”
ऐसे ही मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए राजस्थान के उदयपुर शहर के होटल में काम करने वाले शेफ हर्षवर्धन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को अनोखे अंदाज में बधाई और शुभकामनाएं दी। राजस्थान के इस खूबसूरत झीलों के शहर के एक शेफ ने तरबूज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को हूबहू मोदी के जैसा बनाकर सबको हैरत में डाल दिया। अब जब लोगों ने इस शेफ की इस कला को देखा तो हर कोई उनके इस हुनर की प्रशंसा करते नहीं थक रहा। तरबूज पर पीएम मोदी की तस्वीर उकेरने वाले शेफ #हर्षवर्धन सिंह शक्तावत इस समय सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हो रहे हैं।
क्या आपको पता है कि इसी वर्ष 20024 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूछा था अन्य नेताओं की तरह पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर सवाल और इस पर अमित शाह ने दी थी सफाई उन्होंने कहा था कि मोदी 2024 में भी भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे और 2029 में भी वे एनडीए की सरकार के मुखिया के रूप में भारत के प्रधानमंत्री पद पर शाेभायमान होंगे। भारत में ऐसा कोई संविधान का नियम नहीं कि राजनेता 75 वर्ष की उम्र के बाद राजनीति से संन्यास ले ले।
भाजपा में हालांकि नहीं फिलहाल ऐसा कोई नेता जो ले सके मोदी का स्थान तो, क्या मोदी ही बने रहेंगे प्रधानमंत्री ?
राजनीति से रिटायरमेंट का संविधान में नहीं कोई नियम
आपको बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 में संसद का सदस्य के लिए जरूरी योग्यताओं के अनुसार लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 25 साल और राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 30 साल की उम्र तय की गई है। लेकिन भारतीय संविधान में राजनीति से रिटायर होने की उम्र सीमा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मंत्री, सांसद और विधायक आदि पदों पर रहने के लिए सेवानिवृत्ति की कोई उम्र सीमा नहीं है। चाहे जितनी बार चुनाव जीतकर वे अपने पद पर पुन: दावेदारी जता सकते हैं।
आडवाणी की तरह मार्गदर्शक मंडल में शामिल होंगे मोदी…?
ऐसे में भाजपा में 75 वर्ष के बाद राजनीति से रिटायरमेंट का नियम कैसे तय हुआ इसका भी खुलासा आगे हम खबर में करेंगे। अब सवाल ये है कि क्या लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी की तरह पीएम मोदी भी 75 वर्ष का पूरा होने पर पीएम पद से रिटायरमेंट ले लेंगे या पार्टी की परिपाटी के अनुसार उन्हें भी पद से त्यागपत्र दिलाया जाएगा। लेकिन अब भाजपा के परिपेक्ष्य में देखें तो प्रधानमंत्री मोदी की जगह किसे पार्टी अपने नेता चुनेगी या फिर पीएम मोदी को पार्टी एक्सटेंशन देकर भाजपा में चले आ रहे मिथक का अंत होगा।
जहां तक अन्य देशों का सवाल है अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 81 वर्ष का होने के बावजूद अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं और एक बार फिर वो अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। तो फिर भारत में बल्कि भाजपा में ये नियम कैसे और कहां से आया कि 75वर्ष के बाद राजनीति से संन्यास लेना जरूरी है।
तो क्यों उम्र दराजी इनके लिए बनी बंधन?
