
थोड़ा काम, थोड़ी घुमाई, हुकम-सा से जुगत लगाई…!
काम काज और सैर-सपाटा..!
Anadi Babu...(dusrikhabar.com)
प्रदेश में इन दिनों नए स्वरूप में नजर आ रहे एक विभाग में नवाचारों की जैसे झड़ी सी लग गई है, जिसका शायद इससे जुड़े लोगों को फायदा भी मिले। लेकिन इस विभाग में इन दिनों एक नवाचार बड़ी चर्चा में है। नवाचारों की झड़ी ऐसी लगी है मानो विभाग कोई इनोवेशन यूनिवर्सिटी हो, जहां हर सोमवार को एक नया प्रयोग शुरू हो जाता है और शुक्रवार तक सबका दिमाग बंद।
अब इस बार जो नवाचार आया है, वो है शक्तियों का केंद्रीयकरण! यानी विभाग के हर पेच का पेचकस अब सिर्फ एक जेब में। पहले काम बंटा था — कोई चाय पीता था, कोई फाइलें पलटता था, कोई खिड़की से बाहर ताकता था। सबका एक संतुलन था। लेकिन अब संतुलन ऐसा बिगड़ा है कि एक बाबू अपने दोपहर के खाने तक के लिए टाइम नहीं निकाल पा रहा, और दूसरा इतना फ्री है कि मोबाइल पर वीडियो देखकर ‘नवाचार’ पर वीडियो बनाने की सोच रहा है।
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विभाग के बाबूजी इस नवाचार को लेकर दबी जुबान में चर्चा है कि अक्सर नवाचार विकास के लिए, अच्छे बदलाव के लिए किए जाते हैं लेकिन विभाग में इस नवाचार यानी शक्तियों के केंद्रीयकरण से कुछ अच्छा होगा। विभाग में एक बाबू के पास सांस लेने के लिए फुर्सत नहीं और दूसरे के पास फुर्सत की कोई कमी नहीं, ऐसे में विभाग का काम सफर करेगा।
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नए मुखिया ने पहले ही दिन क्लिअर कर दिया था कि मुझे सबका हिसाब चाहिए, अब दफ्तर के कुछ खबरनवीस भी अपनी नौकरी चमकाने में जुट गए हैं। ऐसे में विभाग के बाबूओ ने डायरी में कुछ लिखकर तो दिया है लेकिन उसमें काम क्या और कैसे ये अभी पैचीदा मामला है, वहीं कुछ समझदारों ने नीचे वाले वालों की डायरी मांग उनका काम भी खुद के खाते में भर दिया है, लेकिन अब बाबूजी समझ नहीं पा रहे इसे करना कैसे है, दूसरी तरफ इससे दफ्तर के कार्यों की गुणवत्ता तो प्रभावित हो ही रही है साथ ही मन में एक दूसरे के लिए टांग खिंचाई का भाव भी आना शुरु हो गया है।
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कहते हैं नई नई झाडू ज्यादा सफाई करती है लेकिन इस साफ सफाई से विभाग के काम सैर-सपाटे पर निकल पड़े हैं, यहां सब कुछ ठप्प है, जो चल रहा है वो फाइलों में है। अब जब नए सिरे से कुछ होगा तभी रौनक बनेगी। कहते हैं परिवर्तन अच्छे के लिए होता है लेकिन परिवर्तन से जब परिणाम विपरीत आने लगें तो ऐसे परिवर्तन को रोक देना चाहिए। हुकम कैसे और कब समझेंगे ये उनका विवेक? …अनाड़ी बाबू…
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