
“नाथ के द्वारे शिव” मिराज ग्रुप द्वारा स्थापित मूर्ति का मोरारी बापू ने ही क्यों…?
शिव क्यों आए श्रीनाथजी के द्वार…! “नाथ के द्वारे शिव” सीरिज का दूसरा भाग
“विश्वास स्वरूपम” (Vishwas Swaroopam) शिव प्रतिमा लगने की अद्भुत कहानी
मिराज ग्रुप के एमडी मदन पालीवाल का सपना हुआ साकार
विश्व के नक्शे पर आया श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा का नाम
विजय श्रीवास्तव,
नाथद्वारा। Shreenathji यूं तो भगवान विष्णु की नगरी कहलाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान SHIV भी भगवान विष्णुजी के बाल स्वरूप के दर्शन के लिए जोगी बन उनके द्वार पहुंच गए थे। भगवान विष्णु के घर में शिव के आगमन के पीछे भी एक अलौकिक कहानी है और उससे रोचक है शिव प्रतिमा (@statueofbelief) की श्रीनाथजी में स्थापना। दरअसल मिराज ग्रुप के एमडी मदन पालीवाल की एक इच्छा थी कि नाथद्वारा का नाम विश्व पटल पर आए और उसे पूरा करने के लिए मदन पालीवाल ने एक सपना देखा। बस फिर अपने धर्म गुरु से आशीर्वाद लेकर पालीवाल जुट गए उसे साकार करने में।
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श्रीनाथजी में कैसे स्थापित हुई शिव की “विश्वास स्वरूपम” प्रतिमा
भगवान शिव ने भगवान विष्णु यानि श्रीनाथजी के बाल स्वरूप के दर्शन के लिए जो वेश धारण किया ठीक उसी स्वरूप को बारीकी से तराश कर श्रीनाथजी में शिव प्रतिमा को स्थापित किया गया। यहां जो प्रतिमा लगाई गई है वो भगवान शिव की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा है।
श्रीनाथजी (Shreenathji) में स्थापित इस शिव प्रतिमा (Vishwas Swaroopam) की ऊंचाई 369 फीट है। पहले इस प्रतिमा को 270 फीट की बनाने का निर्णय लिया गया था लेकिन उसमें कुछ सुधार करते हुए इसे विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बनाने का लक्ष्य रखा गया और आज मदन पालीवाल का वो सपना साकार हो गया जिसमें उन्होंने नाथद्वारा को विश्व पटल पर लाने के बारे में सोचा था।
शिव क्यों और कब पहुंचे श्रीनाथजी के बाल स्वरूप से मिलने?
हमारे धार्मिक ग्रंथों में लिखी कथा के अनुसार भगवान विष्णु के बाल स्वरूप श्रीकृष्ण के दर्शन को लालायित भगवान शिव एक दिन मां यशोदा के घर पहुंच गए। भगवान शिव को लगा कि वे कैसे कान्हा के दर्शन कर पाएंगे उनके चेहरे के तेज और लालिमा को देख पाएंगे तो भगवान शिव ने एक साधु का वेश धारण किया और पहुंच गए यशोदा के घर बालकृष्ण के दर्शन के लिए।
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मिराज ग्रुप के मदन पालीवाल का सपना हुआ साकार
ग्रुप से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मदन पालीवाल (Madan Paliwal) को नाथद्वारा में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा (World’s tallest Shiva statue) बनाने का ख्याल एक दिन राजसमंद से नाथद्वारा आते समय आया। उन्हें लगा कि क्यों न दूर से दिखने वाले दो पहाड़ों के बीच भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की जाए। बस फिर उन्होंने अपनी पूरी ताकत और श्रद्धा से इस सपने रूपी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए।
मदन पालीवाल ने इसके पीछे हमारे ग्रंथों को तलाशा और फिर क्या उन्हें शिव के कान्हा के घर आने का वो दृश्य मिला जिसने उनके ख्वाब को पूरा करने की दिशा में उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
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मोरारी बापू ने ही क्यों किया शिव प्रतिमा का शिलान्यास-लोकार्पण
दरअसल तकरीबन 38 साल पहले मिराज ग्रुप (Miraj Group) के एमडी मदन पालीवाल एक रामकथा के आयोजन में शामिल हुए। इस रामकथा से वे इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने रामकथा वाचक मोरारी बापू (Morari Bapu) को अपना गुरु बना लिया। बस पालीवाल ने तभी से खुद को मोरारी बापू को समर्पित कर दिया। जब उन्होंने मूर्ति की स्थापना का सपना देखा तो मोरारी बापू से इसके लिए आग्रह किया।
मोरारी बापू ने इसे मानवहित और परोपकारी काम बताते हुए उन्हें इस काम को शुरू करने की आज्ञा दी। पालीवाल ने अपने धर्म गुरु मोरारी बापू से आशीर्वाद लिया और जुट गए नाथद्वारा को विश्व पटल पर लाने के सपने को साकार करने में। इसीलिए पालीवाल ने अपने धर्म गुरू मोरारी बापू से ही मूर्ति का शिलान्यास और लोकार्पण का शुभ कार्य करवाया।
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पिछले साल 10 लाख पर्यटक पहुंचे नाथद्वारा
राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी नाथद्वारा नगरी काफी आगे है। पर्यटकों के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में पर्यटन नगरी उदयपुर में 17 लाख पर्यटक पहुंचे उनमें से अकेले नाथद्वारा में 10 लाख पर्यटक आए। यानि उदयपुर पहुंचने वाले पर्यटकों में से 60 फीसदी पर्यटक नाथद्वारा भी पहुंचे। सूत्रों की मानें तो नाथद्वारा आने वाले पर्यटकों में सबसे ज्यादा 40फीसदी गुजरात-राजस्थान और महाराष्ट्र से आते हैं। इसके अलावा शेष 60फीसदी पर्यटक भारत के अन्य राज्यों से यहां आते हैं।

भगवान शिव का अर्द्धनारिश्वर स्वरूप
मूर्ति की खास बातें:
- विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम की विशेषताएं
- मूर्ति पूरी तरह से मेड इन इंडिया की तर्ज पर भारत में ही तैयार हुई है
- 51 बीघा में फैला है शिव प्रतिमा से जुड़ा पूरा प्रोजेक्ट।
- इस प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन में साइरस मिस्त्री की कंपनी शापुरजी पालोनजी ने किया है काम।
- कोर वॉल तकनीक से बनी शिव प्रतिमा के आधार का 10 फीट हिस्सा है जमीन के अंदर है।
- 369 फीट ऊंची इस विश्वास स्वरूपम प्रतिमा का आधार 30X25 मीटर है
- प्रतिमा के निर्माण में 2600 टन स्टील और 2601 टन लोहे का इस्तेमाल किया गया है।
- प्रतिमा के निर्माण में 26,618 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है।
- प्रतिमा जिस तकनीक से बनी है उसके चलते सैकड़ों वर्षों तक बना किसी रख-रखाव के मूर्ति सुरक्षित रहेगी।
- प्रतिमा की मजबूती और सुरक्षा के लिए आस्ट्रेलिया की लैब में इसका परीक्षण हुआ है
- जांच के अनुसार 250 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार चलने वाली हवा-बारिश और गिरने वाले ओले भी रहेंगे इस प्रतिमा पर बेसर रहेंगे।
- प्रतिमा के अंदर 280 फीट ऊंचाई तक जाने के लिए दो अलग अलग लिफ्ट हैं।
- प्रतिमा में 318 फीट तक जाने के लिए दो अन्य लिफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
- वहीं शेष 51 फीट जाने के लिए करीब 80 सीढ़ियों का इस्तेमाल किया जाता है।
- 280 फीट पर शिवजी के कंधे से अरावली की पहाड़ियों का विहंगम दृश्य का नजारा दिखता है।
- एक बार में प्रतिमा के अंदर 60 लोगों के अंदर खड़े रहने की क्षमता है।
- प्रतिमा के अंदर एक दिन में अधिकतम 700 लोगों की एंट्री की मंजूरी है।
- 10-10 लोगों का ग्रुप शिव प्रतिमा के अलग-अलग हिस्सों पर जाकर घूम सकते हैं
- प्रतिमा स्थल के आसपास ऑक्सीजन पार्क, वैक्स म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो, वांटर फाउंटेन और कैफेटेरिया जैसी कई अन्य आकर्षण की चीजें है।
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“नाथ के द्वारे शिव” सीरीज के अगले भाग में …. इनका भी जानेंगे जवाब:-
- विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा में क्या-क्या हैं खामियां?
- पर्यटकों के लिए कितना है टिकट, क्या होता है इससे आने वाले रेवेन्यू का ?
- कैसे करें इस स्थल का पूरा भ्रमण, कितना लगेगा समय, किसे मिल रही टिकट पर छूट
- दर्शनीय स्थल की क्या-क्या हैं खास बातें, आखिर क्या देखने यहां पहुंच रहे लाखों पर्यटक
- मिराज ग्रुप को इससे क्या हुआ फायदा?
- मिराज ग्रुप के क्या थे लोगों-प्रशासन से वादे ?, क्या स्थानीय लोगों को मिला रोजगार?
- स्थानीय लोगों को और सरकार को क्या मिला इस प्रोजेक्ट से ?
- कौन-कौन से जनप्रतिनिधि हैं इसकी पृष्ठभूमि में और क्यों ?
- कितने समय में बनकर तैयार होनी थी शिव प्रतिमा, क्यों लगे 10वर्ष, क्या क्या फंसे से पेच ?
- पर्यटन विभाग का इसमें क्या रहा सहयोग और क्या हुआ फायदा?
- योग गुरु बाबा रामदेव को क्या नजर आया नाथद्वारा में, रामदेव के लोकार्पण समारोह में आने के पीछे क्या क्या रहे कारण?
- पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मदन पालीवाल को किस चीज से दूर रहने की नसीहत दी?
- कैसे मिराज ग्रुप (तम्बाकू) के एमडी मदन पालीवाल ने खड़ा किया इतना बड़ा एंपायर?
- मदन पालीवाल कैसे 200 रूपए से पहुंचे 10 हजार करोड़ रूपए के एंपायर तक ?
- पालीवाल का इंटरनेशनल स्तर का एक और नया प्रोजेक्ट जल्द होगा तैयार, क्या है ये नया प्रोजेक्ट राजस्थान को क्या मिलेगा फायदा?
हम आपको बताएंगे इस पूरी सीरिज में क्या है मिराज ग्रुप और नाथद्वारा की पूरी कहानी… पढ़ते रहिए “नाथ के द्वारे शिव” सीरिज।