राइजिंग राजस्थान से पर्यटन निवेश को नई रफ्तार, एमओयू प्रोजेक्ट्स पर ज़मीनी काम शुरू…

राइजिंग राजस्थान से पर्यटन निवेश को नई रफ्तार, एमओयू प्रोजेक्ट्स पर ज़मीनी काम शुरू…

राज्य स्तर पर बहुस्तरीय निगरानी से तेजी पकड़ रहे पर्यटन के प्रोजेक्ट्स

होटल गणगौर में प्रमुख सचिव पर्यटन राजेश यादव सहित अन्य अधिकारियों संग MOU धारकों से संवाद

1600 एमओयू, ₹1.37 लाख करोड़ का निवेश और 1.90 लाख रोजगार की संभावना

नई नीतियों से पर्यटन को मिलेगा नया आयाम 

जयपुर, (dusrikhabar.com)। जयपुर में आयोजित “राइजिंग राजस्थान टूरिज्म सेक्टर एमओयूज एक्सेलरेटिंग ग्राउंड ब्रेकिंग इन्वेस्टर्स डायलॉग” में पर्यटन प्रोजेक्ट्स की प्रगति और निवेश को लेकर बुधवार को RTDC की होटल गणगौर में गंभीर विचार-विमर्श हुआ। आयोजन में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पर्यटन विभाग के साथ राइजिंग राजस्थान में हुए 1600 एमओयू धारकों में से 79 एमओयू धारकों ने भाग लिया। इस बैठक में लंबित परियोजनाओं को ज़मीन पर उतारने, प्रक्रियागत अड़चनों को सुलझाने और निवेश को बढ़ावा देने की रणनीति पर गंभीर विमर्श हुआ। 

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पर्यटन प्रोजेक्ट्स की निगरानी मुख्यमंत्री स्तर तक, जिला स्तर पर मिली ज़िम्मेदारी

राजस्थान सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एमओयू प्रोजेक्ट्स को ज़मीनी स्तर पर उतारने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा और मुख्य सचिव स्तर पर हर पंद्रह दिन में परियोजनाओं की स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है।

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पर्यटन विभाग में ‘एमओयू फैसिलिटेशन सेल’ सक्रिय रूप से कार्यरत है, जिसकी साप्ताहिक निगरानी विभागीय सचिव और पर्यटन आयुक्त स्वयं करते हैं। जिलों में इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रक्रियागत बाधाओं जैसे भूमि आवंटन, रूपांतरण और भवन स्वीकृति योजनाओं को गति देने हेतु स्थानीय स्वायत्त शासन (LSG), नगरीय विकास (UDH) और राजस्व विभाग को RTUP-2024 के तहत अधिसूचना जारी करने और एक नई भूमि नीति लाने का सुझाव भी दिया गया है।

पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियाड़

1600 एमओयू, ₹1.37 लाख करोड़ निवेश और 1.90 लाख नौकरियों की संभावना

पर्यटन आयुक्त रूक्मणि रियाड़ ने बताया कि राइजिंग राजस्थान के अंतर्गत अब तक 1600 एमओयू साइन किए जा चुके हैं। इनमें होटल, रिसॉर्ट, हेरिटेज प्रॉपर्टीज, वेलनेस सेंटर और ईको-टूरिज्म जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इन एमओयूज़ के तहत लगभग ₹1.37 लाख करोड़ का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लगभग 1.90 लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है।

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पर्यटन विभाग के अनुसार अब तक 29 परियोजनाएं पूर्ण रूप से क्रियान्वित हो चुकी हैं जबकि 213 प्रोजेक्ट्स ग्राउंड ब्रेकिंग स्टेज में पहुंच चुके हैं। इनसे ₹28,200 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरा है और 13,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

इस संवाद में टूरिज्म फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (TFCI) के प्रतिनिधियों ने निवेशकों को होटल निर्माण और पर्यटन इकाइयों के लिए वित्तीय सहायता विकल्पों की जानकारी भी साझा की।

अतिरिक्त निदेशक, पर्यटन पवन जैन

नई नीतियों से खुलेगा निवेश का रास्ता, फिल्म और वेडिंग टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

अतिरिक्त निदेशक पवन कुमार जैन ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में “पर्यटन इकाई नीति 2024” लागू की है, जिसके तहत निवेशकों को कई तरह की सुविधाएं और रियायतें दी जा रही हैं।

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इसके अतिरिक्त जल्द ही दो महत्वपूर्ण नीतियां लागू होने जा रही हैं—

  1. राजस्थान फिल्म टूरिज्म प्रोत्साहन नीति: इस नीति के तहत राजस्थान को देश का प्रमुख फिल्म शूटिंग हब बनाने की योजना है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार को भी गति मिलेगी।

  2. नई समग्र पर्यटन नीति: यह नीति पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर, अनुभव आधारित पर्यटन, और स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।

राजस्थान में हाल के वर्षों में डेस्टिनेशन वेडिंग, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों और फिल्म शूटिंग में तेज़ी आई है, जिससे निवेश के लिए यह राज्य एक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरा है।

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इस पूरे आयोजन में एक बात निकल कर सामने आई कि कैसे 1600  एमओयू धारकों को सरकार मुफ्त जमीन दे पाएगी और कब तक सरकार के साथ किए गए एमओयू पूरी तरह से धरातल पर उतरेंगे। बहरहाल पर्यटन मंत्री दिया कुमारी और पर्यटन विभाग अपने प्रयास में जुटा है और कहते हैं “जहां चाह है वहां राह है”। अब देखना ये होगा कि सरकार की इस चाह की राह विभाग कैसे और कब तक बना पाता है? 

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