भारत-पाक तनाव के दौरान भारतीय सेना के 3000 अग्निवीरों का अकल्पनीय, अद्भुत प्रदर्शन…!

भारत-पाक तनाव के दौरान भारतीय सेना के 3000 अग्निवीरों का अकल्पनीय, अद्भुत प्रदर्शन…!

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 3,000 अग्निवीरों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

भारत की थल सीमा और हवाई रक्षा में दिखाया अग्निवीरों ने अद्भुत कौशल

करीब तीन वर्षों तक अग्निपथ योजना को लेकर बना रहा राजनीतिक मुद्दा 

इस तनावग्रस्त स्थिति में अग्निवीरों की भूमिका से राजनीतिक दलों के मुंह हुए बंद  

 

विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार। 

जयपुर, (dusrikhabar.com)। भारतीय सेना में तकरीबन दो साल पहले एक प्रयोग के तौर पर 3 हजार युवाओं की अग्निवीर सैनिकों के रूप में भर्ती की गई थी, हालांकि वो भर्ती महज चार वर्ष के लिए थी लेकिन 20 वर्ष के नवयुवकों ने भारत-पाक तनाव के दौरान ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह से एक अहम भूमिका निभाई वो वाकई अद्भुत रही। ऐसा कहें कि भारतीय सेना में यह प्रयोग पूरी तरह से सफल साबित हुआ तो गलत नहीं होगा। 

पहलगाम में हुए 26 सैलानियों के हत्याकांड के बाद सेना की ढाल बनकर खड़े अग्निवीर सैनिकों ने भारत की वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) को न सिर्फ बखूबी संभाला बल्कि महत्वपूर्ण हथियारों और प्रणालियों का संचालन किया। पाकिस्तान के साथ चार दिन तक बने रहे तनाव के हालातों में एयर डिफेंस सिस्टम में तैनात अग्निवीर सैनिकों ने पाकिस्तान द्वारा  भारतीय सैन्य ठिकानों, एयरबेस और शहरों पर  मिसाइल और ड्रोन हमलों का नाकाम कर दिया। इसमें अग्निवीरों का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा। सेना के सूत्रों के अनुसार, अग्निवीरों ने अपने प्रशिक्षण को प्रभावशाली ढंग से लागू किया और स्थानीय रूप से विकसित एयर डिफेंस सिस्टम “आकाशतीर” को भी प्रभावी ढंग से संचालित किया।

आपको बता दें कि भारत द्वारा रोकी गई पाकिस्तानी PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल के हिस्से, 19 मई को प्रदर्शित किए गए। पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों को विफल करने वाली कई AD इकाइयों में से प्रत्येक में 150-200 अग्निवीर सैनिक शामिल थे। अग्निवीरों ने नियमित सैनिकों के साथ कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलों से लक्ष्य को नष्ट किया; उन्नत एल-70 सहित बंदूकों को चलाया और उनका संचालन किया वहीं अग्निवीरों ने अग्नि परीक्षा देते हुए भंयकर आग के गोलों के बीच हमारे ठिकानों और शहरों को निशाना बनाने के दुश्मन के प्रयासों को विफल करने में सक्रिय भूमिका निभाई।

गौरतलब है कि इन अग्निवीरों को वेस्टर्न फ्रंट पर तैनात एयर डिफेंस यूनिट्स में तैनात किया गया था, जहां उन्होंने एयर डिफेंस सिस्टम में चार प्रमुख भूमिकाएं निभाईं: 

  1. गनर्स (तोप चलाने वाले),

  2. फायर कंट्रोल ऑपरेटर्स,

  3. रेडियो ऑपरेटर्स,

  4. और हैवी व्हीकल ड्राइवर्स जिन पर हथियार और मिसाइलें लगी होती हैं।

सेना के सूत्रों के अनुसार, इन अग्निवीरों ने कंधे पर रखकर चलाए जाने वाले मिसाइल सिस्टम, L-70 तोपों और अन्य हथियार प्रणालियों को भी बखूबी संभाला। इनकी परफॉर्मेंस स्थायी सैनिकों  के समान ही मानी गई है।

कौन हैं अग्निवीर, क्या है अग्निपथ योजना ? : अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार ने 2022 में लागू किया था, जिसका उद्देश्य सेना को युवा और युद्ध के लिए तत्पर बनाए रखना है। इसके तहत सैनिकों की चार साल के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरु की थी, जिनमें से 25% अग्निवीर सैनिकों को आगे स्थायी सेवा में रखा जा सकता है। आपको बता दें कि इस ऑपरेशन में अग्निवीरों की भागीदारी और बहादुरी ने अग्निपथ योजना की उपयोगिता को सिद्ध किया है और इसे लेकर उठ रही शंकाओं को काफी हद तक समाप्त कर दिया।

ये भी उल्लेखनीय है कि अग्निपथ भर्ती मॉडल, जो लंबे समय से राजनीतिक मुद्दा रहा है, लगभग तीन साल पहले सशस्त्र बलों को बनाए रखने के घोषित उद्देश्य से शुरू किया गया था।

*खबर में इस्तेमाल कई सूचनाएं अंग्रेजी देनिक समाचार पत्र से ली गई हैं।
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