
SMS अस्पताल में युवक की मौत, 3 डॉक्टर को हटाया, नर्सिंगकर्मी सस्पेंड
नर्सिंगकर्मी और डॉक्टरों पर लापरवाही का परिजनों ने लगाया था आरोप
गलत ग्रुप का खून (Blood) चढ़ाने से हो गई थी युवक की मौत
गलत खून चढ़ने से मरीज युवक की दोनों किडनी हो गई थीं खराब
जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS hospital) में उपचार में लापरवाही के चलते पैर में चोट के मरीज सचिन शर्मा (sachin sharma) की शुक्रवार को मौत हो गई। मरीज की मौत पर परिजनों ने ट्रोमा (troma) वार्ड के बाहर हंगामा खड़ा कर दिया। लापरवाही के चलते चिकित्सा विभाग ने 3 डॉक्टरों को एपीओ (APO) कर दिया वहीं 1 नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया है।
गलत खून चढ़ने से भर्ती सचिन शर्मा की मौत
एसएमएस अस्पताल में 12 फरवरी को भर्ती हुए बांदीकुई निवासी 23 वर्षीय सचिन शर्मा की आज शुक्रवार को मौत हो गई। सचिन का एक्सीडेंट हो गया था, प्राथमिक उपचार के बाद उसे SMS अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल की लापरवाही से मरीज को O पॉजीटिव की जगह AB पॉजीटिव ब्लड चढ़ा दिया। इसके चलते मरीज की दोनों किडनी खराब हो गईं और आज सचिन की अस्पताल में मौत हो गई।
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डॉक्टर एपीओ, नर्सिगकर्मी निलंबित
चिकित्सा विभाग ने एक्शन लेते हुए मामले में अस्थि रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर एसके गोयल और सर्विस रेजिडेंट डॉक्टर दौलत राम व रिषभ को एपीओ कर दिया गया है। वहीं नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा को सस्पेंड कर दिया है। विभाग अब डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी के खिलाफ आंतरिक जांच में जुटा गया है।
मामले का कैसे हुआ खुलासा
सचिन शर्मा को ट्रोमा में ब्लड चढ़ाने के बाद उसे प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिफ्ट कर दिया था। जानकार सूत्रों की मानें तो जब सचिन को दोबारा खून की जरूरत पड़ी तो डॉक्टरों ने पर्ची लिखकर दी। जब मरीज के परिजन ब्लड लेकर पहुंचे तो ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव बताया और खून दे दिया और युवक के चढ़ा भी दिया था। अगर सचिन को प्लास्टिक सर्जरी विभाग में लाया नहीं किया जाता और SMS से खून नहीं मंगाते तो इस लापरवाही का खुलासा नहीं होता।
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सचिन को प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिफ्ट किया गया तो खून ग्रुप की जानकारी ही नहीं लग पाई। डिटेल पूरी होती तो प्लास्टिक सर्जरी विभाग में ब्लड सैंपल दिए जाने से पहले ही ब्लड ग्रुप का पता चल जाता।
ब्लड चढ़ाने से पहले तीन स्तरों पर होता है क्रॉस चेक
वार्ड में भर्ती मरीज को खून चढ़ाने से पहले तीन स्तरों पर होती है जांच। खून की मांग के साथ ही पर्ची पर ग्रुप लिखकर देना होता है साथ में वॉयल में सैंपल भी देना होता है। जहां सैंपल से ब्लड ग्रुप की जांच होती है। इसके बाद संबंधित ग्रुप का ब्लड ही बैंक से निकालकर दिया जाता है।
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इकलौता कमाने वाला था घर में सचिन शर्मा
मृतक सचिन शर्मा के पिता ने बताया सचिन उनका इकलौता बेटा था, सचिन की एक छोटी बहन है। दोनों की अभी तक शादी भी नहीं हुई थी बिजली विभाग में नौकरी के लिए सचिन तैयारी कर रहा था।
कोटपूतली में हुआ था सचिन का एक्सीडेंट
बीडीएम अस्पताल कोटपूतली से एक्सीडेंट के बाद जयपुर के एसएमएस अस्पताल में सचिन का रैफर किया गया था। जब वो अस्पताल में आया तो वो होश में था। उसका सीधा पैर काफी चोटिल था।