
छात्रा सुसाइड केस में CBSE ने रद्द की जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता
जापान पिछड़ा, भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था,जानिए कहां.style=”color: #ff0000; font-family: ‘comic sans ms’, sans-serif;”>जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की CBSE मान्यता रद्द, छात्रा सुसाइड मामले में बड़ी कार्रवाई
9 साल की अमायरा की मौत के बाद CBSE का कड़ा कदम
बुलिंग, सुरक्षा चूक और काउंसलिंग फेल्योर का खुलासा
10वीं–12वीं को राहत, नए एडमिशन पर पूरी तरह रोक
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर, dusrikhabar.com। जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सख्त कार्रवाई करते हुए सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की मान्यता रद्द कर दी है। यह निर्णय स्कूल की कक्षा 4 की छात्रा अमायरा के सुसाइड मामले के बाद लिया गया। जांच में सामने आया कि छात्रा लंबे समय से बुलिंग का शिकार थी और स्कूल प्रशासन ने बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
read also:
बुलिंग की शिकायतें, लेकिन नहीं सुनी गई बच्ची की पुकार
CBSE की जांच रिपोर्ट के अनुसार, 9 वर्षीय अमायरा पिछले डेढ़ साल से बुलिंग झेल रही थी। परिजनों ने तीन से अधिक बार शिक्षकों और कोऑर्डिनेटर्स से शिकायत की, लेकिन एंटी-बुलिंग कमेटी केवल कागजों तक सीमित रही। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया कि मौत से पहले के आखिरी 45 मिनटों में अमायरा ने 5 बार अपनी क्लास टीचर से मदद मांगी, लेकिन उसकी बात को अनसुना कर दिया गया।
read also:श्याम धनी इंडस्ट्रीज़ का IPO NSE इमर्ज पर धमाकेदार एंट्री के साथ सूचीबद्ध
सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी, CCTV से लेकर रेलिंग तक फेल
जांच कमेटी को स्कूल परिसर में कई गंभीर खामियां मिलीं।
-
CCTV निगरानी अपर्याप्त थी
-
ऊंची मंजिलों पर सेफ्टी नेट और मजबूत रेलिंग नहीं थीं
-
काउंसलिंग सिस्टम प्रभावी नहीं पाया गया
-
POCSO और चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटियां जमीनी स्तर पर निष्क्रिय रहीं
-
छात्रों और स्टाफ द्वारा ID कार्ड न पहनने से निगरानी कमजोर रही
-
अलग-अलग फ्लोर पर पर्याप्त स्टाफ की तैनाती नहीं थी
CBSE ने इन सभी कमियों को छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदार कारक माना है।
read also:जापान पिछड़ा, भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था,जानिए कहां.
फोरेंसिक जांच से छेड़छाड़ का भी आरोप
CBSE रिपोर्ट में एक और गंभीर पहलू सामने आया। घटना के बाद मौके से खून के धब्बे साफ कर दिए गए, जिससे निष्पक्ष फोरेंसिक जांच प्रभावित हुई। बोर्ड ने इसे अत्यंत गंभीर मानते हुए कहा कि इससे जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।
कारण बताओ नोटिस भी बेअसर रहा
CBSE ने 20 नवंबर 2025 को स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन स्कूल का जवाब बोर्ड को संतोषजनक नहीं लगा। जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि यदि स्कूल ने तय सुरक्षा, निगरानी और काउंसलिंग प्रोटोकॉल का पालन किया होता, तो यह दर्दनाक हादसा टल सकता था।
बोर्ड ने एफिलिएशन बायलॉज के क्लॉज 2.4, 4.7.6 और 4.7.10 के गंभीर उल्लंघन की बात कही है।
read also:राजस्थान की माटीकला को अंतरराष्ट्रीय पहचान: प्रहलाद राय टाक को एशिया कॉन्टिनेंट अवार्ड-2025
10वीं-12वीं छात्रों को आंशिक राहत, लेकिन स्कूल पर सख्ती
छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए CBSE ने सत्र 2025-26 में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को उसी स्कूल से बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी है। हालांकि 2026-27 से कक्षा 9 और 11 के छात्रों को अन्य नजदीकी CBSE स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा। साथ ही स्कूल में किसी भी कक्षा में नए प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
read also:रोटरी क्लब जयपुर अशोक के 2026-27 में नए अध्यक्ष होंगे डॉ. भवानी शंकर
2027-28 से पहले नहीं मिलेगी दोबारा मान्यता
CBSE ने साफ किया है कि नीरजा मोदी स्कूल अब सत्र 2027-28 में ही दोबारा मान्यता के लिए आवेदन कर सकेगा, वह भी तभी जब सभी छात्र सुरक्षा, निगरानी और संरक्षण मानकों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए। इस कार्रवाई को स्कूलों के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
————-
#CBSE News, #Jaipur School News, #Student Safety, #School Affiliation Cancelled, #Bullying Case, #Education News Hindi, Neerja Modi School, CBSE recognition cancelled, Jaipur school suicide case, student safety rules, school bullying case
