सरस घी की बिक्री ने तोड़े सारे रिकॉर्ड-RCDF-जिला संघों का प्रोफिट 400 करोड़ के पार…

सरस घी की बिक्री ने तोड़े सारे रिकॉर्ड-RCDF-जिला संघों का प्रोफिट 400 करोड़ के पार…

दुग्ध डेयरी सहकार से समृद्वि, राजस्थान में दुग्ध क्रान्ति 2.0 के नये कीर्तिमान

राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन की स्थापना के 47 वर्षों का टूटा रिकॉर्ड

आरसीडीएफ एवं जिला संघों का लाभ 400 करोड़ के पार

फेडरेशन का टर्नओवर भी पहुंचा 10 हजार करोड़ के करीब

जयपुर (Dusrirkhabar.com)। राजस्थान में दुग्ध डेयरी सहकार से समृद्वि का सपना साकार करते हुए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन और उससे सम्बद्ध जिला दुग्ध संघों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में लाभ के सभी पैमानों, टर्नओवर, सरस घी और दुग्ध उत्पादों की बिक्री, महिलाओं की दुग्ध क्षेत्र में सहभागिता, राजस्व ग्राम तक दुग्ध सहकारी समितियों की पहुंच आदि के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं।

फैडरेशन की सफलताओं के पीछे सरस अमृतम, दूध का दूध पानी का पानी और एक जिला एक उत्पाद जैसे अभियान और सरस घी के सभी पैक्स में क्यूआर कोड और राज्यभर में एक साथ सरस मिठाई का विपणन जैसे नवाचारों का अहम योगदान रहा है।

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दुग्ध संघों ने रिकार्ड 400.85 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया

राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रशासक और प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 आरसीडीएफ एवं सम्बद्व जिला दुग्ध संघों ने रिकार्ड 400.85 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है जो फैडरेशन की स्थापना के 47 वर्षों में सर्वाधिक है।

उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह लाभ 298.61 करोड़ रुपये था और आरसीडीएफ के कुल लाभ में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में आरसीडीएफ के पशु आहार संयंत्रों सहित सभी इकाईयों का लाभ 65.44 करोड़ रुपये था जो बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 116.07 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

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Jaipur District Milk Producer Cooperative Unionआरसीडीएफ एवं जिला संघों का टर्नओवर पहुॅंचा 10 हजार करोड़ रुपये के करीब

भारद्वाज ने बताया कि आरसीडीएफ के 47 वर्षों के इतिहास में पहली बार आरसीडीएफ एवं इससे सम्बद्व जिला दुग्ध संघों का टर्नओवर 10 हजार करोड़ रुपये के करीब पहुॅंच गया है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में आरसीडीएफ एवं दुग्ध संघों का टर्नओवर 9505.14 करोड़ रुपये तक पहुॅंच गया है जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 8237.33 करोड़ रुपये था। इस प्रकार आरसीडीएफ के टर्नओवर में 15.40 प्रतिशत की अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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बढ़ती मांग के चलते सरस दुग्ध उत्पादों की बिक्री में अभूतपूर्व बढ़ोतरी

उच्च गुणवत्ता और उपभोक्ताओं के विश्वास के चलते सरस घी और अन्य दुग्ध उत्पादों की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरस घी की बिक्री में रिकॉर्ड 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

सरस घी के सभी पैक्स पर क्यूआर कोड लागू किये जाने के बाद से ही सरस घी की मांग में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए सरस घी की उच्च गुणवत्ता और आमजन में विश्वास से राजस्थान राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, मंदिरों एवं सामाजिक कार्यों में भी सरस घी ही उपयोग में लिया जाने लगा है।

सरस के अन्य दुग्ध उत्पाद जैसे स्किम्ड मिल्क पाउडर में 7 प्रतिशत, पनीर में 4 प्रतिशत, छाछ में 18 प्रतिशत, लस्सी में 18 प्रतिशत, दही में 21 प्रतिशत, फलेवर्ड मिल्क में 20 प्रतिशत और रसगुल्ले में 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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सहकार से समृद्वि योजना से राजस्व ग्राम तक दुग्ध उत्पादक समितियों की पहुंच

भारत सरकार की सहकार से समृद्वि योजना के अन्तर्गत राज्यभर में 1770 नई बहुउद्देशीय दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य दिया गया था जिसके विरुद्व आरसीडीएफ द्वारा 30.04.2025 तक 1637 नई बहुउद्देशीय दुग्ध समितियों का गठन किया जा चुका है। योजना के अन्तर्गत नवगठित दुग्ध उत्पादक समितियों में 24435 महिला दुग्ध उत्पादकों को सदस्य बनाया गया है।

Saras Ghee sales broke all records-RCDF-District Associations' profit crossed 400 crores...

योजना में कुल 581 दुग्ध समितियों का सुदृढ़ीकरण भी किया गया है जिससे इन समितियों से जुड़ी 5229 महिला दुग्ध उत्पादकों की आय में बढ़ोतरी हुई है। राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा के अन्तर्गत अब तक 557 नई दुग्ध समितियां और 1395 दुग्ध संकलन केन्द्रों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 378.22 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

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