“खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है:” विवेकानंद

“खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है:” विवेकानंद

“खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है:” विवेकानंद

युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती आज,

 

विजय श्रीवास्तव, 

 

जयपुर। किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं स्वामी विवेकानंद। भारत सहित पूरे विश्व में अपने ज्ञान और ज्ञानवाणी से अपनी और भारत की पहचान बनाने वाले स्वामी विवेकानंद के बारे में यूं तो कुछ भी लिखना बहुत कम होगा लेकिन वो हर युवा के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। जीवन में प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने, मेहनत करने और सफलता के मूलमंत्र के रूप में उनकी शिक्षाएं सभी युवाओं को प्रेरित करती हैं।

Swami Vivekananda के एक छोटे से परिचय के अनुसार उनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता जो कि आज कोलकाता है, के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनका वास्तवित नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाइकोर्ट के सुप्रसिद्ध वकील थे। जो कि पाश्चात्य सभ्यता को मानते थे। लेकिन नरेंद्र उनके पाश्चात्य कल्चर को स्वीकार नहीं करते थे। बाल अवस्था में वो अपनी भुवनेश्वरी देवी से बहुत प्रभावित रहे, उनकी मां धार्मिक विचारों की महिला थीं। छोटी उम्र में ही संसार से दूर होकर उन्होंने सन्यास ले भगवा धारण कर लिया। बस यहीं से उनका समय बदला और उनके भाषण, लेखन, वाणी और उपदेशों के चलते युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन गए। आज उन्हीं आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती है।

विदेशों में उनके द्वारा किए गए कुछ कार्य ऐसे थे जिन्होंने उन्हें हर दिल अजीज बना दिया। उन्होंने अमेरिका में आयोजित धर्म संसद में हिंदी में अपने भाषण की शुरुआत की तो लोग मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते रहे। वहीं शिकागो में एक समारोह में 2 मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो उनके द्वारा दिए गए वचनों के बाद तालियों से गूंजता रहा। उनके हर अनमोल वचनों को और प्रेरणादायक बातों को लोग आज भी याद करते हैं।

स्वामी विवेकानंद की कुछ प्रेरणादायक बातें

  • अगर भगवान पर भरोसा है तो तकदीर में जो लिखा है वही पाओगे, अगर खुद पर भरोसा है तो भगवान वही लिखेगा जो आप चाहोगे।
  • संघर्ष जितना कठिन होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
  • खुद को परखना भी जरूरी है तभी तो पता चलेगा कि हम क्या क्या कर सकते हैं।
  • ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हमी हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
  • उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।
  • ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
  • तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। …
  • जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं, लेकिन जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है।
  • सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
  • जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं करते।
  • विश्व एक व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
  • जिस दिन आपके सामने कोई समस्या न आए, आप यकीन कर लो कि आप गलत रास्ते पर हो।
  • दिल और दिमाग के टकराव में आप दिल की सुनो।
  • चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।
  • हम जो बोते हैं वो ही काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य निर्माता हैं।

फोटो: साभार सोशल मीडिया

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