
एडीजी मुथा अशोक जैन की पुस्तक ‘River of Thought’ पर साहित्य जगत में चर्चा तेज
आजमगढ़ में अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम के दौरान पुस्तक पर विशेष वार्ता
मुख्यमंत्री योगी ने किया ‘विचारों की नदी’ का उत्साहपूर्ण विमोचन
लेखक अरविंद चित्रांश ने बताई पुस्तक की साहित्यिक गहराई
गोरखपुर,dusrikhabar.com। गोरखपुर के अपर पुलिस महानिदेशक और साहित्यकार मुथा अशोक जैन की पुस्तक ‘River of Thought’ इन दिनों साहित्य और सांस्कृतिक जगत में चर्चा का प्रमुख विषय बनी हुई है। आजमगढ़ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत एवं गौरवशाली पूर्वांचल सम्मान समारोह की चर्चा के दौरान जैन ने पुस्तक का साहित्यिक अवलोकन किया, जिसने उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया।
read also:जयपुर में संत मिलन: गायत्री भवन में आध्यात्मिक एकता का अनोखा संगम
गौरवशाली पूर्वांचल की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत के बीच गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) मुथा अशोक जैन, वरिष्ठ आईपीएस, इन दिनों अपनी चर्चित पुस्तक ‘River of Thought’ को लेकर सुर्खियों में हैं। आजमगढ़ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत एवं गौरवशाली पूर्वांचल सम्मान समारोह की तैयारियों और चर्चा के दौरान जैन ने पुस्तक का अवलोकन बेहद तन्मयता और साहित्यिक दृष्टिकोण के साथ किया।
read also:कैसा रहेगा आपका आज, क्या कहता है भाग्यांक? 17 नवम्बर, सोमवार, 2025
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर मंदिर परिसर में बड़े उत्साह से एडीजी एवं साहित्यकार मुथा अशोक जैन की स्वलिखित पुस्तक “River of Thought”—जिसका हिंदी भावार्थ ‘विचारों की नदी’ है—का विमोचन किया था। यह कृति न सिर्फ साहित्य प्रेमियों बल्कि प्रशासनिक व बौद्धिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच भी गहरी उत्सुकता पैदा कर रही है। लेखक द्वारा अपने अनुभवों, संवेदनाओं और विचारों को इसमें जिस तरह से व्यक्त किया गया है, वह पाठकों को आत्मचिंतन की ओर प्रेरित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी संगम के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक एवं लेखक-निर्देशक अरविंद चित्रांश ने बताया कि “River of Thought” एक विचार यात्रा है, जिसमें विचारों की निरंतर धारा ठीक उसी तरह बहती है जैसे नदी बहती है—निरंतर, अविराम, जीवनदायी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक संभवतः विचारों का संग्रह, अनुभवों की संवेदनशील अभिव्यक्ति और आत्मकथात्मक झलकियों से सजी एक साहित्यिक धरोहर है।
चित्रांश ने आगे कहा कि पुस्तक का शीर्षक स्वयं यह बताता है कि विचार भी नदी की तरह बहते रहते हैं, वे कभी थमते नहीं। एडीजी मुथा अशोक जैन ने अपने अनुभवों की इस धारा को पाठकों तक बेहद सहज, संवेदनशील और प्रभावशाली तरीके से पहुंचाया है।
आजमगढ़ में आयोजित होने वाले समारोह में भी इस पुस्तक को लेकर विशेष चर्चा की जा रही है, जिसने पूर्वांचल की साहित्यिक भूमि पर एक बार फिर से ज्ञान और विचार-विमर्श की नई लहर पैदा कर दी है।
———-
River of Thought, Mutha Ashok Jain, River of Thoughts, International Bhojpuri Sangam, Azamgarh Literature, Yogi Adityanath Release, Purvanchal Literature, #River of Thought, #Mutha Ashok Jain, #Yogi Adityanath, #Azamgarh News, #Bhojpuri Sangam, #Purvanchal Literature, #IPS Writer, #Gorakhpur Zone
