
दूध में जहर का नया फॉर्मूला: केमिकल से बनता है नकली दूध, मिल्क टेस्टर की पकड़ से दूर…
दूध के टैंकर में मिलावट, डेयरी को कर रहे सप्लाई
350 किमी पीछा करने पर हुआ खुलासा
जहरीले केमिकल से बन रहा नकली दूध जो पहुंच रहा आपकी रसोई तक
हाईवे पर होटल बना मिलावट का अड्डा, टैंकर से असली दूध निकालकर डाला जाता है केमिकल वाला नकली दूध
ये दूध बन रहा कैंसर, मिसकैरेज और लीवर इंफेक्शन का कारण
जयपुर/मानेसर,(dusrikhabar.com)। दूध के नाम पर भोली भाली जनता को दूध चोर गिरोह के द्वारा ज़हर परोसा जा रहा है। हाईवे पर दौड़ते दूध के टैंकरों में खतरनाक केमिकल मिलाकर नकली दूध बनाया जा रहा है। ये दूध बाद में डेयरी प्लांट्स और वहां से सीधा आपके घर की रसोई तक पहुंच रहा है।
उदयपुर से जयपुर की तरफ आ रहे टैंकरों पर एक समाचार पत्र के रिपोर्टर्स द्वारा करीब सात दिनों तक नजर रखने के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसमें न सिर्फ दूध चोरी का मामला सामना आया है बल्कि दूध में कैमिकल युक्त दूध की मिलावटी का सनसनीखेज खुलासा भी हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार इस नकली और मिलावटी दूध से लोगों में कैंसर का खतरा तेजी बढ़ेगाा ऐसी आशंका है।
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होटल बना मिलावट का ठिकाना, डेयरी ड्राइवर और होटल मालिक की मिलीभगत
किशनगढ़ से 20 किलोमीटर दूर श्रीनगर गांव के पास एक ढाबेनुमा होटल ‘श्याम संगम’ इस पूरे खेल का मुख्य केंद्र है। होटल के पीछे झाड़ियों और पहाड़ियों की आड़ में टैंकरों से असली दूध निकालकर उसमें मिलावटी केमिकल से बना नकली दूध भर दिया जाता है।
आपको बता दें कि एक विशेष चाबी से दूध टैंकर की सील खोली जाती है। पाइप और मोटर के ज़रिए 2 से 4 हजार लीटर असली दूध निकाल लिया जाता है और उसे ड्रामों में भरकर पिकअप में लाद दिया जाता है।
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1 लीटर केमिकल से बनता है 500 लीटर नकली दूध
दूध में मिलावट का खेल अब और ज्यादा खतरनाक और हाईटेक हो चुका है। अब मिलावटखोर ऐसे खास केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे बना नकली दूध न केवल असली जैसा दिखता है बल्कि दूध की गुणवत्ता जांचने वाली मशीनें यानी लेक्टोमीटर और मिल्क टेस्टर भी उसे पकड़ नहीं पाते।
पहले यूरिया और फॉर्मोलीन से नकली दूध बनाया जाता था, लेकिन इसमें अधिक मात्रा में पानी और केमिकल की जरूरत होती थी और प्रोडक्शन भी सीमित होता था। अब गिरोह नए टाइप के केमिकल्स “श्री बर्डस “का उपयोग कर रहा है, जिससे बना दूध न केवल गाढ़ा और सफेद दिखता है, बल्कि यह लेक्टोमीटर और मिल्क टेस्टर की पकड़ में भी नहीं आता। यानी टेस्टिंग फेल हो जाती है, और नकली दूध असली समझकर डेयरियों में स्वीकृत हो जाता है।
ड्राइवर और गैंग के लोग असली दूध को आसपास की लोकल डेयरियों के बीएमसी सेंटर में बेचकर 1 से 2 लाख रुपये प्रति टैंकर तक की अवैध कमाई करते हैं।
दूध की सप्लाई दिल्ली के पास डेयरी तक
जब टैंकर में मिलावटी दूध भर दिया जाता है, तो वो जयपुर होते हुए दिल्ली की ओर रवाना होता है। 350 किलोमीटर पीछा करने के बाद पता चला कि टैंकर हरियाणा के मानेसर स्थित ‘दूध सागर डेयरी’ में खपाया जा रहा है।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
श्री बर्डस कैमिकल और अन्य सिंथेटिक रसायनों से बना नकली दूध सीधे तौर पर शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
प्रमुख खतरे:
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कैंसर: केमिकल्स में मौजूद कार्सिनोजेनिक तत्वों से कैंसर का खतरा
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मिसकैरेज: गर्भवती महिलाओं में गर्भपात और भ्रूण विकृति की संभावना
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बच्चों में विकास रुकना: पोषण की कमी और तंत्रिका तंत्र पर असर
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हृदय और लिवर डिजीज: लंबे समय तक सेवन से अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित
सरकार और विभागों से मांग
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FSSAI और स्वास्थ्य मंत्रालय को इस कैमिकल और मिलावट प्रक्रिया पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए।
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श्री बर्डस कैमिकल के निर्माण और वितरण पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
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सभी डेयरियों की रैंडम जांच और सप्लाई चेन की निगरानी के लिए स्वतंत्र जांच कमेटी का गठन किया जाए।
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