
“गीतांजली हॉस्पिटल, जयपुर का इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स-एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नया कीर्तिमान…!
“गीतांजली हॉस्पिटल, जयपुर का नया जुनून, नई शुरुआत और नया कीर्तिमान…
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में गीतांजलि हॉस्पिटल ने रचा नया कीर्तिमान
मोनोपोर्टल एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी से सबसे कम उम्र के CES (Cauda Equina Syndrome) मरीज का किया सफल उपचार
वाइस प्रेसिडेंट, अनुराग जैन, डीन एवं प्रिंसिपल डॉ अशोक गुप्ता एवं डायरेक्टर मेडिकल श्रीकांत स्वामी ने प्रेसवार्ता में साझा की जानकारी
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर,dusrikhabar.com। गीतांजली हॉस्पिटल, जयपुर ने इतिहास रचते हुए भारत और एशिया में सबसे कम उम्र के कौडा इक्वाइना सिंड्रोम (Cauda Equina Syndrome – CES) से पीड़ित बच्चे का सफल इलाज मोनोपोर्टल एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी द्वारा किया है। इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मान्यता मिली है। यह राजस्थान और पूरे देश के लिए गर्व का पल है।
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गीतांजली हॉस्पिटल जयपुर में प्रेसवार्ता में वाइस प्रेसिडेट गीतांजली ग्रुप अनुराग जैन, डॉ अशोक गुप्ता, मेडिकल डायरेक्टर श्रीकांत स्वामी, डॉ धीरज विश्वकर्मा।
प्रेसवार्ता में डॉ. धीरज विश्वकर्मा सहायक प्रोफेसर – न्यूरोसर्जरी, गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने कैसे 11 वर्षीय अलवर निवासी बच्चे की सर्जरी कर इस सफल ऑपरेशन को किया। उन्होंने बताया कि बच्चे को गंभीर कमर दर्द, पेशाब रोकने की समस्या और चलने में परेशानी थी। जांच में पता चला कि उसे लम्बर डिस्क हर्नियेशन के साथ CES है, जो बच्चों में बेहद दुर्लभ (वैश्विक स्तर पर 3% से भी कम) होता है।
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डॉ. विश्वकर्मा ने एक 8 मिमी के छोटे चीरे से मिनिमली इनवेसिव तकनीक अपनाई। इस प्रक्रिया से ऊतक क्षति कम हुई और रीढ़ की वृद्धि सुरक्षित रही। नतीजा यह रहा कि बच्चा अगले ही दिन चलने लगा और तीन दिन में मूत्र नियंत्रण भी वापस पा लिया।

गीतांजली हॉस्पिटल जयपुर में प्रेसवार्ता में वाइस प्रेसिडेट गीतांजली ग्रुप अनुराग जैन संबोधित करते हुए।
प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट, गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़, अनुराग जैन ने कहा कि “यह उपलब्धि राजस्थान और भारत दोनों के लिए मील का पत्थर है। गीतांजली हॉस्पिटल जयपुर ने इस सर्जरी से न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में नया मानक स्थापित किया है। हमारी कोशिश है कि हम मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज दें – आधुनिक तकनीक, विशेषज्ञ डॉक्टरों और मरीज-प्रथम दृष्टिकोण के साथ। हमारे आगामी कार्डियक साइंसेज और ऑन्कोलॉजी विभाग इस दिशा में और मजबूती देंगे, जहां हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों का पूरा इलाज जांच से लेकर सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी तक एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगा।”

डॉ अशोक गुप्ता, डीन गीतांजली हॉस्पिटल जयपुर
इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए प्रो. (डॉ.) अशोक गुप्ता, डीन एवं प्रिंसिपल, गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने कहा कि
“यह केवल एक चिकित्सकीय सफलता नहीं, बल्कि मेडिकल एजुकेशन के लिए भी बड़ी उपलब्धि है।
ऐसे केस हमारे छात्रों और रेज़िडेंट्स को वास्तविक अनुभव से सीखने का मौका देते हैं, जिससे मरीज सेवा, शिक्षा और शोध को जोड़ने का हमारा विज़न और मजबूत होता है।”
डॉ गुप्ता ने इस सफल ऑपरेशन के पीछे संस्थान की सकारात्मक सोच बताते हुए कहा कि यहां पर सबका काम तय है, किसी के काम में किसी का इंटरफेयर नहीं जैसे मैनेजमेंट वाले मैनेजमेंट और डॉक्टरों सिर्फ मरीज को बेहतर इलाज देने की दिशा में काम कर रहे हैं और जब किसी संस्थान की सोच ऐसी होती है तो वहां रोज नए कीर्तिमान और मरीजों के लिए एक पारिवारिक माहौल पनपता है और यही वो सीढ़ी है जो किसी भी पेशे को ऊंचाईयों तक ले जाती है।

गीतांजली के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ श्रीकांत स्वामी
मीडिया से रूबरू होते हुए गीतांजली हॉस्पिटल, जयपुर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. श्रीकांत स्वामी ने बताया किहम राजस्थान में हर विशेषज्ञता के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
इसी दृष्टिकोण के तहत हमारे न्यूरो साइंसेज़ विभाग ने यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और हम आगे भी सभी विभागों में इसी तरह उत्कृष्टता स्थापित करने के लिए कार्य करते रहेंगे। डॉ स्वामी ने यह भी बताया कि गीतांजली हॉस्पिटल, जयपुर में फिलहाल कौन कौन से विभागों की सेवाएं जनता को दी जा रही हैं।
गीतांजली हॉस्पिटल, जयपुर के बारे में
गीतांजली हॉस्पिटल जयपुर 1050-बेड का मल्टी-सुपर-स्पेशलिटी तृतीयक देखभाल अस्पताल है, जो 25 एकड़ में फैला है। यहाँ 3.0 टेस्ला MRI, 256-स्लाइस एवं 4D CT स्कैन, एडवांस्ड कैथ लैब्स, HEPA-फिल्टर्ड मॉड्यूलर OT और विशेषीकृत ICU जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो राजस्थान को आधुनिक और वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ती हैं।

गीतांजली हॉस्पिटल जयपुर में प्रेसवार्ता में ऑपरेशन के बाद अनुभव साझा करते बच्चे के पिता
बच्चे के पिता ने बताया, “बच्चा घर बैठे ही था जब अचानक पीठ में तेज दर्द शुरू हुआ। हम पहले पास के जगह मालिश के लिए गए लेकिन कोई राहत नहीं मिली। फिर स्थानीय डॉक्टर को दिखाया, जांच करवाई और एमआरआई में पता चला कि समस्या गंभीर है।डॉक्टर ने जयपुर के गीतांजली हॉस्पिटल जाने की सलाह दी।” हम यहां मिले उपचार से पूरी तरह संतुष्ट हैं। सही समय पर अगर सही गाइडेंस मिल जाए तो उपचार हो पाता है।
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