
लोकसभा चुनाव, राजस्थान में बांसवाड़ा-भीलवाड़ा सीट पर क्यों फंसा पेच…?
प्रदेश की 25 में से 24 सीटों पर दोनों पार्टियों ने खोले पत्ते
राजस्थान की इन 15 महत्वपूर्ण सीटों पर क्या बन रहे समीकरण?
भाजपा-कांग्रेस ने काफी जोड़-बाकी के बाद बांटे उम्मीदवारों को टिकट
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) को लेकर जबरदस्त माहौल है। दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियां भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) अपने-अपने उम्मीदवारों का जोड़-तोड़ निकालकर टिकटों के बंटवारे में जुटी हैं। राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर अभी भी पूरी तरह से दोनों दलों ने अपने अंतिम पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि दोनों ही राजनीतिक दलों ने करीब-करीब सीटों पर उम्मीदवारों को ऐलान कर दिया है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस केक 24 सीटों पर उम्मीदवार आमने सामने हैं वहीं भाजपा की भीलवाड़ा तो कांग्रेस की बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अभी भी पेच फंसा हुआ है। एक तरफ दोनों ही दलों ने कुछ 14 नए चेहरों को मौका दिया है वहीं 10 पुराने वरिष्ठ और जिताऊ उम्मीदवारों को रिपीट भी किया है।
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भाजपा-कांग्रेस के कौन-कौन से उम्मीदवार आमने-सामने ?

भाजपा / कांग्रेस
अलवर :
भाजपा ने 54 साल के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) को अलवर (Alwar) लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। यादव ग्रेजुएट हैं और इनकी प्रोफाइल है कि ये दो बार से लगातार राज्ससभा सांसद चुने गए। केंद्रीय मंत्री हैं। राजस्थान भाजपा के प्रभारी भी रहे हैं। यादव को अलवर से टिकट देने के पीछे संगठन में उनकी अच्छी पकड़ और संसदीय क्षेत्र में अहीर वोटर्स की संख्या है।
इधर कांग्रेस ने अलवर से 35 साल के युवा चेहरे ललित यादव (Lalit Yadav) को भूपेंद्र यादव के सामने मैदान में उतारा है। ललित यादव ग्रेजुएट हैं और उनका प्रोफाइल है कि वे अलवर के मुंडावर से पहली बार कांग्रेस के विधायक बने हैं। छात्र राजनीति से शुरुआत की और राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के महासचिव भी रह चुके हैं। नए चेहरे के तौर पर कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया है। वहीं स्थानीय प्रत्याशी को उतारकर कांग्रेस ने स्थानीय बनाम बाहरी का नरेटिव बनाने का प्रयास किया है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के बाबा बालक नाथ ने 7,60,201 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह 4,60,230 वोट प्राप्त कर हार गए थे।
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बाड़मेर-जैसलमेर :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने कैलाश चौधरी (Kailash Chowdhury) को एक बार फिर इसी सीट पर मौका दिया है। कैलाश चौधरी ग्रेजुएट हैं। उनकी प्रोफाइल है कि वे केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री हैं। 2013 में बायतू विधानसभा से विधायक रहे। 2013 में राजस्थान किसान मोर्चा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली। इस बार उन्हें लंबे समय से राजनीति में रहने और अपने इलाके में अच्छी पकड़ के साथ साथ जातिगत समीकरण के चलते टिकट मिला है।
इधर कांग्रेस ने 47 साल के उम्मेदाराम बेनीवाल (Ummedaram Beniwal) को कैलाश चौधरी के सामने बाड़मेर-जैसलमेर (Barmer-Jaisalmer) सीट से मैदान में उतारा है। उम्मेदाराम ग्रेजुएट हैं। उनकी प्रोफाइल है कि वे दिल्ली पुलिस से नौकरी छोड़कर सियासत में आए हैं। वे पिछले सप्ताह ही आरएलपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उम्मेदाराम बायतु सीट से दो बार आरएलपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।
उन्हें टिकट के पीछे बाड़मेर जिले की राजनीति में लगातार सक्रिय रहना कारण माना जा रहा है। साथ ही इलाके में उनका प्रभाव भी है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के कैलाश चौधरी ने 8,46,526 वोटों लेकर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह 5,22,718 वोटों के साथ हार गए थे।
