
गहलोत-पायलट के बीच सुलह, फिर जीतेगी राजस्थान…!
पायलट की भूमिका तय, केसी वेणुगोपाल से अलग से क्या हुई पायलट की चर्चा?
पायलट के कई मुद्दों को राष्ट्रीय कमेटी ने स्वीकारा, होगी जांच
क्या अब विधानसभा चुनावों में दिखेगी दोनों की जुगलबंदी?, कांग्रेस जीतेगी राजस्थान?
खड़गे ने ट्वीटकर लिखा राजस्थान में इस बार बनेगा इतिहास
कांग्रेस ने दिया भाजपा झटका, लगानी होगी बड़ी जुगत
ब्यूरो। राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चल रहा विवाद अब खत्म होता नजर आ रहा है। गुरुवार को दिल्ली में हुई बैठक में गहलोत-पायलट के बीच चल रही अदावत खत्म हो गई है। जिस अंदाज में बैठक और पीसी के बाद राजस्थान के नेता बाहर निकले उससे लग रहा है कि अब राजस्थान कांग्रेस में चल रही खींचतान पर लगाम लगेगी। इसमें भी मुख्य बात ये है कि सचिन पायलट जिस मुस्कुराहट के साथ बैठक से बाहर निकले और जिस अंदाज में उन्होंने पत्रकारों से बात की उससे ये आभास हो रहा है कि अब प्रदेश में कांग्रेस फिर से एक दिशा लेकर चुनाव जीतने के लिए आगे बढ़ेगी। दिल्ली AICC मुख्यालय में आयोजित हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और सचिन पायलट सहित प्रदेश के तमाम मंत्री और बड़े नेता मौजूद रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बैठक में शरीक हुए लेकिन पैर में चोट के कारण गहलोत वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
पार्टी में सीएम फेस नहीं हुआ तय
दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक में चार महत्वपूर्ण फैसलों पर सहमति बनी है। पहला फैसला है कि राजस्थान में कांग्रेस का कोई मुख्यमंत्री फेस नहीं होगा और पार्टी संगठनिक तैयारियों के साथ चुनाव लड़ेगी। दूसरा फैसला है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए नियम बनेंगे और विधानसभा में इसकी पेपरलीक प्रक्रिया होगी। तीसरा फैसला है कि चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों का चयन सितंबर के पहले सप्ताह में होगा। और चौथा फैसला है कि पार्टी में अब बयानबाजी नहीं होगी और सरकार के प्रचार के साथ-साथ पार्टी का प्रचार अभियान शुरू होगा।
सचिन पायलट ने भी की घोषणा
मीटिंग के बाद सचिन पायलट ने घोषणा की है कि पार्टी सभी मुद्दों पर मिलकर काम करेगी और लक्ष्य है कि फिर से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बने। पायलट ने राजस्थान कांग्रेस में उनकी भूमिका क्या रहेगी इस पर कहा कि राहुल गांधी और खड़गे जो निर्णय लेंगे उसी पर हम मिलकर काम करेंगे। फिलहाल राजस्थान जीत हमारा लक्ष्य है। हम मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे और राजस्थान में इतिहास बनाएंगे।
उम्मीदवारों की सूची सितम्बर में
बैठक के बाद एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए केसी वेणुगोपाल और रंधावा ने कहा कि राजस्थान में टिकट वितरण को लेकर तय है कि तीन सर्वे के आधार पर टिकटों का वितरण होगा। जिताऊ, स्वच्छ छवि और अनुभव को प्राथमिकता मिलेगी। वेणुगोपाल ने कहा कि जो पार्टी के लिए वफादार रहे हैं उन्हें पहले भी वफादारी का पुरस्कार मिलता रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।
वेणुगोपाल की बात के क्या हैं मायने
प्रेसवार्ता में वफादारों को पुरस्कार की बात कर शायद वेणुगोपाल ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री का फेस तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहेंगे। करीब डेढ़ वर्ष पहले जब राजस्थान की सरकार अस्थिरता के मोड़ पर आ गई थी तब जिसने कांग्रेस का साथ दिया उन्हें पुरस्कार जरूर मिलेगा। ऐसे में अब पायलट की कद को लेकर फिर से प्रश्न वही है कि क्या इस बार फिर पायलट को दिल्ली से लॉलीपॉप पकड़ा दी गई है। लेकिन पायलट के मुस्कुराहट के मायने कुछ और कहते हैं।
जानकार सूत्रों की मानें तो पायलट को फिर से वही आश्वासन मिला है कि चुनाव जीतने के बाद इस बार शायद पार्टी उन्हें सीएम का पद दे दे, क्योंकि अनुभव के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में अब नए चेहरे की भी जरूरत है। इधर सूत्र ये भी बताते हैं कि पायलट को राहुल और प्रियंका से राजस्थान को लेकर बड़ा आश्वासन मिल गया है और अगर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होती है तो इस बार जरूर पायलट अपना सपना पूरा होते हुए देख पाएंगे।
बहरहाल राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है, फिलहाल तो कांग्रेस को मिलकर लड़ने में ही फायदा है क्योंकि अगर अंदरूनी फूट बनी रही तो कांग्रेस का राजस्थान मे दोबारा जीत का सपना अधूरा ही रह जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो न गहलोत को कुछ मिलेगा न ही पायलट को।