
CM गहलोत ने लिखित में किससे मांगी माफी…!
सीएम गहलोत ने न्यायपालिका के समक्ष पेश किया माफीनामा
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रकट किया खेद। apologize
जयपुर। (Apologize) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्यूडिशियरी पर बयान देना क्या पड़ गया भारी…! सीएम गहलोत ने 30 अगस्त को राजस्थान में न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिया था। गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैंने सुना है कि कोर्ट में वकील तो जजमेंट लिखकर जे जाते हैं और फिर वही जजमेंट सामने आता है। ज्यूडिशियरी में ये जो चल रहा है उसके चलते हालात गंभीर हैं देशवासियों को सोचना चाहिए।
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अर्जुन मेघवाल के आरोपों को बताया था गहलोत ने सही
गहलोत ने ये भी कहा था कि भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के लिए जो कहा वो सही आरोप हैं मुझे मालूम पड़ा है कि अर्जुन राम मेघवाल के वक्त बहुत बड़ा करप्शन हुआ था। उसे दबा दिया गया है और इन लोगों ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है।
मच गया था बवाल
दरअसल गहलोत के ज्यूडिशियरी पर बयान के बाद अचानक हड़कंप मच गया था। हाईकोर्ट से लेकर प्रदेश की अदालतों में वकीलों ने गहलोत के बयानों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
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गहलोत के खिलाफ दर्ज हुई थी याचिकाएं
(Apologize) गहलोत ज्यूडिशियरी पर दिए बयान को लेकर राजस्थान बार काउंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष योगेंद्र तंवर ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस बारे में पत्र लिखकर शिकायत भी दर्ज करवाई थी। वहीं अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता सहित कई अन्य अधिवक्ताओं ने HC में गहलोत के खिलाफ याचिकाएं भी दायर की थीं।
मैं न्यायपालिका से माफी मांगता हूं
आज सीएम गहलोत ने राजस्थान हाईकोर्ट में जवाब पेश कर कहा कि जो कुछ भी उन्होंने कहा था वो सारे उनके विचार नहीं थे।
पूर्व न्यायाधीशों ने भी कई बार न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिए हैं और मैंने भी अपने बयानों में उनके बयानों का जिक्र करते हुए अपनी बात कही थी।
(Apologize) लेकिन फिर भी अगर मेरे बयान से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।
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7 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने इस मामले में सीएम गहलोत के बयान रिकॉर्ड पर लेकर 7 नंवबर को मामले पर सुनवाई करना तय किया है।
प्रतीक कासलीवाल हाईकोर्ट में अशोक गहलोत के मामले की पैरवी कर रहे हैं।