पतंजलि विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव-बालकृष्ण का दूसरा माफीनामा खारिज!

पतंजलि विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव-बालकृष्ण का दूसरा माफीनामा खारिज!

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पतंजलि की दूसरी माफी याचिका

विवादित विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव-बालकृष्ण ने पेश की थी याचिका

प्रकरण में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को

जयपुर। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के अनुसार बुधवार को पतंजलि (Patanjali) के विवादित विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और बालकृष्ण (Bal Krishan) के दूसरे माफीनामे को भी खारिज कर दिया गया है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की खंडपीठ ने पतंजलि के अधिवक्ता विपिन सांघी और मुकुल रोहतगी से कहा कि आपने जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

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उत्तराखंड सरकार की ओर से ध्रुव मेहता और वंशजा शुक्ला ने एफिडेविट पढ़ा

ध्रुव मेहता और वंशजा शुक्ला ने एफिडेविट पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र से पत्र आता है कि आपके पास मामला है। कानून का पालन कीजिए। 6 बार ऐसा हुआ। बार-बार लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर चुप रहे। इसके बाद जो आए, उन्होंने भी यही किया। तीनों अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए । अब मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।

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नया शपथ पत्र पेश

सुनवाई से ठीक एक दिन पहले 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया शपथ पत्र पेश किया। जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा।

 

क्या था पूरा प्रकरण 

वर्ष 2022 में दिए गए एक विज्ञापन को लेकर पतंजलि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई थी। 10 जुलाई 2022 को पतंजलि ने एक विज्ञापन जारी किया था जिसमें एलोपैथी (Allopathy) पर गलतफहमियां फैलाने का आरोप लगाया गया था। इसके खिलाफ 17 अगस्त 2022 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि की ओर से माफीनाम पेश किया गया था जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। बुधवार को पतंजलि की ओर से पेश दूसरे माफीनामे को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। 

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