भरतपुर :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने 59 साल के रामस्वरूप कोली भरतपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया है। रामस्वरूप कोली की शिक्षा 8वीं पास, उनकी प्रोफाइल 2004 में बयाना लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। 2006 में मानव संसाधन विकास समिति के सदस्य रहे। भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर भी रहे। कोली को टिकट दिए जाने के पीछे कारण ये माना जा रहा है कि 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए उन्होंने अपने क्षेत्र की कई सीटों पर बागियों को मनाया था।
इधर कांग्रेस ने युवा और महिला चेहरे के तौर पर 27 वर्षीय संजना जाटव को रामस्वरूप कोली के सामने मैदान में उतारा है। संजना लॉ ग्रेजुएट हैं उनके प्रोफाइल की बात करें तो अलवर की कठूमर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं, हालांकि वो हार गई थीं। लेकिन कांग्रेस के नए महिला चेहरे के तौर पर संजना जाटव लंबे समय से अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्हें टिकट दिए जाने के पीछे ये कारण माना जा रहा है कि वे पार्टी का नया महिला चेहरा होने के साथ साथ प्रियंका गांधी से अच्छे संबंध रखती हैं और उन्हीं की पैरवी से संजना को टिकट मिला है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा की रंजीता कोली ने 7,07,992 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के अभिजीत कुमार जाटव 4,30,230 वोट प्राप्त कर हार गए थे।
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बीकानेर :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने एक बार फिर अपने पुराने और वफादार नेता अर्जुनराम मेघवाल (Arjunram Meghwal) को बीकानेर से टिकट दिया है। मेघवाल की शिक्षा पोस्ट ग्रेजुएट और उनकी प्रोफाइल है कि वे राजस्थान में ही IAS अफसर रह चुके हैं। फिलहाल केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री, संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री हैं। इससे पहले वित्त राज्यमंत्री, जल संसाधन और गंगा विकास मंत्रालय में भी रह चुके हैं। लगातार तीन बार जीतने के कारण और अपने क्षेत्र में वोटरों पर अच्छी पकड़ के चलते उन्हें भाजपा में फिर मौका दिया है।
इधर कांग्रेस ने 62साल के SC नेता गोविंदराम मेघवाल को अर्जुन मेघवाल से सामने मैदान में उतारा है। उनकी प्रोफाइल की बात करें तो गोविंदराम मेघवाल एक बार मंत्री और एक बार संसदीय सचिव रह चुके हैं। 2003 में नोखा से बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। 2018 में खाजूवाला से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। कांग्रेस में बेबाक दलित नेता की छवि और वर्तमान दावेदारों में सबसे मजबूत होने के चलते गोविंदराम को कांग्रेस ने टिकट दिया है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के एससी उम्मीदवार अर्जुन राम मेघवाल ने 6,57,743 वोट हासिल कर कांग्रेस के मदन गोपाल को करारी शिकस्त दी थी। कांग्रेस के मदन गोपाल को 3,93,662 वोट ही मिले थे।
चित्तौड़गढ़ :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) एक बार फिर चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए हैं। जोशी की शिक्षा ग्रेजुएट है वहीं उनकी प्रोफाइल की बात करें तो वे दो बार से लगातार सांसद हैं। सीपी जोशी राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। वे 1994 से 1996 तक छात्र संघ नेता भी रहे। युवा चेहरे के तौर पर उन्हें मौका दिया गया है। उनकी छवि भी साफ सुथरी मानी जा रही है।
इधर कांग्रेस ने उदयलाल आंजना (Udailal anjana) 72 वर्ष की आयु में फिर मैदान में उतारा है। उनकी शिक्षा ग्रेजुएट है। उनकी प्रोफाइल है कि वे चित्तौड़गढ़ से 1998 में सांसद रह चुके हैं, निम्बाहेड़ा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। गहलोत सरकार में सहकारिता मंत्री रहे। 2023 का विधानसभा चुनाव हारे। सियासत पर अच्छी पकड़ और पहले सांसदी के चलते उन्हें फिर से मौका मिला है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने 9,82,942 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की थी तो वहीं गोपाल सिंह ईडवा- 4,06,695 हासिल कर हार गए थे।
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चूरू :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने इस बार चूरू लोकसभा सीट से 43 वर्षीय देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया है। उनकी शिक्षा ग्रेजुएट है, उनकी प्रोफाइल है कि वे पैरालिंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन हैं। 2021 में टोक्यो पैरालिंपिक में रजत पदक हासिल किया। वर्ल्ड चैंपियनशिप 2013 में स्वर्ण पदक जीता। इस बार उन्हें टिकट दिए जाने के पीछे भी पैरालिंपिक में स्वर्ण जीतने के बाद युवाओं की पसंद बनने के साथ साथ जातिगत समीकरण भी माने जा रहे हैं।
