
डेयरी उद्योग की नई उड़ान, 1000 करोड़ के कोरपस फंड को मंजूरी…
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की शानदार पहल: डेयरी विकास के लिए 1000 करोड़ का कोरपस फंड मंजूर
आरसीडीएफ की दूध प्रसंस्करण क्षमता बढ़कर होगी 75 लाख लीटर प्रतिदिन
पशु आहार उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी, किसानों और दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा लाभ
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर, dusrikhabar.com। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ऐतिहासिक पहल पर राजस्थान सरकार ने राज्य में डेयरी विकास के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का कोरपस फंड बनाने की स्वीकृति जारी की है, जिससे राज्यभर की डेयरियों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा। यह फंड राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (RCDIDF) के रूप में बनाया गया है।
यह कदम पिछले दो दशकों में राजस्थान के डेयरी सेक्टर में सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है। इस निर्णय से राज्यभर की सहकारी डेयरियों और उनसे जुड़े लाखों दुग्ध उत्पादकों को सीधा फायदा होगा। इससे आरसीडीएफ (Rajasthan Cooperative Dairy Federation) और जिला दुग्ध संघों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार के नए अवसर मिलेंगे।
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राज्य में बढ़ेगी दूध प्रसंस्करण क्षमता — 52 लाख से 75 लाख लीटर प्रतिदिन तक
आरसीडीएफ की प्रशासक एवं प्रबंध संचालक श्रुति भारद्वाज ने बताया कि राज्य में डेयरी विकास के लिए इतनी बड़ी राशि पहली बार स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि इस राशि से सहकारी डेयरियों में दूध प्रसंस्करण क्षमता को 52 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 75 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। अलवर, उदयपुर, बांसवाड़ा, भरतपुर और सवाईमाधोपुर में नए अत्याधुनिक डेयरी प्लांट लगाए जाएंगे।
वहीं सीकर-झुंझुनूं, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, जोधपुर और कोटा दुग्ध संघों के डेयरी प्लांट्स का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इसके अलावा कोटा, उदयपुर और राजसमंद में नए संयंत्रों की स्थापना, और जोधपुर पशु आहार संयंत्र का विस्तारीकरण किया जाएगा। पाली और हनुमानगढ़ जिलों में 60 मैट्रिक टन क्षमता के नए डेयरी प्लांट्स स्थापित होंगे।
पशु आहार उत्पादन में भी होगा विस्तार — किसानों को सीधा लाभ
श्रुति भारद्वाज ने बताया कि RCDIDF की स्वीकृति के तहत आरसीडीएफ के पशु आहार संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में पशु आहार उत्पादन क्षमता 1800 मैट्रिक टन प्रतिदिन है, जिसे 2550 मैट्रिक टन प्रतिदिन तक बढ़ाया जाएगा।
साथ ही पाउडर प्लांट्स की क्षमता को 165 मैट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 225 मैट्रिक टन प्रतिदिन किया जाएगा। यह योजना न केवल राज्य के डेयरी क्षेत्र को नई दिशा देगी बल्कि दुग्ध उत्पादकों और किसानों की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि करेगी।
कोरपस फंड का ढांचा और वित्तीय प्रावधान
इस कोरपस फंड की 10 प्रतिशत राशि आरसीडीएफ स्वयं अपने लाभांश से देगा। इसी प्रकार जिला दुग्ध संघों द्वारा भी अपनी कमाई से 10 प्रतिशत राशि दी जाएगी। इसके साथ ही, बैंक या वित्तीय संस्थाओं से उचित ब्याज दर पर ऋण लिया जा सकेगा। केंद्र सरकार की एएचआईडीएफ योजना के तहत 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भारत सरकार और 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी राजस्थान सरकार द्वारा दी जाएगी।
राज्य में डेयरी सेक्टर को नई ऊंचाई देने की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की यह पहल न केवल राजस्थान को डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि राज्य के ग्रामीण अर्थतंत्र को भी मजबूती देगी। राज्य में बढ़ती दूध उत्पादन क्षमता, पशु आहार संयंत्रों का विस्तार और नए तकनीकी डेयरी प्लांट्स से किसानों, पशुपालकों और सहकारी संस्थाओं को दीर्घकालिक लाभ होगा।
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