
Makar Sankranti 2024 कब मनेगी, जानें शुभ मुहूर्त, पतंगबाजी पर लगाई रोक
सुबह 7.15 बजे से लेकर सुबह 8.07 मिनट तक पूजन का सर्वश्रेष्ठ योग
आज के बाद से मांगलिक कार्यों पर लगी रोक भी होगी खत्म
जिला कलेक्टरों ने पतंगबाजी पर लगाई रोक, धारा 144 के तहत प्रावधान
जयपुर। पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) मनाई जाती है। यूं तो मकर संक्रांति का पर्व वर्षों से लगातार 14 जनवरी को मनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी यानी आज सोमवार को मनाई जा रही है। हमारे शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। सूर्य और शनि का रिश्ता इस पर्व से होने के कारण मकर संक्रांति का दिन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
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77 सालों बाद बन रहा शानदार योग
15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर करीब 77 सालों के बाद एक शानदार योग बन रहा है। इस दिन वरीयान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान हो जाते हैं।
पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
वरीयान योग – 15 जनवरी को यह योग सुबह 2.40 मिनट से लेकर रात 11.11 मिनट तक रहेगा, जबकि रवि योग – 15 जनवरी को सुबह 7.15 बजे से लेकर सुबह 9.06 मिनट तक महापुण्य काल रहेगा।
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आज से सूर्यदेव चलते हैं अपने तेज के साथ
Makar Sankranti ज्योतिष में आज के दिन यानी मकर संक्रांति को सूर्य की उपासना का महापर्व कहा कहते हैं। मकर संक्रांति के साथ खरमास की समाप्त और इस दिन से सूर्यदेव अपने तेज के साथ चलना शुरू करते हैं और इसी दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इसी त्योहार पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए आज के दिन से फिर से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
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सूरज संग भगवान शिव का मिलेगा आशीर्वाद
इस बार सोमवार को पांच साल बाद मकर संक्रांति का दिन पड़ रहा है। ऐसे में सूर्य के साथ-साथ भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
ऐसे मिलेगा अधिक लाभ
मकर संक्रांति के दिन यानी सोमवार 15 जनवरी को पीले वस्त्र पहनकर सूर्य को सफेद चंदन से अर्घ्य दें। इसके बाद सूर्य चालीसा का पाठ करें और इसके पश्चात आदित्य हृदय स्त्रोत का भी पाठ करें।
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क्या क्या होगा खास
आज के दिन सूरज की राशि बदलती है। इसके साथ ही लाखों लोगों की किस्मत भी बदलती है। करोड़ों लोगों के लिए यह साल ऐसा होगा जिसमें उनके जीवन में खुशियां भर जाएंगी।
मकर संक्रांति पर इन वस्तुओं का दान करें
तिल – मकर संक्रांति पर तिल का दान शुभ माना जाता है। तिल के दान करने से शनि देव प्रसन्न रहते हैं।
खिचड़ी- इस दिन खिचड़ी खाना जितना शुभ माना जाता है उतना ही शुभ खिचड़ी का दान भी होता है।
गुड़- मकर संक्रांति पर गुड़ का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
तेल- इस दिन तेल दान भी शुभ होता है, शनि देव का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
अनाज- इस दिन 5तरह के अनाज के दान से हर तरह की इच्छा पूरी होती है।
कंबल – मकर संक्रांति के दिन कंबल का दान करना शुभ होता है। इससे राहु और शनि दोनों शांत होते हैं।
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पतंगबाजी पर रहेगी रोक
राजस्थानभर में जहां-जहां पतंगबाजी होती है वहां मकर संक्रांति पर शाम 5 से शाम 7 बजे तक पतंगबाजी पर सरकारी रोक रहेगी। शाम को दो घंटे का समय पक्षियों के उड़ने का होता है। तब पक्षी दिनभर के बाद अपने घरों को लौटते हैं। शाम के इस समय पतंगबाजी के कारण हर साल मांझे से हजारों पक्षियों की मौत होती है। इसे रोकने के लिए शाम के वक्त दो घंटे पतंगबाजी पर प्रशासन की ओर से रोक लगाई गई है।
इन पर रहेगा पूर्णतया प्रतिबंध
पतंगबाजी में चाइनीज मांझा, प्लास्टिक, सिंथेटिक मांझा और जहरीले मेटल से बने मांझे के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। गृह विभाग की एडवाइजरी पर कलेक्टरों ने अपने अपने जिलों में पतंगबाजी पर रोक के आदेश जारी किए हैं। इसके लिए धारा 144 के तहत प्रावधान तय किए गए हैं।