इधर कांग्रेस ने इस बार पिछले चुनावों में इसी लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करने वाले 47साल के सांसद राहुल कस्वां (Rahul kaswan) को मैदान में उतारा है। वे हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उनकी प्रोफाइल है कि उनके पिता रामसिंह कस्वां बीजेपी से 4 बार सांसद रह चुके हैं। राहुल 2014 और 2019 में चूरू से बीजेपी के टिकट से सांसद बने लेकिन इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया इसलिए वे कांग्रेस में शामिल होकर इसी सीट से मैदान में हैं। क्योंकि कांग्रेस इस सीट पर लंबे समय से हार रही थी। इसलिए इस बार बीजेपी के सांसद को टिकट देकर सियासी दांव खेला है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के लिए राहुल कस्वां ने 7,92,999 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के रफीक मंडेलिया को 4,58,597 वोट के साथ हार का सामना करना पड़ा था।
गंगानगर :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने प्रियंका बैलान (33 वर्ष) को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रियका की शिक्षा एमबीए और प्रोफाइल अनूपगढ़ से हैं। फिलहाल नगर परिषद की सभापति हैं। पहले भाजपा की प्रदेश मंत्री भी रह चुकी हैं। राष्ट्रीय सेविका समिति से भी जुड़ी रहीं। प्रियंका को यहां से टिकट दिए जाने के पीछे महिला चेहरा होने के साथ जातिगत समीकरण और उनकी स्वच्छ छवि है।
वहीं कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा 55वर्षीय को मौका दिया है, उनकी शिक्षा पोस्ट ग्रेजुएट है। प्रोफाइल के नाम पर उनके पिता हीरालाल इंदौरा जो कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस में कई पदों पर रहे हैं। कुलदीप इंदौरा अभी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं। अनूपगढ़ से 2018 में चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। उन्हें नए चेहरे के तौर पर सचिन पायलट की पैरवी के चलते टिकट मिला है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के निहालचंद : 8,97,177 वोट हासिल कर जीते और कांग्रेस के भरतराम मेघवाल 4,90,199 वोट हासिल कर हार गए थे।
जयपुर शहर :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने जयपुर शहर से मंजू शर्मा (Manju Sharma) (63 वर्ष) को टिकट दिया है। शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट हैं उनका प्रोफाइल उनके पिता दिवंगत भंवरलाल शर्मा भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष हैं। वर्ष 2008 में हवामहल सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्हें टिकट दिए जाने के पीछे ब्राह्मण वोट बैंक और लोकसभा क्षेत्र में पिता के कारण अच्छा प्रभाव है।
इधर कांग्रेस ने मंजू शर्मा के सामने 54 वर्षीय प्रतापसिंह खाचरियावास (Pratap singh) को लोकसभा का टिकट दिया है। प्रतापसिंह का प्रोफाइल दो बार विधायक रह चुके हैं। पिछली गहलोत सरकार में परिवहन और खाद्य मंत्री रह चुके हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा छोड़ 2004 में प्रतापसिंह कांग्रेस के साथ आए। उन्हें इस सीट से टिकट मिलने के पीछे सुनील शर्मा का टिकट बदलना और जातीय समीकरण माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के रामचरण बोहरा ने 9,24,065 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस की ज्योति खंडेलवाल को 4,93,439 वोटों से संतुष्टि करनी पड़ी थी।
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जयपुर ग्रामीण :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने जयपुर ग्रामीण सीट से 66 साल के राव राजेंद्र सिंह (Rao rajendra singh) को टिकट दिया है वे बीए पास हैं। राव पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं यही उनकी प्रोफाइल है। 2003, 2008, 2013 में शाहपुरा से विधायक भी रह चुके हैं। 2013 में वसुंधरा सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर रहे। 2009 में भी राव ने लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन तब वे कांग्रेस के लालचंद कटारिया से बड़े अंतर से हार गए थे। राव राजेंद्र को टिकट देने के पीछे यह कारण है कि 2023 में विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद भी पार्टी के साथ मजबूती से काम करते रहे।
