मदन पालीवाल, मिराज ग्रुप और 2 हजार करोड़ की जीएसटी चोरी प्रकरण…!

मदन पालीवाल, मिराज ग्रुप और 2 हजार करोड़ की जीएसटी चोरी प्रकरण…!

2 हजार करोड़ की जीएसटी चोरी प्रकरण… 

मिराज ग्रुप चेयरमैन मदन पालीवाल और प्रकाशचंद्र पुरोहित को विशेष अदालत ने दी जमानत 

क्या है पूरा प्रकरण,  कैसे मिली जमानत, क्यों जारी हुआ था गैर जमानती वारंट ?

कौन हैं मदन पालीवाल ?

जयपुर,(dusrikhabar.com)। मिराज ग्रुप के चेयरमैन मदन पालीवाल और प्रकाशचंद्र पुरोहित को आर्थिक मामलों की विशेष अदालत ने 2000 करोड़ के जीएसटी चोरी प्रकरण को लेकर सशर्त जमानत दे दी है। दोनों आरोपियों मदन पालीवाल और प्रकाशचंद्र पुरोहित को जयपुर महानगर की द्वितीय आर्थिक अपराध मामलों की एसीजीएम अदालत ने कोर्ट की कार्रवाई में सहयोग करने, देश छोड़कर नहीं जाने और अनुसंधान अधिकारी की पूछताछ में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दे दी है।  

क्या है पूरा प्रकरण ?

जीएसटी इंटेलिजेंस विभाग के अनुसार, मिराज ग्रुप के चेयरमैन मदन पालीवाल और प्रकाशचंद्र पुरोहित ने फर्जी फर्मों के माध्यम से पैकेजिंग सामग्री की आड़ में कच्चा माल मिराज प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड तक पहुंचाया गया, जिससे हजारों करोड़ रुपये के कर की हेराफेरी हुई। दरअसल विभाग को मिली शिकायत के आधार पर  मिराज ग्रुप से जुड़े कई ठिकानों पर IT विभाग ने छापेमार कार्रवाई (IT Raid In Jaipur) की। इस दौरान मिराज ग्रुप से जुड़े जयपुर, उदयपुर, अजमेर, नाथद्वारा, मुंबई समेत कई शहरों में आईटी विभाग ने रेड डाली। राजस्थान में करीब 12 से अधिक ठिकानों पर रेड में 200 से अधिक आयकर विभाग के कर्मचारी शामिल रहे। अल सुबह बारातियों की तरह कई कारों में सवार आयकर विभाग की टीमों ने कारोबारी के घर, दफ्तर और अन्य ठिकानों पर कार्रवाई की। 
कर चोरी के मामले में डीजीजीआई ने 24 अक्टूबर 2021 को आरोपी को गिरफ्तार किया था, इस प्रकरण में दिसम्बर 2021 में जयपुर की एकलपीठ ने विनयकांत आमेठा की जमानत याचिका पर सुनवाई की और फैसला अपने पास सुरक्षित रखा, जमानत याचिका में कहा गया था कि विभाग ने फैक्ट्री में उत्पाद के खाली पडे़ रैपर के आधार पर जीएसटी की गणना कर 869 करोड़ रुपए की चोरी की बात कही, जबकि कर की गणना उत्पाद के बिक्री होने के बाद की जानी चाहिए थी। इसके बाद विशेष न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया था। 
मिराज ग्रुप के चेयरमैन मदन पालीवाल, प्रकाशचंद्र पुरोहित, प्रार्थियों के अधिवक्ता दीपक चौहान के जरिए दायर जमानत प्रार्थना पत्रों में कहा था कि मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से उनका कोई भी संबंध नहीं है। इस मामले में उनके खिलाफ कोर्ट ने 3 अगस्त 2024 को प्रसंज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था। इस आदेश को उन्होंने चुनौती दी, लेकिन प्रार्थना पत्र कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब 24 मार्च 2025 को जयपुर की विशेष अदालत ने हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे मदन पालीवाल के कोर्ट का सहयोग करने और नियत तिथि पर कोर्ट में उपस्थित रहने की शर्त पर सहमति के बाद निचली कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जमानती वारंट में बदलकर दोनों आरोपियों को निजी मुचलके पर जमानत दे दी। (Mirage Group chairman Madan Paliwal gets bail in 2000 crore GST evasion case… )

कैसे मिली अदालत से जमानत ?

हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे मिराज ग्रुप के चेयरमैन मदन पालीवाल और प्रकाशचंद्र पुरोहित के वकील ने कोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र लगाया। इस पर कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की पूछताछ में सहयोग करने, कोर्ट में जब भी बुलाया जाएगा हाजिर रहने और देश छोड़कर विदेश नहीं जाने की शर्त पर गैर जमानती वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया। इस पर निचली अदालत ने मदन पालीवाल और प्रकाशचंद्र पुरोहित की सशर्त निजी मुचलके पर जमानत स्वीकार की। 

कोर्ट ने क्यों जारी किया था गैर जमानती वारंट ?

प्रार्थियों के अधिवक्ता दीपक चौहान के जरिए दायर जमानत प्रार्थना पत्रों में कहा था कि मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से उनका कोई भी संबंध नहीं है। इस मामले में उनके खिलाफ कोर्ट ने 3 अगस्त 2024 को प्रसंज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था। इस आदेश को उन्होंने चुनौती दी, लेकिन प्रार्थना पत्र कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

कौन हैं मदन पालीवाल ?

राजस्थान के नाथद्वारा में जन्मे मदन पालीवाल एक साधारण से परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जानकारों की मानें तो मदन पालीवाल के पिता मंदिर में लगे प्‍याऊ के घड़ाें में पानी भरा करते थे। पिता के एक पैर में तकलीफ होने के बाद भी उन्होंने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए मेहनत की, कुएं से पानी भरकर वे घड़ों में डाला करते थे।  इसके लिए उन्हें दर्जनों सीढि़यां चढ़कर मंदिर तक पानी पहुंचाना पड़ता था और इसके लिए उन्‍हें महीने की 10 रुपये सैलेरी मिलती थी। 

मदन पालीवाल ने उधार के 200 रुपए से तम्बाकू के कारोबार की शुरुआत की जो आज लगभग 10 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। आपको बता दें कि 100 रुपए किस्त के नहीं देने पर उनसे कर्जा देने वालों ने साइकिल छीन ली। इसके बाद मदन पालीवाल ने थोक में तंबाकू खरीदा और उसमें चूना मिलाकर उसे खुद से मसलना और रगड़ना शुरू किया। इस तरह चूना और तंबाकू मिलाकर खैनी तैयार की, फिर इसे छोटे-छोटे पैकेट में भरकर दुकानों पर सप्‍लाई करना शुरू किया। किराए के कमरे में रहकर मदन ने तम्बाकू में चूना मिलाकर खैनी का कारोबार धीरे धीरे प्रतिदिन की कमाई 500 रुपए तक देने लगा। लेकिन तम्बाकू और चूने के दुष्प्रभाव के चलते उन्हें कई गंभीर बीमारियां हो गईं। लंबे समय तक मदन पालीवाल ने अस्पताल में उपचार लिया। उसके बाद तम्बाकू के कारोबार से पैसा कमाकर एक के बाद एक नए बिजनेस मदन पालीवाल ने शुरु किए।

आज मिराज समूह लगभग 10हजार करोड़ से अधिक का कारोबार हर साल करता है। मदन पालीवाल इसी समूह के चेयरमैन हैं। उनके पास भारत ही नहीं विदेशों में भी कई आलीशान बंगलें हैं। करोड़ों की देशी विदेशी कारों के मालिक हैं। कई सारे सिनेमाहॉल, रेस्टोरेंट होटल और इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेट स्टेडियम सहित करीब समूह छह ट्रेंड्स में बिजनेस कर रहा है।

 

 

पढ़ते रहिए आगे की अपडेट…

 

मदन पालीवाल के जीवन से जुड़े कई और जाने-अनजाने पहलु…!

मिराज ग्रुप के मदन पालीवाल के तम्बाकू के पीछे की वास्तविक कहानी…!

कहां से आता है तम्बाकू, कौन है वो प्रतिष्ठित व्यक्ति जिसके गांव से तम्बाकू लाकर मदन पालीवाल ने खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य, बदले में प्रतिष्ठित व्यक्ति को क्या देते हैं पालीवाल?

क्या क्या बिजनेस हैं मदन पालीवाल के ?

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