
गुरुदेव का चमत्कार…!
खुश रहने के लिए गुरु ज्ञान जरूरी
गुरु पूर्णिमा पर गुरू श्रेष्ठ के लिए समर्पित जीवन
@गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरुर साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः…
ब्यूरो। ऐसा कहा जाता है गुरु के बिना ज्ञान नहीं, वाकई ये लाइन अपने आप में सार्थक और पूरी है। #गुरु पूर्णिमा एक पवित्र पर्व है जो @हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। आज गुरू पूर्णिमा का दिन है और आज का दिन समर्पित है देश के उन सभी लोगों को जो किसी न किसी के गुरू जरूर होंगे। चाहे वो माता पिता के रूप में हों, शिक्षक के रूप में, आध्यात्म गुरू के रूप में और फिर चाहे वो करियर में प्रोफेशनल गुरू के रूप में हो।
जीवन के सबसे पहले गुरु मां और पिता

मां और पिता
यूं तो हर किसी के जीवन में एक गुरू जरूर होता है और वो होता आपके मां और पिता। बच्चे के जन्म से पहले शब्द उसके मुंह से मां निकलता है और दूसरा शायद पिता। इन दोनों के हर जीव के लिए उतना ही महत्व है जितना उसके जीवन में उसकी सांसों का। क्योंकि माता पिता ही हैं जो उसे धरती पर लेकर आते हैं फिर उसके जीवन की हर अच्छी बुरी चीज को परखना, समझना और दुनियादारी निभाना सिखाते हैं। पहला शब्द बच्चे के मुंह से मां निकलता है और मां ही बच्चे की पहली शिक्षक होती है। उसे दुलार करेगी, लाड़ करेगी, दुनियादारी का पाठ पढाएगी, घर से बाहर निकलने में उसकी समझ को और मजबूत करेगी वहीं पिता उसे लोगों में उठने बैठने, सोचने समझने और परखने का ज्ञान देते हैं।
माता-पिता हमारे जीवन के पहले और महत्वपूर्ण शिक्षक होते हैं। वे हमें प्रेम से आदर्शों, मान्यताओं और सीखों का पाठ पढ़ाते हैं। उनके मार्गदर्शन में हम अनुशासन, समर्पण और समझदारी का ज्ञान प्राप्त करते हैं। माता-पिता हमें दिन-रात मेहनत करके खुश रखने की कला सिखाते हैं और हमारे सपनों के पीछे समर्पण को प्रोत्साहित करते हैं। उनके प्यार और समर्पण के बिना हमारा जीवन असंभव हो जाता। हमें सदैव आभार व्यक्त करना चाहिए और उनके प्रति पूरा सम्मान रखना चाहिए।
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स्कूल शिक्षक गुरु के रूप में देते हैं शैक्षिक ज्ञान

भगवान ओझा
हमारे जीवन में दूसरे गुरु हमारे स्कूल के शिक्षक होते हैं। बच्चे के जीवन के दूसरे पड़ाव पर स्कूल में शिक्षक मिलते हैं जो बच्चे का मानसिक विकास करने में उसके जीवन को दिशा देने में उसके कदम कदम पर साथ रहते हैं। स्कूल के शिक्षक ही वही गुरू हैं जो एक आम बच्चे को खास बना देते हैं यानि उसका मानसिक विकास कर उसे करियर में किस तरफ जाना है इसके लिए उसका पथ- प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने हमें न सिर्फ पढ़ाया है, बल्कि एक अच्छे नागरिक बनाने का भी प्रयास किया है। शिक्षक हमें ज्ञान, संवेदनशीलता, स्वतंत्रता और आत्मविश्वास का सामरिक सौदा देते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने हमें अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा दी है। शिक्षक दिवस एक अवसर है जब हम शिक्षकों को उनकी मेहनत और संघर्ष के लिए प्रशंसा करते हैं।
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आध्यात्म गुरू से मिलता है मोक्ष प्राप्ति का रास्ता

कमलेश जी महाराज

स्व. भगवानदास जी महाराज
इसके बाद आपके आध्यात्म गुरू की बारी आती है। आध्यात्म के बिना ईश्वरीय ज्ञान अधूरा है। और कहा जाता है जब तक ईश्वर की शरण में आप नहीं तब तक आपको मोक्ष नहीं मिल सकता। लेकिन यहां पर ईश्वर से मोक्ष दिलाने में भी गुरू ही आपका मार्गदर्शन करते हैं यानि वो गुरू जिनसे दीक्षा लेकर आप अपने जीवन का मार्ग बदल सकते हैं। कहते हैं गुरू ईश्वर से भी बड़ा होता है, इसलिए हर किसी के जीवन में एक गुरू जरूर होना चाहिए जो आपकी दशा और दिशा तय कर उस तक पहुंचने में आपके हर पल साथ रहे। गुरू हमें अध्यात्मिक और ज्ञानार्जन की ओर आगे बढ़ने में मदद करते हैं। गुरु हमारे जीवन के नेतृत्व का प्रतीक होते हैं जो हमें सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उनका ज्ञान और अनुभव हमें सच्ची संयम, समर्पण और ध्यान की महत्वपूर्णता सिखाते हैं। ऐसे ही आध्यात्म के गुरू भगवान दास ही हैं जो फिलहाल ईश्वर की शरण में हैं लेकिन वो हमेशा कहते थे कि अपने कर्म करो माता पिता की सेवा करो दूसरों से ईर्शा मत करो अपने आप तुम्हारा जीवन तरक्की की राह पर चल पड़ेगा। वहीं जयपुर सांगानेर स्थित गायत्री परिवार से जुड़े कमलेश जी महाराज कहते हैं कि अगर आप सही चल रहे हो तो कोई भी तुम्हे परेशान नहीं कर सकता, बस जो करना चाहते हो उसे सच्चे मन से करो और जीव सेवा के लिए जरूर अपने जीवन में कुछ समय निकालो जो आपको हर बुराई से बचाएगा।
कमलेश जी महाराज (गायत्री परिवार) से जुड़े सभी शिष्यों के लिए आवशयक सूचना:- गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन 6july ko ई पी लोन, JLN मार्ग टोंक रोड, जयपुर में आयोजित होगा
करियर गुरु भी जीवन में जरूरी

मीडिया गुरु जगदीश चंद्र
प्रोफेशन में भी आपका कोई न कोई गुरु होना चाहिए जो आपको ये बता दे कि आप कैसे जीवन में आगे बढ़ेंगे। #मीडिया इंडस्ट्री में राजस्थान में भी एक ऐसा चेहरा है जिसे आज हजारों लोग गुरु मानते हैं। एक न्यूज चैनल के #सीईओ @जगदीश चंद्र ऐसी ही शख्सियत हैं जिन्होंने न सिर्फ मीडिया बल्कि वे बतौर प्रशासनिक अधिकारी जहां भी रहे बड़े परितर्वन किए ये उनकी सोच-समझ और ज्ञान का ही परिणाम था कि वे प्रशासनिक नौकरी से बिल्कुल परे मीडिया इंडस्ट्री में आ गए। जगदीश चंद्र ने बतौर सीईओ कई चैनलों में काम किया है और हर जगह उन्होंने कुछ नया करके दिखाया है। आज न सिर्फ राजस्थान में बल्कि नेशनल मीडिया इंडस्ट्री में हर कोई उनसे सीखना समझना चाहता है। जगदीश चंद्रा की मानें तो उनके जीवन में भी उनकी सबसे बड़ी गुरु उनकी मां रही हैं जिन्होंने उन्हें संस्कार दिए, जो उन्हें अपने परिवार और लोगों से जोड़े रखते हैं।