हिमाचल। प्रधानमंत्री मोदी के राजनीतिक गुरु और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा देखा गया सपना आज उस समय पूरा हो गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में अटल टनल का शुभारंभ किया और इसे जनता को समर्पित कर दिया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंचाई पर बनी और सबसे बड़ी सुरंग लोगों को समर्पित कर दी। यह टनल भारत के लिए ना सिर्फ सामरिक महत्व रखती है बल्कि इस टनल के निर्माण से नापाक पड़ोसी देशों के पसीने छूटने लगे हैं। धड़कनें बढ़ने लगी है, बौखलाहट शुरू हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में बनी यह टनल लोगों का आवागमन सरल और सुगम कर देगी साथ ही सेना के लिए पाकिस्तान और चीन के बॉर्डर तक पहुंचने का बेहद आसान और सुगम मार्ग बन जाएगी। खास तौर से आपात परिस्थितियों में यह टनल अपात मार्ग का काम भी करेगी।
दुनिया की सबसे बड़ी हाईवे टनल:
घोड़े की नाल के अपने डिजाइन और तकनीक के लिए यह टनल काफी पहले से चर्चा में थी। आज दुनिया की सबसे बड़ी टनल जो कि 9.02 किलोमीटर लंबी और 10040 फीट की ऊंचाई पर करीब 3300 करोड़ की लागत से 10 साल में बनकर तैयार हुई है। यह सुरंग लेह और मनाली के बीच करीब 46 किलोमीटर की दूरी कम करेगी। मनाली घाटी से लाहौल-स्पीति तक का 5 घंटे का सफर अब सिर्फ 10 मिनट में पूरा हो सकेगा। यह टनल रोहतांग दर्रे के लिए वैकल्पिक मार्ग का काम भी करेगी।

दुनिया की बेहतरीन टनल्स में से है एक अटल टनल। इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने बनाया है। पीर पंजाल पहाड़ी को तराश कर बनाई गई आईएस टनल पर बर्फबारी और हिमस्खलन का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। 10.5 मीटर चौड़ी टनल के अंदर एक और “फायरप्रूफ” टनल बनाई गई है जो 3.6×2.25 मीटर चौड़ी “इमरजेंसी टनल” है। आपातकालीन समय में हर 150 मीटर की दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन लगाए गए हैं। हर 60 मीटर पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम और हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरों से लैस सेल्फ इन्वेस्टिगेशन सिस्टम भी लगाया गया है। सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 3000 कारें और 1500 ट्रक हर रोज गुजर सकते हैं। इस टनल में सेमी ट्रांसवर्स वेंटीलेशन सिस्टम, एसडीएडी ऑपरेटेड अग्निशमन यंत्र और रोशनी -निगरानी प्रणाली सहित इलेक्ट्रोमैकेनिकल प्रणाली लगी है।
टनल के शुरू होने से सर्दियों में होने वाली बर्फबारी के कारण लाहौल के लोग (जो 6 महीने तक दुनिया से कट जाते थे) अब दुनिया के साथ हमेशा जुड़े रहेंगे। वहीं सेना के जवानों का इस टनल से न सिर्फ हौसला बढ़ेगा बल्कि उनकी पाकिस्तान से सटे कारगिल और चीन से सटे लद्दाख तक पहुंचने की राह और आसान हो जाएगी और किसी भी विकट परिस्थिति में तुरंत बॉर्डर पर सेना को मदद पहुंचाना बेहद आसान हो जाएगा।
अद्भुत और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से तैयार अटल टनल लेह और लद्दाख की लाइफ लाइन बन जाएगी। लाहौल और लेह में अब पर्यटन की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी, जिसके चलते पर्यटकों के लिए चंद्रताल त्रिलोकीनाथ स्पीति घाटी काफी नजदीक हो जायेगी। साथ ही ताबो मठ तक अब विश्व भर से पर्यटक आसानी से पहुंच पाएंगे। अटल टनल के शुरू होने से आसपास के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पर्यटकों के ठहराव से होम स्टे, ढाबे, होटल्स, गेस्ट हाउस और हैंडीक्राफ्ट से यहां रोजगार के जबरदस्त अवसर भी पैदा होंगे।