
उज्जैन में शिवभक्तों ने बनाया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, 1500 भक्तों ने बजाया डमरू…
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति और मध्य प्रदेश सरकार का संयुक्त प्रयास
1500 भक्तों ने एकसाथ डमरू बजाकर बनाया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में शिवभक्तों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) बनाया है। श्रावण के सोमवार यानि 5 अगस्त 2024 को महाकाल की नगरी उज्जैन को एक बार फिर से विश्व पटल पर पहुंचा दिया है। इस बार शिवभक्तों ने शिवजी के डमरू को लेकर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
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श्रावण मास में 1500 भक्तों ने उज्जैन के (Shri Mahakaleshwar Temple) शक्ति पथ महाकाल लोक में एक साथ डमरू बजाकर एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। यह आयोजन सोमवार को सुबह 11:30 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति और मध्य प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।
विश्व रिकॉर्ड सलाहकार निश्चल बरोट की परिकल्पना
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने आयोजन स्थल पर आधिकारिक घोषणा कर इस अद्वितीय कीर्तिमान को मान्यता दी। रिकॉर्ड बनाने के इस प्रयास की परिकल्पना और क्रियान्वयन विश्व रिकॉर्ड सलाहकार निश्चल बरोट द्वारा किया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सभी मानदंड पूरे किए गए हैं।
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डमरू की आध्यत्मिक ध्वनि से ब्रह्मांड का निर्माण
ऐसी मान्यता है कि डमरू को भगवान शिव (Shiv) द्वारा बनाया गया था। ऐसा भी माना जाता है कि इस पवित्र वाद्य यंत्र से उत्पन्न हुई आध्यात्मिक ध्वनियों द्वारा ब्रह्मांड का निर्माण और नियमन हुआ था। इस वाद्य यंत्र को सामूहिक रूप से बजाने से इस आयोजन में गहन आध्यात्मिक महत्ता जुड़ गई।
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वर्ल्ड रिकॉर्ड के दौरान ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद उमेशनाथ महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया, उज्जैन उत्तर विधायक अनिल कालूहेड़ा, घट्टिया विधायक सतीश मालवीय, उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल, उज्जैन नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव, नगर जिला अध्यक्ष विवेक जोशी और उज्जैन उत्तर विधानसभा संयोजक जगदीश पांचाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह रिकॉर्ड-निर्माण आयोजन ने न केवल उज्जैन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को उजागर किया बल्कि भक्ति और परंपरा की सामूहिक अभिव्यक्ति के लिए लोगों को साथ लाया।