
मातृ शक्ति को मातृ दिवस पर नमन: उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी
“जिसके हाथों ने रचे जीवन के हजारों अध्याय, उस मूक मातृ शक्ति को मातृ दिवस पर नमन”
सुवा दाई मां को सलाम: मातृत्व की मिसाल बनीं मूक नायिका का उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने किया सम्मान
2800 से अधिक प्रसव कर जीवन रचने वाली सुवा दाई मां मातृ सेवा की जीवंत प्रतिमा: -दिया कुमारी
अजमेर,(dusrikhabar.com)। मातृ दिवस के अवसर पर राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कोटड़ी गांव पहुंचकर 85 वर्षीय सुवा दाई मां को सम्मानित किया, जिन्होंने अपने जीवन के 60 वर्षों में 2800 से अधिक बच्चों का सुरक्षित प्रसव कराकर निस्वार्थ सेवा और मातृत्व का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। आपको बता दें कि मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है।
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महज 24 वर्ष की आयु में इस सेवा यात्रा की शुरुआत करने वाली सुवा दाई मां ने उस समय अपनी भूमिका निभाई जब गांवों में बिजली, चिकित्सा और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं। आज भी वे कोटड़ी, झाखोलाई, भेरवई और करडाला गांवों की महिलाओं को प्रसव सहायता, गर्भावस्था परामर्श और पोषण व स्वच्छता से जुड़ी सलाह देती हैं।
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा- “सुवा दाई मां त्याग, समर्पण और मातृत्व की प्रतिमा हैं। उन्होंने उस समय मां और नवजात के लिए सुरक्षा और ममता का कवच प्रदान किया जब आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं केवल सपने जैसी थीं। उस समय उनकी सेवा भावना किसी से कम नहीं आँकी जा सकती।”
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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे नायकों को मंच पर लाना हमारा कर्तव्य है, जो चमक-धमक से दूर रहकर समाज को जीवन देने का कार्य करते हैं। सुवा दाई मां की कहानी यह बताती है कि हर महिला में शक्ति है—बस उसे पहचान और सम्मान की आवश्यकता है।इस मौके पर सैकड़ों ग्रामीणों ने सुवा दाई मां के सम्मान में अपनी उपस्थिति से आयोजन को गरिमा प्रदान की।
उपमुख्यमंत्री ने सुवा दाई माँ, उनके हाथों जन्मी पहली बच्ची जो अब 61 वर्ष की हैं उनसे भी मुलाक़ात की। मातृदिवस के इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने पैर छूकर सुवा दाई माँ से आशीर्वाद लिया और शॉल ओढ़कर उनका स्वागत भी किया.।जयपुर के लिए सुवा दाई माँ को आमंत्रित कर उन्होने कहा -यह मातृ दिवस एक प्रेरणा है—कि असली मातृत्व सिर्फ जन्म देने में नहीं, बल्कि उसे संवारने और निःस्वार्थ सेवा में निहित है। उपमुख्यमंत्री ने सभी ग्रामीण महिलाओं को मातृदिवस की शुभकामनायें भी दीं।