
जब कुर्सी से खड़े हो गए मुख्यमंत्री भजनलाल…!
एक साथ दो-दो खुशियां, जन्मदिन के दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ
भजनलाल शर्मा ने ली 14वें मुख्यमंत्री पद की शपथ
मुख्य मंच पर केवल पांच कुर्सियां, शपथ हुई और बाय-बाय कर गए पीएम
समारोह में मौजूद जनता को था पीएम मोदी के संबोधन का इंतजार
विजय श्रीवास्तव।
जयपुर। ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पर 15दिसम्बर 2023 का दिन भी इतिहास के पन्नों में लिख दिया गया है। आज राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिवस के दिन अल्बर्ट हॉल पर लाखों लोगों के सामने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि ये ऐसा समारोह था जिसमें दो दो खुशियां एक साथ मनाई गईं। मुख्यमंत्री भजनलाल को शपथ से पहले उनके माता पिता और न सिर्फ परिवार ने बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने और केंद्रीय और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने जन्मदिवस की बधाई दी उसके बाद भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
मुख्यमंत्री भजनलाल का शपथ समारोह !@RajCMO @BhajanlalBjp @DIPRRajasthan @TrendingNewshttps://t.co/BAPPgwPxrV
— DUSRIKHABAR NEWS (@dusrikhabar) December 15, 2023
इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री के साथ-साथ दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ समाराह की भव्यता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि समारोह से तीन घंटे पहले और तीन घंटे बाद तक शपथ में शामिल होने वाले लोगों की भीड़ से शहर अटा रहा। मंच क सामने करीब 10 हजार कुर्सियों की व्यवस्था की गई थी उसके बावजूद हजारों की संख्या में लोग यहां वहां खड़े होकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के शपथ समारोह के साक्षी बनें। जिसे जहां जगह मिली खड़ा होकर बैठकर शपथ समारोह को देखते रहे और पीएम मोदी का निहारते रहे।
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पीएम मोदी के भाषण के लिए आए थे इतनी दूर से
राजस्थान के दूर दराज इलाकों से बल्कि गुजरात और राजस्थान के पड़ोसी राज्यों से आए भाजपा कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी की प्रधानमंत्री मोदी शपथ समारोह के बाद उद्बोधन देंगे लेकिन शपथ समारोह के तुरंत बाद 10 मिनट में तीनों मंच सुने हो गए। लोग अपने प्रधानमंत्री के मुंह से दो शब्द सुनने के लिए तरस गए। समारोह में पहंचे लोगों ने कहा हम इतनी दूर से पीएम मोदी की दो लाइनें सुनने आए थे मोदी इतनी दूर से जयपुर शपथ समारोह में आए तो अपनी जनता के लिए दो शब्द तो उन्हें कहने ही चाहिए थे।
मोदी मंच पर और लोग नजर आए हैरान
दरअसल शपथ के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र, सीएम भजनलाल, डिप्टी सीएम दीया कुमारी- प्रेमचंद बैरवा और प्रधानमंत्री अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठे जाने किसका इंतजार करते रहे। न किसी ने मंच का संचालन किया, न किसी का कोई मैसेज था, लोग मंच की ओर देख रहे थे और मंच पर आसीन VVIP लोगों की तरफ। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी मंच पर हैं और मंच पर एकदम खामोशी है। लेकिन करीब 8 मिनट बाद अचानक से लाउडस्पीकर की से आवाज आई तब जाकर लोगों की समझ में आया कि शायद लाइट या साउंड सिस्टम में कोई तकनीकी खामी आ गई थी जिसके चलते न मंच का संचालन हो पाया न ही शपथ समारोह। इस खामी के चलते शपथ में कुछ मिनटों का अंतर भी रहा।
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मोदी भी जब पड़ गए अचरज में
मंच संचालन कर रहे उद्घोषक ने एक बड़ी गलती कर दी। गलती भी ऐसी की पीएम मोदी को खुद सुनकर आश्चर्य हुआ लेकिन उद्घोषक को समझ नहीं आया उसने क्या गलती कर दी। ऐसे में उसने लगातार अपनी स्पीच को जारी रखा। दरअसल उद्घोषक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री कहकर संबोधित कर दिया और बिना क्षमा मांगे आगे की सूचनाएं मंच से देते रहे।
दो बार बदला शपथ का समय
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार शपथ के लिए पहले 11.15 बजे का समय निर्धारित किया गया था। बाद शपथ का समय 12.05 बजे कर दिया गया और फिर दूसरी समय बदलकर 01 बजे किया गया।
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कौन कौन रहा मौजूद
राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दो उपमुख्यमंत्रियों दीया कुमारी-प्रेमचंद बैरवा को राज्यपाल कलराज मिश्र ने शपथ दिलाई। इस दौरान साथ में बने दो और मंचों पर दायीं ओर साधु संतों और सन्यासियों के लिए स्थान रिजर्व था जबकि बायीं और बने मंच पर तमाम राजनीति से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और राजस्थान की राजनीतिक से जुड़े बड़े चेहरों के लिए बैठने की व्यवस्था थी।
अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, पुष्कर सिंह धामी, एकनाथ शिंदे, गजेंद्र सिंह शेखावत, सीपी जोशी, नितिन गडकरी, अर्जुन मेघवाल, अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, सीपी जोशी, हेमंता बिस्वा, कैलाश चौधरी, अरुण सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यवर्धन सिंह, राजेंद्र राठौड़, समेत अन्य दिग्गज मौजूद रहे।
गजेंद्रसिंह और अशोक गहलोत की गलबहियां…!
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच ERCP और संजीवनी घोटाले को लेकर चल रही अदावत और रुखी बयानबाजी किसी से छिपी नहीं है। बावजूद इसके शपथ समारोह के दौरान दोनों न सिर्फ एक मंच पर एक साथ बल्कि हाथों में हाथ डालकर आत्मीयता से बात करते नजर आए। शायद इसी को राजनीतिक कहते हैं कि जनता के बीच तो धुर विरोधी और मंच पर ऐसे बात कि जैसे कुछ हुआ ही न हो।
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किसके लिए कुर्सी छोड़ खड़े हो गए मुख्यमंत्री भजनलाल
दरअसल मौका था सचिवालय में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने का। इस मौके पर विधि विधान से पूजा पाठ के बाद सचिवालय में मौजूद सभी भाजपा के नेताओं ने मुख्यमंत्री भजनलाल को कुर्सी पर बिठाया और शुभकामनाएं दीं। ऐसे में अचानक जब वसुंधरा राजे भजनलाल के सामने पहुंचीं तो भजनलाल कुर्सी से खड़े होकर दोनों हाथ जोड़कर वसुंधरा राजे के सामने झुक गए और उनसे आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर वसुंधरा राजे ने भजनलाल के सिर पर अपना हाथ रख दिया मानों वसुंधरा बोल रहीं हों कि तुम आगे बढ़ो हम सब तुम्हारे पीछे फुल सपोर्ट में खड़े हैं। इस मौके पर सचिवालय में सीएम के कमरे में मनोनीत विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़, अशोक परनामी, दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, राज्यवर्धन राठौड़ सहित भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने भजनलाल को बधाई दी और मुंह मीठा कराया
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दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने भी ग्रहण की उपमुख्यमंत्री की कुर्सी
दोनों ही उपमुख्यमंत्रियों ने विधि विधान से पूजा कर अपनी अपनी कुर्सी पर विराजमान हुए। दीया कुमारी को सचिवालय में सचिन पालयट का कमरा मिला है। जिसमें पहले उपमुख्यमंत्री के रूप में सचिन पालयट बैठा करते थे।