
फोर्टिफाइड चावल धोकर खाएं या नहीं, मोदी सरकार क्यों बांट रही मुफ्त में…!
फोर्टिफाइड चावल क्यों मुफ्त बांट रही मोदी सरकार?
अब केंद्र सरकार 2028 तक बांटेगी मुफ्त फोर्टिफाइड चावल
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में मिलता रहेगा यह चावल, कैबिनेट में मिली मंजूरी
भारत में हर दूसरी महिला और तीसरा बच्चा कुपोषित: सर्वे
जयपुर। (dusrikhabar.com)। फोर्टिफाइड चावल को लेकर लोगों में असमंजस है कि आखिर इस सरकारी चावल का उपयोग कैसे किया जाए। जिन्हें ये चावल मुफ्त मिल रहा है वो लोग इस चावल का इस्तेमाल पानी से धोकर कर रहे हैं जैसा कि हम लोग घरों में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या फोर्टिफाइड चावल को धोकर उपयोग में लेना चाहिए इस पर तरह तरह की बातें लोग करते हैं। इसकी जरूरत क्यों पड़ी कि केंद्र की मोदी सरकार ने 9 अक्टूबर 2024 को 2028 तक फोर्टिफाइड चावल मुफ्त बांटने की कैबिनेट से मंजूरी जारी कर दी है।
read also: कैसा रहेगा आपका का दिन, क्या कहता है आज आपका भाग्य?
2028 तक फोर्टिफाइड चावल मुफ्त बांटेगी सरकार
आपको बता दें कि 2022 में केंद्र सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में फोर्टिफाइड चावल 2 साल तक बांटने की घोषणा की थी जिसे अब सरकार ने बढ़ाकर 2028 तक के लिए कर दिया है। यानि अगले चार साल तक केंद्र सरकार फोर्टिफाइड चावल गरीबों को निशुल्क बांटेगी।
अगले 4 साल तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी स्कीम्स में फोर्टिफाइड चावल मिलता रहेगा। 9 अक्टूबर को मोदी कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी। सरकार ने 2022 में 2 साल तक ऐसे चावल देने का फैसला किया था, अब इसे 2028 तक बढ़ा दिया गया है। कैबिनेट की मीटिंग में हुए फैसले के अनुसार चावल को फोर्टिफाई करने के लिए मुफ्त राशन की योजना के तहत सरकार की ओर से 100% सब्सिडी मिलेगी।
read also: NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या, दाऊद ने दी थी धमकी…!
कोविड 19 के वक्त पीएम पोषण योजना में हुई थी शुरु
सरकार की ओर से एक बयान जारी करते हुए कहा किया कि देश में एनीमिया और पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए फोर्टिफाइड चावल देने की पहल शुरू की गई थी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम), कई कल्याणकारी योजनाओं, चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विस और सभी राज्यों में पीएम पोषण योजना के तहत सरकार आपूर्ति कर रही है। आपको बता दें कि कोविड 19 के समय पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना 2020 में शुरु की गई थी जिसमें भारत के करीब 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन देने की केंद्र ने घोषणा की थी सरकार उसी को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रही है।
read also: यूरिन का कलर खोलता है सेहत से जुड़े बड़े राज, ये रंग दिखते ही तुंरत भागे डॉक्टर के पास
भारत में फोर्टिफाइड चावल की क्यों पड़ी जरूरत?
आपको जानकार हैरानी होगी कि हमारे चावलों में माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स यानि सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के चलते सरकार ने जनता को फोर्टिफाइड चावल खिलाने की योजना बनाई है ताकि लोगों को मिलने वाले पोषण की गुणवत्ता में सुधार हो और लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो, लोगों में बीमारियों के खतरे को कम किया जा सके।
आपको बता दें कि फूड रेगुलेटर यानी खाद्य नियामक, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार खाने की चीज के फोर्टिफिकेशन का मतलब है उसमें जरूरी माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्व) की मात्रा को बढ़ाना। हमारे देश में इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि भारत की अधिकतर आबादी गरीब है जिनमें भी महिलाएं और बच्चे ज्यादातर कुपोषित हैं। ऐसे में हर दूसरी महिला में एनीमिया यानी खून की कमी के चलते हर तीसरा बच्चा अविकसित हो रहा है (जानकारी खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार)।
read also: राजस्थान में इस बार दीपावली 2 दिन: 11 जिलों में 31 को अमावस्या पर सहमति; 16 में 1 नवंबर को… कब है श्रेष्ठ मुहूर्त?
क्या कहता है नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे यानी (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण) के वर्ष 2019 से 2021 के बीच हुए सर्वे के अनुसार भारत के हर घर में चाहे गरीब हो या अमीर एनीमिया एक बड़ी समस्या बनी हुई है। हर उम्र और आय वर्ग के परिवारों में बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को एनीमिया प्रभावित करती है। खून में आयरन की कमी के अलावा, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड जैसे दूसरे विटामिन और मिनरल की कमी भी रहती है, इससे पूरी आबादी के स्वास्थ्य और उनकी उत्पादकता यानी काम करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।