इधर कांग्रेस ने यंग चेहरा अनिल चौपड़ा (Anil Chopra) जो ग्रेजुएट हैं को लोकसभा का टिकट दिया है। चौपड़ा की प्रोफाइल है कि वे अभी कांग्रेस के प्रदेश सचिव हैं। एनएसयूआई से राजनीति की शुरुआत की और राजस्थान यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सचिन पायलट समर्थक अनिल चौपड़ा एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। वे विधानसभा चुनावों में भी टिकट के दावेदार थे। युवा चेहरा होने के कारण उन्हें इस सीट पर मौका मिला है।
लोकसभा चुनाव 2019 में
भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 8,20,132 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस की कृष्णा पूनिया 4,26,961 वोट लेकर हार गई थीं।
झालावाड़-बारां :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने 53 साल के दुष्यंत सिंह (Dushyant singh) जो कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के पुत्र हैं को दूसरी बार झालावाड़-बारां सीट से टिकट दिया है। उनकी शिक्षा ग्रेजुएट है। उनकी प्रोफाइल ये है कि वे चार बार से लगातार सांसद हैं। इस बार पांचवीं बार मैदान में हैं। टूरिज्म एंड होटल इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। क्योंकि चार बार लगातार सांसद रहने के चलते वे मजबूत उम्मीदवार हैं। क्षेत्र में अच्छी पकड़ और पार्टी के पास इस सीट पर कोई दूसरा विकल्प नहीं है इसलिए उन्हें टिकट दिया गया है।
इधर कांग्रेस ने 52 साल की उर्मिला जैन भाया (Urmila Jain Bhaya) को टिकट दिया है। हालांकि उनकी शिक्षा सीनियर सैकंडरी ही है। उनकी प्रोफाइल की बात करें तो वे बारां से जिला प्रमुख हैं। उनकेक पति प्रमोद जैन भाया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और गहलोत सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं। वे 2009 और 2014 में भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। लंबे समय से राजनीतिक में सक्रिय होने और कांग्रेस में उनसे बेहतर विकल्प नहीं होने के कारण उन्हें टिकट मिला है।
लोकसभा चुनाव 2019 में
भाजपा के दुष्यंत सिंह ने 8,87,400 वोट हासिल कर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस केक प्रमोद शर्मा 4,33,472 वोट लेकर हार गए थे।
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झुंझुनूं :

भाजपा / कांग्रेस
शुभकरण चौधरी 63 वर्षीय को भाजपा ने झुंझुनू से उम्मीदवार बनाया है। हालांकि वे केवल 12वीं पास हैं लेकिन यहां की राजनीतिक में अच्छी पकड़ रखते हैं। उनकी प्रोफाइल है कि वे 2013 में उदयपुरवाटी से विधायक बने। 2018 और 2023 में फिर पार्टी ने प्रत्याशी बनाया, लेकिन हार मिली। फिलहाल उन्हें टिकट देने के पीछे जातिगत समीकरण माने जा रहे हैं, क्षेत्र के लोगों में उनकी सीधी पकड़ और पार्टी यहां से चेहरा बदलना चाहती थी।
वहीं कांग्रेस ने 71 साल के बृजेंद्र ओला (Brijendra ola) को टिकट दिया है। ओला ने पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ाई की है। उनकी प्रोफाइल है कि वे पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के बेटे हैं। इस बार चौथी बार लगातार झुंझुनूं सीट से चुनाव जीते हैं और वे दो बार मंत्री भी रह चुके हैं। ओला को टिकट दिए जाने के पीछे मौजूदा सियासी समीकरण माने जा रहे हैं
लोकसभा चुनाव 2019 में
भाजपा के नरेंद्र कुमार ने 7,38,163 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के श्रवण कुमार को 4,35,616 वोट मिले और उनकी हार हुई।
पाली :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने एक बार फिर पीपी चौधरी (PP Chowdhury) (70 वर्ष) को पाली से अपनी पार्टी का चेहरा बनाया है। चौधरी ग्रेजुएट हैं, उनकी प्रोफाइल है कि वे पिछली बार भी पाली से सांसद हैं। विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में भी जीते थे। चौधरी को टिकट दिए जाने के पीछे 2015 और 2016 में सांसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित होना और अपने संसदीय क्षेत्र के वोटर्स में उनकी अच्छी पकड़ माना जा रहा है।
