
निम्स में ब्रेन डेड सुमित्रा देवी का हुआ अंगदान, चार लोगों को मिला नया जीवन
दुर्घटना में गंभीर चोट लगने से ब्रेन डेड सुमित्रा देवी ने दिया चार लोगों को जीवनदान
दुःख की घड़ी में भी परिजनों के फैसले से मिला नया जीवन
सुमित्रा देवी के परिवार ने किया अंगदान, चार लोगों का रोशन हुआ जीवन
नवीन सक्सेना,
जयपुर,(dusrikhabar.com)। एक दुखद घटना में 43 वर्षीय सुमित्रा देवी की दुर्घटना में गंभीर चोट लगने पर दिल्ली रोड स्थित निम्स हॉस्पिटल लाया गया। NIMS अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सुमित्रा देवी को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस कठिन समय में, उनके परिवार ने एक साहसी और निःस्वार्थ निर्णय लेते हुए सुमित्रा देवी के अंगों का दान किया।
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सुमित्रा देवी
सुमित्रा देवी को NIMS अस्पताल लाया गया था जो अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं और नवीनतम तकनीक के लिए जाना जाता है। डॉक्टरों के हर संभव प्रयास के बाद जब सुमित्रा देवी को बचाया नहीं जा सका तो उनके परिजनों के फैसले के बाद सुमित्रा देवी के अंगदान से चार लोगों को नया जीवन मिल सका।
यह महान कार्य न केवल उनके परिवार की उदारता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि दुःख की घड़ी में भी हम दूसरों के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं।
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आपको बता दें कि सुमित्रा देवी एक दुर्घटना के बाद घायल अवस्था में शुक्रवार को निम्स अस्पताल लाई गई थीं, शनिवार सुबह डॉक्टरों ने उनका ब्रेन डेड घोषित कर दिया तो परिजनों में उनकी देह किसी और जीवन दे सके इस भावना से उनके शरीर के अंगों को डोनेट करने का फैसला लिया। सुमित्रा देवी और उनका परिवार राजस्थान के अलवर जिले के मूंडिया खेड़ा गांव का निवासी है।
NIMS अस्पताल की टीम:
- प्रो.(डॉ) दीपक तिवाड़ी – मेडिकल सुप्रीटेंडेंट एवं एनेस्थीसिया डायरेक्टर
- प्रो.(डॉ) सौरभ भार्गव – डायरेक्टर न्यूरोएनेसथीसिया एवं न्यूरो क्रिटिकल केयर
- Mr. Lovekush – ओटी मैनेजर
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सुमित्रा देवी के परिजनों का फैसला निश्चित रूप से दूसरों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा: डॉ. तोमर
NIMS अस्पताल के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर ने इस अंगदान की सराहना की और कहा, “हम इस तरह के कार्यों को प्रमोट करेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। हम ट्रांसप्लांट टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हैं। डॉ. तोमर जी के नेतृत्व में NIMS अस्पताल ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं और अंगदान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

Dr. BS Tomar NIMS
डॉ. तोमर ने बताया कि राजस्थान सरकार ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने ग्रीन कार्पेट कॉरिडोर तैयार किया है, जिससे अंगदान की प्रक्रिया को और भी सुविधाजनक बनाया जा सके।
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जयपुर पुलिस प्रशासन और राजस्थान स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हम सुमित्रा देवी के परिवार को उनके इस निःस्वार्थ कार्य के लिए दिल से धन्यवाद और सम्मान प्रकट करते हैं। उनका यह योगदान निश्चित रूप से दूसरों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होगा।
सुमित्रा देवी के डोनेट ऑर्गन से इनका जीवन रोशन
एसएमएस अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि उसकी किडनियों को एसएमएस अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें जोधपुर की 37 वर्षीय महिला और जयपुर के 37 वर्षीय पुरुष में प्रतिरोपित (ट्रांसप्लांट) किया। दोनों ही व्यक्ति किडनी फेल होने की समस्या से जूझ रहे थे। इसके अतिरिक्त, उसका हृदय निकाला गया और एसएमएस अस्पताल लाया गया, जहां उसे हृदय फेल होने से पीड़ित 43 वर्षीय पुरुष में प्रतिरोपित किया गया। वहीं उसका लिवर ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से एम्स जोधपुर भेजा गया।