वैदिक पंचांग-एकादशी तिथि

*~ वैदिक पंचांग ~*

वैदिक पंचांग-एकादशी ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार कैसे शुभ होगा? 

जानिए वैदिक पंचांग से (एकादशी) के बारे में 

दिनांक – 25 अक्टूबर 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन

पक्ष – शुक्ल
तिथि – एकादशी 12:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – शतभिषा 13:30 तक त्तपश्चात पूर्वभाद्रपद
योग – वृद्धि 12:18 तक तत्पश्चात ध्रुव

राहुकाल – 12:00 – 13:30 बजे तक
सूर्योदय – 06:28
सूर्यास्त – 17:42
रवियोग – 06:28 – 13:30 तक
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
पंचक प्रारंभ – मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023 पूर्वाह्न 04:23 बजे
पंचक समाप्त: शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 पूर्वाह्न 07:31 बजे
व्रत पर्व – पापांकुशा एकादशी
पद्मनाभ द्वादशी

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💥 विशेष:- एकादशी को शम्बी(सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है।
एकादशी को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

👉🏻जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है।

👉जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है।

👉एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में:

एकादशी

👉सुख-शांति बनी रहती है।
👉धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है।
👉कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है।
👉परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है। एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है।

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👉एकादशी को दिया जलाके विष्णुसहस्रनाम पढ़ें।

👉🏻विष्णुसहस्रनाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे।

👉महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार एक – एक चावल एक – एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।

👉पूनम गौड़ से ज्योतिषीय सलाह लेने के लिए 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।

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