वैदिक पंचांग से समझें कैसा हो सकता है आपका आज…?
*~ वैदिक पंचांग ~*
सेलिब्रिटी ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार आप का आज का दिन कैसे शुभ होगा?

ज्योतिष पूनम गौड़
दिनांक – 10 सितम्बर 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी 21:28 तक ततपश्चात द्वादशी
नक्षत्र – पुनर्वसु 14:25 तक तत्पश्चात पुष्य
योग – वरियान 22:36 तक तत्पश्चात परिघ
राहुकाल – 16:58 से 18:31 बजे तक
सूर्योदय – 06:05
सूर्यास्त – 18:30
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
पंचक – –
अभिजीत मुहूर्त – 11:53 – 12:43
रवि पुष्य योग – 17:06 से 06:04(11 सितम्बर)
सर्वार्थ सिद्धि योग – 17:06 से 06:04(11 सितम्बर)
पारण (व्रत खोलने का) समय 11 सितम्बर को 06:04 से 08:33 तक रहेगा।
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 23:52
व्रत पर्व – 10 सितम्बर अजा एकादशी व्रत
12 सितम्बर प्रदोष
13 सितम्बर मासिक शिवरात्रि
14 सितम्बर अमावस्या
💥 विशेष:- एकादशी को स्त्री सहवास नहीं करना चाहिए तथा तिल का तेल लगाना व खाना निषिद्ध है। शम्बी (सेम) खाना भी निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खण्ड 27.29-38)
👉 रविवार को मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खण्ड: 75.90)
👉रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
👉रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए।
👉स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
👉रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है।
👉रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है।
👉पुष्य नक्षत्र शनि का नक्षत्र है और रविवार सूर्य का दिन है। जिन रविवार को पुष्य नक्षत्र पड़ता है उसे रवि पुष्य योग कहते हैं।
👉रवि पुष्य योग के दिन कोई नया बिज़नेस शुरू करना हो, सोना-चांदी-हीरा खरीदना हो, कार खरीदनी हो, जमीन जायदाद से सम्बंधित कार्य करने हो या फिर कोई भी शुभ कार्य के लिए तैयारी करनी हो; सब के लिए रवि पुष्य योग शुभ व लाभप्रद माना गया है।
👉कोई पूजा अर्चा करनी हो, या विबाह के इलावा कोई कार्य करना हो तो उसके करने से लाभ होता है।
👉 रवि पुष्य योग में विवाह नहीं करना चाहिए।
👉एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ, गीता का पाठ व अन्य विष्णु स्तोत्रों व मन्त्रों का पाठ व जप अत्यंत फल दायी होता है। साथ ही रवि पुष्य योग व सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं तो इस दिन किया गया जप फल कई गुना ज्यादा हो कर मिलेगा।