
IAS, RAS, RJS और PCS प्रतियोगी परीक्षा की करें तैयारी
सभी सिविल सर्विसेज की तैयारी में बहुउपयोगी है यह किताब
स्टूडेंट्स को खूब भा रही किताब “सामाजिक मुद्दे”…!
जयपुर। सिविल सेवा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए सामाजिक मुद्दे किताब स्टूडेंट्स में काफी लोकप्रिय हो रही है। लगातार इस किताब की डिमांड बाजार में बढ़ती जा रही है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जीएल शर्मा द्वारा लिखित इस पुस्तक को दो भाषाओं में प्रकाशित किया गया है।
प्रकाशक पैनासीआ रिसर्च फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित विविध विषयों पर आधारित इस पुस्तक की विषय-सूची कुल सात भागों में विभाजित है। पुस्तक सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दों के साथ-साथ आर्थिक, प्रशासनिक, विकास सम्बधी विषयों, राजनीतिक, वैधानिक-संवैधानिक, जैण्डर, पर्यावरण एवं वैश्विक सम्बंधी कुल 100 से अधिक मुद्दों पर मूल संकल्पनाओं के साथ उनकी विशद व्याख्या प्रस्तुत करती है।
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पैनासीआ रिसर्च फाउंडेशन विगत एक दशक से शोध एवं प्रकाशन के क्षेत्र में सक्रिय है।
पुस्तक के लेखक डॉ जी. एल. शर्मा सिविल सेवा परीक्षओं के मानद् मार्गदर्शक हैं और प्रतियोगिता साहित्य के लेखन में उनका लम्बा अनुभव है। प्रस्तुत पुस्तक में विवेचित मुद्दों का फलक बहुत विस्तृत है। लगभग साढ़े पाँच सौ पृष्ठों की इस वृहत पुस्तक में शामिल 100 से अधिक ज्वलंत मुद्दों का एक छोर जहां भारतीय समाज की सांस्कृतिक विरासत, ऑनर किलिंग, सहजीवन, शहरीकरण, भारत में बेरोजगारी, पंचायती राज जैसे विषयों को छूता है वहीं दूसरा छोर न्यायिक सुधार, पर्यावरण, सुशासन, ई-शासन, वैश्वीकरण एवं पंथ – निरपेक्षता जैसे मुद्दों की विवेचना से संबंधित है।
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प्रश्नों की सरल सैद्धान्तिक विवेचना के साथ उचित समाधान भी
लेखक जी.एल. शर्मा चूंकि वरिष्ठ आरएएस अधिकारी हैं, इसलिए सामाजिक मुद्दों को लेकर प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं भारतीय समाज में व्याप्त अंतर्विरोधों का उन्हें प्रत्यक्ष एवं व्यावहारिक अनुभव है, जो इस पुस्तक की रचना में अभिव्यक्त हुआ है। समस्यामूलक सामाजिक प्रश्नों की सरल सैद्धान्तिक विवेचना के साथ-साथ लेखक ने उनका उचित समाधान भी सुझाया है।
IAS,RAS,RJS और PCS के लिए बहुपयोगी
प्रतियोगी परीक्षाओं यथा आरएएस, आईएएस, आरजेएस, पीसीएस आदि के लिए अपने बेसिक समझ, विस्तृत कलेवर एवं अद्यतन आँकड़ों की वजह से यह पुस्तक विशिष्ट बन जाती है। विद्यार्थियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए पुस्तक की भाषा को सुगम्य एवं प्रवाहपूर्ण रखा गया है। जिस आकर्षक भाषा-शैली में विभिन्न विषयों, तथ्य एवं आँकड़ों की विवेचना की गई है, उसे देखते हुए यह पुस्तक न केवल वस्तुनिष्ठ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपितु मुख्य परीक्षाओं के साथ-साथ विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के नियमित पाठ्यक्रम, निबन्ध लेखन, पैनल डिस्कसन, इन्टरव्यू एवं समूह परिचर्चा के लिए भी उपयोगी बन गई है।
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प्रामणिक शोध सामग्री है पुस्तक का आधार
पुस्तक की सामग्री शोध आधारित एवं प्रामाणिक है। वर्तनी एवं भाषा के दोषों से रहित अंतर्वस्तु इस पुस्तक की एक और विशिष्टता है। कुल मिलाकर पैनासीआ रिसर्च फाउंडेशन की ओर से प्रस्तुत तथा वरिष्ठ आर.ए.एस. ऑफिसर जी.एल. शर्मा द्वारा हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में संपादित यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए एक बहुउपयोगी, स्तरीय एवं मानक पठनीय सामग्री उपलब्ध करवाती है।
