
प्रधान संघ की अहम बैठक में सरपंचों की तरह प्रधानों को भी प्रशासक बनाए जाने की मांग हुई तेज़…
पंचायतीराज सचिव के साथ प्रधान संघ की अहम बैठक
जयपुर सचिवालय में हुई करीब ढाई घंटे की मैराथन बैठक
50 से अधिक मुद्दों पर हुई बिंदुवार चर्चा, समाधान के संकेत
निजी आय से खर्च सीमा ₹10 लाख तक बढ़ाने पर बनी सहमति की उम्मीद
नवीन सक्सेना,
जयपुर,dusrikhbar.com। पंचायतीराज विभाग के सचिवालय सभागार में शुक्रवार को पंचायतीराज सचिव डॉ. जोगाराम और विभागीय अधिकारियों की प्रधान संघ के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई। प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा की अगुवाई में आयोजित इस बैठक में प्रधानों से जुड़ी 50 से अधिक लंबित मांगों और समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सबसे बड़ी मांग थी कि जिस तरह सरपंचों को प्रशासक (Administrator) बनाया गया है, उसी तरह प्रधानों को भी पंचायत समितियों का प्रशासक नियुक्त किया जाए ताकि विकास कार्यों की गति बनी रहे।
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प्रधानों को प्रशासक बनाए जाने की प्रमुख मांग
बैठक के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने स्पष्ट कहा कि अगले महीने राज्य की अधिकतर पंचायत समितियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन सरकार ने अब तक चुनाव की तारीख घोषित नहीं की है। ऐसे में विकास कार्य ठप हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंचायतों के संचालन के लिए सरपंचों को प्रशासक बनाया गया है, उसी प्रकार सरकार को प्रधानों को भी प्रशासक नियुक्त करना चाहिए, ताकि पंचायतीराज और ग्रामीण विकास योजनाएं निर्बाध रूप से चलती रहें।
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निलंबित प्रधानों को पुनः चार्ज देने की मांग
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि प्रदेश में तीन दर्जन से अधिक प्रधान सस्पेंड चल रहे हैं, जबकि उनमें से अधिकांश न्यायालय से राहत प्राप्त कर चुके हैं। इसके बावजूद सरकार उन्हें पद का चार्ज नहीं दे रही है। प्रधान संघ ने मांग की कि इन्हें शीघ्र चार्ज लौटाया जाए ताकि वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों को आगे बढ़ा सकें।
बैठक में पंचायतीराज, ग्रामीण विकास, सार्वजनिक निर्माण, खान एवं पेट्रोलियम तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही नोहर प्रधान सोहन सिंह ढील, टिब्बी प्रधान निक्कूराम मेघवाल, जालसू प्रधान हरदेव यादव, खाजूवाला प्रधान धर्मपाल बिरड़ा, परबतसर प्रधान ओमप्रकाश और विजयनगर प्रधान गुरमीत जैसे प्रतिनिधि भी बैठक का हिस्सा रहे।
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निजी आय से खर्च सीमा बढ़ाने पर बनी सहमति की उम्मीद
प्रधान संघ के अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने बताया कि बैठक में प्रधानों की 50 से अधिक मांगों पर बिंदुवार चर्चा हुई। इसमें सबसे अहम विषय था पंचायत समिति की निजी आय से खर्च सीमा बढ़ाने का। फिलहाल प्रधानों को एक वर्ष में केवल ₹50,000 तक खर्च की अनुमति है, जिसे अब ₹10 लाख तक बढ़ाने पर गंभीर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही आगजनी जैसी आकस्मिक परिस्थितियों में व्यय सीमा को भी ₹25,000 से बढ़ाकर अधिक करने पर विभागीय अधिकारियों ने सहमति जताई है।
जनप्रतिनिधियों के हित में जल्द आएंगे आदेश
बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि कई मांगों पर शीघ्र आदेश जारी किए जाएंगे और जिन बिंदुओं के लिए बजट आवंटन आवश्यक है, उन्हें अगले बजट सत्र में शामिल किया जाएगा। साथ ही प्रधानों को प्रशासक बनाए जाने की मांग को मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया गया।
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