“वन्दे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण: SMS स्टेडियम में राज्य स्तरीय समारोह…

“वन्दे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण: SMS स्टेडियम में राज्य स्तरीय समारोह…

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बोले – वन्दे मातरम् हमारी सामूहिक चेतना और मातृभूमि के प्रति अनंत श्रद्धा का प्रतीक है

विकसित भारत के निर्माण में वन्दे मातरम् की भावना हमारी प्रेरणा बननी चाहिए

राजस्थान की धरती पर राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम – गीत, प्रदर्शनियां, पुष्पवर्षा और जनभागीदारी का अनोखा आयोजन

जयपुर, dusrikhabar.com। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हम सभी राष्ट्रीय चेतना के महान गीत “वन्दे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक साक्षी हैं। यह गीत केवल शब्दों का संग्रह नहीं बल्कि भारत की आत्मा की पुकार, मातृभूमि के प्रति असीम श्रद्धा और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। वे शुक्रवार को सवाई मानसिंह स्टेडियम, जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

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वन्दे मातरम्: स्वतंत्रता संग्राम का प्राणतत्व और राष्ट्र की आत्मा

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि जब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने आनंदमठ उपन्यास में यह अमर काव्य लिखा, तब शायद उन्हें भी यह अनुमान नहीं था कि वन्दे मातरम् की ये पंक्तियाँ भारत माता की स्वतंत्रता की लड़ाई का युद्धनाद बन जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह गीत हमारे स्वतंत्रता संग्राम का प्राणतत्व, क्रांतिकारियों का मंत्र और एकता का सूत्र बन गया। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने जब कोलकाता में यह गीत गाया, तो पूरा सभागार भावविभोर हो उठा। आज भी वन्दे मातरम् हर आंदोलन, हर जुलूस और हर भारतीय के हृदय की धड़कन है।

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युवा पीढ़ी राष्ट्र की आशा और इस महान विरासत की संरक्षक

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वन्दे मातरम् के 150 वर्षों का ऐतिहासिक उत्सव मना रहे हैं। युवा भारत की आशा हैं, और इस महान विरासत के संरक्षक भी। उन्होंने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जब आजाद हिंद फौज की घोषणा की, तब उन्होंने भी वन्दे मातरम् गाया था। क्रांतिकारी जब फांसी के तख्ते पर चढ़ते थे, तो उनके होठों पर यही गीत होता था। अंग्रेज इस गीत से इतने भयभीत थे कि उन्होंने इसे सार्वजनिक रूप से गाने पर प्रतिबंध तक लगा दिया था।

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वन्दे मातरम् में है भारतीयों को एक सूत्र में बांधने की शक्ति

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि वन्दे मातरम् में भारतीयों को जोड़ने की अद्भुत शक्ति है। यह केवल राजनीतिक नारा नहीं बल्कि आध्यात्मिक चेतना का स्वरूप है जो हमें हमारी साझी पहचान और संस्कृति से जोड़ता है। उन्होंने कहा “वन्दे मातरम् केवल अतीत की धरोहर नहीं है, बल्कि विकसित भारत के निर्माण में हमारी प्रेरणा का स्रोत है।” उन्होंने आगे कहा कि आज भारत अंतरिक्ष में चंद्रयान भेज रहा है, डिजिटल क्रांति का नेतृत्व कर रहा है और आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। यह सब हमारी संस्कृति पर गर्व और जड़ों से जुड़ाव की वजह से ही संभव है। वन्दे मातरम् हमारी चेतना, राष्ट्र की अखंडता और एकता का सूत्र है।

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 वन्दे मातरम् के राष्ट्रव्यापी समारोह से नई पीढ़ी को जोड़ेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर को वन्दे मातरम् के 150वें वर्ष के राष्ट्रव्यापी समारोह की स्वीकृति देकर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह केवल उत्सव नहीं बल्कि राष्ट्रीय आंदोलन है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी और विद्यार्थियों को इस गीत की क्रांतिकारी भावना से जोड़ना है। राजस्थान की भूमि, जिसने महाराणा प्रताप, रानी पद्मिनी, वीर दुर्गादास राठौड़ और अनगिनत शहीदों को जन्म दिया, आज भी त्याग और बलिदान की अमर कहानियाँ सुनाती है।

युवाओं से राष्ट्रप्रेम, कर्म और जिम्मेदारी का आह्वान

मुख्यमंत्री शर्मा ने युवाओं से कहा कि  “वन्दे मातरम् का इतिहास जानिए, इसके हर शब्द का अर्थ समझिए और इसे अपने जीवन में उतारिए। केवल नारा लगाना काफी नहीं है, कर्म के माध्यम से देशभक्ति को साकार कीजिए।” उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर विदेशी संस्कृति हावी हो रही है, लेकिन हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना होगा। राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के हर स्कूल और कॉलेज में वन्दे मातरम् की भावना को समझा जाए, गाया जाए और महसूस किया जाए।

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विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भरता और कर्मयोग का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्सव हमें याद दिलाता है कि आजादी आसानी से नहीं मिली — लाखों लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। अब हमारा दायित्व है कि हम भारत को उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाएं। उन्होंने कहा “वन्दे मातरम् के दो शब्द हमें याद दिलाते हैं कि हम भारत माता के सपूत हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।” मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद का उद्धरण देते हुए कहा  “उठो, जागो और दुनिया में छा जाओ। अब समय आ गया है कि युवा भारत अपनी शक्ति पहचानकर विश्वपटल पर भारत का नाम रोशन करें।”

समारोह में प्रदर्शनी, देशभक्ति गीत, पुष्पवर्षा और जनभागीदारी का जोश

मुख्यमंत्री शर्मा ने एसएमएस स्टेडियम में 1857 की क्रांति और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
उन्होंने वन्दे मातरम् सैंड आर्ट, पेंटिंग्स और लोक कलाकारों की प्रस्तुतियाँ देखीं। कार्यक्रम में गायक पीयूष पंवार ने देशभक्ति गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी और ड्रोन से पुष्पवर्षा की गई। जनसमूह ने भारत माता की जय और वन्दे मातरम् के जयकारों से पूरे वातावरण को राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग दिया।

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कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की शपथ दिलाई और आसमान में गुब्बारे छोड़कर समारोह का समापन किया। इस अवसर पर युवा मामले एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, अरूण चतुर्वेदी, मदन राठौड़, घनश्याम तिवाड़ी सहित विधायकगण, वरिष्ठ अधिकारी, छात्र-छात्राएं और आमजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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