पिछले दो दशकों की राजनीति को हम गौर से देखें तो नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 के बाद से ही पार्टी में इस तरह की परिपाटी ने जन्म लिया कि 75 वर्ष के बाद भाजपा के नेता सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे और पर्यवेक्षक के तौर पर और एक मार्गदर्शक के रूप में पार्टी को अपने अनुभव से लाभान्वित करते रहेंंगेे। पीएम मोदी के पहली बार पीएम बनने के बाद अरुण शौरी, यशवंद सिन्हा और लालजी टंडन को मोदी ने अपनी कैबिनेट में शामिल नहीं किया। वहीं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भी 75वर्ष से अधिक आयु होने के चलते राजनीति से दूर मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया।
अमित शाह का बड़ा बयान आया था 2019 में
इधर आनंदी बेन और नजमा हेपतुल्ला को भी 75 वर्ष से अधिक होने के कारण अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक मैग्जीन को इंटरव्यू दूते हुए अमित शाह ने कहा था कि 75साल से किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है यह भारतीय जनता पार्टी का फैसला है और इसके बाद कई अन्य नेताओं को भी टिकट का दिया गया जिसमें संतोष गंगवार और रीता बहुगुणा भी शामिल हैं।
नहीं कोई उम्र का नियम, येदियुरप्पा सहित कई नेताओं को मिला भााजपा में सक्रिय पद
लेकिन भाजपा ने अपने इस नियम को खुद के लिए ही 2022 में तोड़ा जब बीएस येदियुरप्पा को उन्होंने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सक्रिय स्थान दिया। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो येदियुप्पा को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों का लाभ लेने के लिए राजनीति से 79 वर्ष होने के बावजूद रिटायर नहीं किया गया। इनके साथ साथ योगेश पटेल, सत्यानारायण जटिया, नागेंद्र सिंह और रघुनाथ सिंह रघुवंशी भी ऐसे ही नाम है जिन्हें भाजपा ने नियमों से इतर सक्रिय राजनीति में मौका दिया।
पीएम मोदी का बढ़ता इंटरनेशनल वर्चस्व
अब सवाल ये है कि क्या राजनीति में पीएम मोदी के इंटरनेशनल लेवल पर बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए भाजपा एक बार फिर अपने ही बनाए कायदे कानून दरकिनार कर नरेंद्र मोदी को 2029 में प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाएगी। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों से मिल रहे संकेतों की मानें तो भाजपा में नरेंद्र मोदी एक बार फिर 2029 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार भाजपा की ओर से बनाए जा सकते हैं। अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे जेपी नड्डा ने भी 2019 के चुनावों से पहले ये बात कही थी कि भाजपा के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान या नियम नहीं है कि 75 साल बाद राजनीति से रिटायरमेंट लेना ही पड़ेगा।
मोदी पर नहीं लागू होगा कोई उम्र का बैरियर, ये भी रहेंगे कारण
इधर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी पर 75 वर्ष का बैरियर लागू नहीं होने के पीछे कई सारे फेक्टर हैं। जैसे मोदी के सामने कोई दूसरा नेता अभी तक नहीं खड़ा है वहीं मोदी का बढ़ता इंटरनेशनल वर्चस्व जिससे भारत की साख दुनिया भर में इंदिरा गांधी के समय की याद दिलाती है। वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अभी तक भारतीय राजनीति में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहकर एक रिकॉर्ड बनाया है जिसे नरेंद्र मोदी किसी भी सूरत में तोड़ना चाहेंगे क्योंकि मोदी को राजनीति में नए नए रिकॉर्ड बनाना पसंद है और किसी भी हालत में मोदी जवाहर लाल नेहरु के तीन बार प्रधानमंत्री बनने के समय के रिकॉर्ड को तोड़ कर ही मानेंगे।
आपको ये भी जानने की है जरूरत
- 2029 में अगर चौथी बार प्रधानमंत्री पद की दावेदारी जताएंगे मोदी तो 2029 में मोदी हो जाएंगे 79 वर्ष के
- हालांकि भारतीय राजनीति में अन्य पार्टियों में अभी भी ऐसे कई चेहरे हैं जो स्वस्थ रहकर 75 वर्ष से ऊपर होने के बाद भी राजनीति में सक्रिय हैं
- इन नेताओं में जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा सर्वाधिक 91 वर्ष, दूसरे नम्बर पर 86वर्ष के फारुख अब्दुल्ला, तीसरे नम्बर पर एनसीपी नेता शरद पवार 83वर्ष के हो चुके हैं
- इधर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे-82 वर्ष, अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद-79 वर्ष और सोनिया गांधी 77वर्ष वर्ष पूरा होने के बाद भी राजनीति में सक्रिय हैं।