
उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र की तैयारियां अंतिम चरण में, चयन प्रक्रिया शुरु…
सितम्बर से गूंजेगी महाकाल की नगरी से आकाशवाणी
चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में,100 से अधिक उम्मीदवार पहुंचे लिखित परीक्षा में
क्षेत्रीय कला, साहित्य और लोक संस्कृति का भी संवाहक बनेगा आकाशवाणी केंद्र
उज्जैन,(dusrikhabar.com)। महाकाल की नगरी उज्जैन अब जल्द ही अपने स्वयं के आकाशवाणी केंद्र से गूंजने जा रही है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से स्थापित हो रहा यह केंद्र अब अंतिम तैयारियों की ओर बढ़ चुका है और सितम्बर 2025 में इसका प्रसारण शुरू होने की संभावना है। इस पहल से न केवल उज्जैन बल्कि पूरे मालवा क्षेत्र की कला, संस्कृति और परंपराओं को नई पहचान मिलेगी।
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चयन प्रक्रिया के पहले चरण का आयोजन
आकाशवाणी केंद्र उज्जैन के लिए विभिन्न कार्यक्रमों हेतु असाइनी पैनल तैयार किया जा रहा है। इसके लिए विक्रम विश्वविद्यालय की सतत् शिक्षा अध्ययनशाला परिसर में लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ। इस परीक्षा में करीब 100 से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए।
परीक्षा की निगरानी कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज, आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट और पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के प्रभारी संचालक डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। भट्ट ने बताया कि आवेदन करीब 130 उम्मीदवारों से प्राप्त हुए थे, जिनमें से अधिकांश ने परीक्षा दी। यह चयन प्रक्रिया किसी नियमित रोजगार के लिए नहीं है, बल्कि सफल उम्मीदवारों को कार्यक्रम की आवश्यकताओं के अनुसार अवसर प्रदान किया जाएगा।
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फिलहाल आकाशवाणी स्टूडियो इंदौर से चलेगा उज्जैन आकाशवाणी केंद्र
जानकारी के अनुसार जब तक उज्जैन आकाशवाणी केंद्र का स्थायी स्टूडियो पूरी तरह तैयार नहीं हो जाता, तब तक इसके कार्यक्रमों का अस्थायी प्रसारण आकाशवाणी इंदौर केंद्र से किया जाएगा। इसके लिए तकनीकी और प्रसारण संबंधी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ इंदौर केंद्र पर पहले ही सुनिश्चित कर ली गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इससे प्रसारण कार्यों में कोई व्यवधान नहीं आएगा और उज्जैन केंद्र की पहचान भी बनी रहेगी। जैसे ही उज्जैन में स्थायी स्टूडियो का निर्माण कार्य पूर्ण होगा, प्रसारण अधिकार तुरंत वहां से स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। इस व्यवस्था से श्रोताओं को निरंतर आकाशवाणी उज्जैन से जुड़े रहने का अवसर मिलेगा।
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आकाशवाणी उज्जैन से क्षेत्रीय कला और संस्कृति को नया मंच
कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट ने कहा कि यह आकाशवाणी केंद्र केवल प्रसारण का माध्यम नहीं होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय कला, साहित्य और लोक संस्कृति का भी संवाहक बनेगा। यहां से मालवा की लोककथाएँ, भजन, कविताएँ, पंडे-पुजारियों की वाणी और शिप्रा नदी तट की सांस्कृतिक धारा पूरे देश और विदेश तक पहुंचेगी। स्थानीय कलाकारों, कवियों और लेखकों को राष्ट्रीय स्तर का मंच मिलेगा। इस केंद्र के माध्यम से लोक संस्कृति, ग्रामीण कार्यक्रम, महिला विशेष प्रसारण और युववाणी कार्यक्रम जैसे कई नए प्रयास किए जाएंगे।
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