
हर घर तक नल से जल का संकल्प तेज, इधर अपनी ही सरकार से नाराज मंत्री ने क्या कहा प्रेसवार्ता में…
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने की प्रेसवार्ता
राज्य सरकार के दो साल पूरे होने पर गिनाई सरकार की उपलब्धियां
कहा- अटकी परियोजनाओं को मिली रफ्तार, जल क्षेत्र में दिखा ठोस बदलाव
दूरगामी सोच और जीरो टॉलरेंस से आगे बढ़ी सरकार
अपनी-सरकार की एजेंसी से मंत्री नाराज,दूसरे विभाग को दिया काम
वाटर सप्लाई के प्रोजेक्ट लेट हुए, जेजेएम में लापरवाही में अब तक 37 अफसर सस्पेंड
विजय श्रीवास्तव
जयपुर,dusrikhabar.com। राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जल क्षेत्र में हुए बड़े बदलाव और उपलब्धियों को सामने रखते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर तेज़ी से आगे बढ़ रही है। जल जीवन मिशन, अमृत 2.0 और बड़ी सिंचाई परियोजनाओं के जरिए प्रदेश में पेयजल और सिंचाई व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

बुधवार को जल भवन में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने वर्तमान सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल को जल क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों वाला बताया। दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सरकार ने सकारात्मक और दूरगामी सोच के साथ जल परियोजनाओं को गति दी है और हर घर तक नल से जल उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
इधर अपनी ही सरकार की एक एजेंसी के काम से नाराज होकर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने दूसरे विभाग को काम सौंप दिया है। दरसल बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने वाली प्रदेश की सबसे बड़ी एजेंसी रूडसिको (राजस्थान शहरी पेयजल, सीवरेज और अवसंरचना निगम लिमिटेड) को अमृत मिशन के तहत काम सौंपे गए थे लेकिन उसमें रूडसिको समय पर डीपीआर तक नहीं बना सकी जिसके चलते कई प्रोजेक्ट लेट हो गए और नाराज मंत्री ने अमृत मिशन के काम दूसरे विभाग को सौंप दिए।
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जल जीवन मिशन में रिकॉर्ड प्रगति
चौधरी ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत पिछली सरकार ने पांच वर्षों में औसतन 1000 गांव प्रति वर्ष के हिसाब से 5027 गांवों में 39.28 लाख कनेक्शन दिए थे, जिस पर करीब 19,500 करोड़ रुपये खर्च हुए। वहीं, वर्तमान सरकार ने केवल दो वर्षों में 7900 से अधिक गांवों में 13.78 लाख कनेक्शन जारी कर दिए हैं। इस अवधि में 10,612 करोड़ रुपये (औसतन 5300 करोड़ रुपये प्रति वर्ष) व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शेष कनेक्शन आगामी दो वर्षों में पूरे कर दिए जाएंगे।
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अमृत 2.0 के तहत नगरीय जल व्यवस्था को मजबूती
अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत आमजन और जनप्रतिनिधियों के सुझावों के साथ कार्यों को गति दी जा रही है। अब तक 175 नगरीय निकायों के लिए 54 निविदाएं आमंत्रित की गईं। इनमें से 104 निकायों के लिए 1174.45 करोड़ रुपये के कार्यादेश जारी कर काम शुरू हो चुका है, जबकि 73 निकायों के लिए 2521.42 करोड़ रुपये की निविदाएं प्रक्रिया में हैं।
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वाटर सप्लाई के प्रोजेक्ट लेट हुए, जेजेएम में लापरवाही में अब तक 37 अफसर सस्पेंड
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। जल जीवन मिशन में अनियमितताओं की शिकायतों पर त्वरित जांच कर कार्रवाई की गई। जनवरी 2024 से दिसंबर 2025 तक CCA नियम-16 के तहत 86, CCA नियम-17 के तहत 50 और प्रशासनिक विभाग को 52 आरोप पत्र प्रस्तावित किए गए। श्याम व गणपति ट्यूबवैल प्रकरण में 139 कार्मिकों पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा 37 अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
नलकूप और हैंडपंप से मिली पेयजल राहत
राज्य में 3720 नए नलकूप चालू कर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट से राहत दी गई। इसके साथ ही 6317 नए हैंडपंप स्थापित किए गए और 4.35 लाख खराब हैंडपंपों की मरम्मत कर उन्हें फिर से चालू किया गया। चौधरी ने बताया कि 1.08 लाख अवैध पेयजल कनेक्शन काटे गए हैं। आगे चलकर पानी चोरी रोकने के लिए और अधिक कड़े कानूनी प्रावधान लागू किए जाएंगे।
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पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी को नई पहचान
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि वर्षों से अटकी ईआरसीपी परियोजना को संशोधित पार्वती–कालीसिंध–चंबल लिंक परियोजना के रूप में धरातल पर उतारा गया है। पहले चरण में 9400 करोड़ रुपये के कार्यादेश जारी हो चुके हैं। इससे 17 जिलों की करीब 3 करोड़ आबादी को पेयजल और 4 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
यमुना जल और सिंचाई परियोजनाओं को गति
शेखावाटी क्षेत्र में यमुना जल लाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ एमओयू कर डीपीआर अंतिम चरण में है, जिसे जनवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित अन्य योजनाओं पर 10,418 करोड़ रुपये खर्च कर 84,592 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
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