
सिद्धू की नाराजगी के मायने !
विजय श्रीवास्तव,
सिद्धू की नाराजगी के मायने !
सिद्धू की नाराजगी के मायने !, उनकी नजर में पार्टी के गलत फैसलों का उन्होंने किया विरोध, चन्नी सरकार में मंत्री और अफसरों की नियुक्तियों का विरोध, जिनका विरोध वो या तो भ्रष्टाचार में थे लिप्त या रहे घोर अकाली समर्थक, ऐसे में उनके सुझाए नामों को दरकिनार करना उन्हें लगा अपमानित, तो क्या अपमान के बाद भी पार्टी के फैसलों का विरोध करना गलत ?, शायद नहीं, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष के नाते उनकी राय को मिलनी चाहिए थी तवज्जो, मंत्रियों और राजनीतिक नियुक्तियों में मानी जानी चाहिए थी सिद्धू की राय, क्योंकि चन्नी दलित नेता के रूप में मशहूर,लेकिन विस चुनावों में बड़े चेहरे का सपोर्ट भी जरूरी, ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को झांकनी पड़ सकती बगलें, फिलहाल सिद्धू के इस्तीफे से पंजाब में कांग्रेस बंट गई कई खेमों में, अमरिंदर और सिद्धू के अलावा भी अब पार्टी में हो गए कई और छोटे-छोटे खेमें, सुनील जाखड़, सुखजिंदर रंधावा और राणा गुरजीतसिंह के बन गए हैं खेमे, चुनावों में टिकट बंटवारे में अब कांग्रेस में बनेगी गृहयुद्ध की स्थिति, वहीं कांग्रेस के खेमों में बंटने से आप पार्टी-भाजपा-अकाली दल की खिली बांछें, कांग्रेस अगर नहीं लिया कोई मजबूत निर्णय तो चुनावों में खानी पड़ेगी मुंह की।

