
संदीप चौधरी बने “विकसित भारत संकल्प संस्थान” के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कर्मवीरों का हुआ सम्मान
राष्ट्र निर्माण को समर्पित संकल्प, शिक्षा और संस्कृति का नया युग शुरू
‘कर्मवीर सम्मान समारोह’ में समाजसेवियों को किया गया सम्मानित
चौधरी का संकल्प — विश्वविद्यालय जो राष्ट्रभक्ति, नवाचार और सेवा का केंद्र बने
संदीप चौधरी ने लिया विश्व का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय बनाने का संकल्प
आवासीय विश्वविद्यालय भवन के मार्च 2027 में पूरा करने का भी संकल्प
जयपुर, (dusrikhabar.com)
भारत के सामाजिक नेतृत्व और पर्यावरण चेतना के क्षेत्र में एक बड़ा कदम सामने आया है। संदीप चौधरी को विकसित भारत संकल्प संस्थान का राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ट्रस्टी नियुक्त किया गया है। यह केवल एक पद नहीं, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी विचारधारा का नेतृत्व है, जिसका उद्देश्य भारत को संस्कारित, सशक्त और विकसित राष्ट्र के रूप में सशक्त बनाना है।
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अपने ओजस्वी उद्बोधन में श्री चौधरी ने घोषणा की कि वे अब “विश्व का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय” स्थापित करने का संकल्प लेते हैं — एक ऐसा विश्वविद्यालय जो केवल शिक्षा नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति, संस्कृति, नवाचार और सेवा को भी समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय “भारत की आत्मा और विश्व की आवश्यकता” को समझने वाले नागरिकों को गढ़ेगा।
राष्ट्र निर्माण की नई आधारशिला
विकसित भारत संकल्प संस्थान, “यूथ फॉर नेशन” के 17 वर्षों के अनुभव पर आधारित एक आंदोलन है, जिसका ध्येयवाक्य है — “सेवा ही संकल्प, संस्कार ही समर्पण”। यह संस्थान शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सुरक्षा, सेवा और संस्कृति जैसे छह प्रमुख आयामों पर कार्य करता है। श्री चौधरी के नेतृत्व में अब यह मिशन और भी व्यापक और प्रभावशाली हो गया है।
डॉ. महेश शर्मा का संदेश: विश्वविद्यालय एक “राष्ट्र निर्माण तीर्थ”
संस्थान के वैचारिक मार्गदर्शक डॉ. महेश शर्मा, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक भी हैं, ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रस्तावित विश्वविद्यालय ईंटों और दीवारों का ढांचा नहीं होगा, बल्कि एक जीवंत राष्ट्र निर्माण केंद्र होगा। यहां से निकलने वाले विद्यार्थी समाज, राष्ट्र और विश्व मानवता के लिए कर्मयोगी बनेंगे।
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कर्मवीर सम्मान समारोह में प्रेरणादायी हस्तियों को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर ‘कर्मवीर सम्मान समारोह’ भी आयोजित किया गया, जिसमें समाजसेवा, शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक चेतना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कई कर्मवीरों को सम्मानित किया गया। इन्हें प्रशस्ति पत्र देकर संस्था ने न केवल उनके कार्य को मान्यता दी, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए उन्हें प्रेरणा स्वरूप प्रस्तुत किया।
यह दिन केवल एक पद ग्रहण का नहीं था, बल्कि भारत के भविष्य की परिकल्पना को ठोस आधार देने वाला एक निर्णायक क्षण था। परंपरा और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सेवा, संस्कार और संकल्प के संगम से एक नए भारत का स्वप्न आकार ले रहा है — और इस परिवर्तन का नेतृत्व अब संदीप चौधरी के हाथों में है।