इधर कांग्रेस ने 44 वर्षीय संगीता बेनीवाल (Sangeeta beniwal) को पीपी चौधरी के सामने मैदान में उतारा है। बेनीवाल पीजी और लॉ ग्रेजुएट हैं। उनका प्रोफाइल है कि वे लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ी हैं। जोधपुर जिले की देहात कांग्रेस अध्यक्ष और दो बार पार्षद रही हैं। गहलोत सरकार में दो बार वे बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उन्हें नए महिला चेहरे के तौर मैदान में उतारा गया है। पाली में निर्विवाद चेहरा भी हैं संगीता बेनीवाल।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के पीपी चौधरी 9,00,149 वोट हासिल कर यहां से जीते थे तो कांग्रेस के बद्रीराम जाखड़ 4,18,552 यानी आधे अंतराल से चुनाव हार गए थे।
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जालोर-सिरोही :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने लुंबा राम चौधरी को जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। लुंबाराम की शिक्षा 10वीं तक ही हुई है। उनकी प्रोफाइल ये है कि वे भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं। 2016 में सिरोही जिला अध्यक्ष के पद पर रह चुके है। संगठन में अच्छी पकड़ होने के कारण और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें टिकट दिया गया है।
वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gahlot) के पुत्र वैभव (Vaibhav) गहलोत पर दांव खेला है। वैभव लॉ-ग्रेजुएट हैं। इनकी प्रोफाइल की बात करें तो पूर्व सीएम गहलोत के बेटे होने के साथ-साथ आरसीए में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी वे संभाल चुके हैं। 2019 में जोधपुर से गजेंद्र सिंह के सामने कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वैभव नए और युवा चेहरे के साथ साथ सियासी समीकरणों केक जोड़ बाकी में फिट बैठते हैं
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के देवजी पटेल ने 7,72,833 वोट प्राप्त कर कांग्रेस के रतन देवासी का पटखनी खिलाई थी। रतन देवासी को 2019 लोकसभा चुनावों में 5,11,723 वोट ही मिले।
टोक-सवाई माधोपुर :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने एक बार फिर सुखबीर सिंह जौनापुरिया (Sukhbir Singh Jaunapuriya) पर विश्वास जताया है। जौनापुरिया ने बीकॉम सेकेंड ईयर तक शिक्षा हासिल की है वे एक बिजनेसमैन हैं। उनकी प्रोफाइल ये है कि वे 2005 में हरियाणा की सोहना सीट से निर्दलीय विधायक बने। 2014 और 2019 में टोंक सवाईमाधोपुर सीट से लगातार दो बार से सांसद हैं। उन्हें टिकट दिए जाने के पीछे उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है। साथ ही क्षेत्र में कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ भी है।
इधर कांग्रेस ने 70 साल के हरीण मीणा (Harish meena) को अपना उम्मीदवार बनाया है। मीणा ने ग्रेजुएट किया है। उनकी प्रोफाइल है कि वे एक बार सांसद और दूसरी बार के विधायक हैं। हरीश मीणा राजस्थान के डीजीपी रह चुके हैं। 2014 में बीजेपी से सांसद बने और 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए। देवली-उनियारा सीट से दो बार विधानसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। फिलहाल उन्हें टिकट दिए जाने के पीछे मौजूदा समीकरण माने जा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के सुखबीर जौनापुरिया ने 644319 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के नमोनारायण मीणा 533028 वोट हासिल कर हार गए थे।
उदयपुर :

भाजपा / कांग्रेस
भाजपा ने उदयपुर एसटी लोकसभा सीट से मन्नालाल रावत को उम्मीदवार बनाया है। रावत पीएचडी हैं, उनकी प्रोफाइल ये है कि वे अभी एडिशनल कमिश्नर परिवहन विभाग जयपुर के पद पर कार्यरत हैं। भाजपा विचारधारा के रावत तीर फाउंडेशन के निदेशक भी हैं। वे रिजर्व विधानसभा सीटों में पकड़ रखते है। उन्हें टिकट देने के पीछे ये कारण माना जा रहा है कि मन्नालाल रावत की जयपुर से
दिल्ली तक भी अच्छी रिपोर्ट गई है। साथ ही बीटीपी के प्रभाव वाले एरिया में इनका प्रभाव है।
इधर कांग्रेस ने इस बार ताराचंद मीणा को उदयपुर से टिकट दिया है। उनकी शिक्षा ग्रेजुएट है और उनकी प्रोफाइल ये है कि उनका हाल ही में IAS पद से VRS मंजूर हुआ है। वे उदयपुर में कलेक्टर भी रहे हैं और अशोक गहलोत के करीबियों में उनकी गिनती होती है। कांग्रेस ने उन्हें टिकट इसलिए दिया है कि उनकी उदयपुर के आदिवासी इलाकों में मजबूत पैठ है।
लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
भाजपा के अर्जुन लाल मीणा ने 8,71,548 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की थी तो कांग्रेस के रघुवीर मीणा को 4,33,631 मतों से संतुष्टि करनी पड़ी थी।