
स्व. डॉ. सत्य नारायण सिंह स्मृति द्वितीय व्याख्यानमाला, “शासन में मानवीय दृष्टिकोण की पहले से अधिक जरूरत: पद्म भूषण डॉ. डी. आर. मेहता”
डॉ. सत्य नारायण सिंह पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन और वेबसाइट लॉन्च
स्व. डॉ. सत्य नारायण सिंह द्वितीय स्मृति में ‘शासन और मानवता’ विषय पर विशेष व्याख्यान
शासन में संवेदनशीलता और करुणा की आवश्यकता पहले से अधिक: डॉ. डी. आर. मेहता
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर, (dusrikhabar.com)। प्रशासन में अब पहले जैसी संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण नहीं दिखाई देता — यह बात पद्म भूषण डॉ. डी. आर. मेहता ने सोमवार को आयोजित द्वितीय डॉ. सत्य नारायण सिंह स्मृति व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में कही। उन्होंने “शासन और मानवता (Governance and Humanity)” विषय पर विशेष व्याख्यान देते हुए वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा पर गहन चिंतन साझा किया।

Late Dr. Satya Narayan Singh Memorial Second Lecture Series
इस व्याख्यानमाला का आयोजन स्व. डॉ. सत्य नारायण सिंह, आईएएस (सेवानिवृत्त) की पुण्यतिथि पर किया गया। यह व्याख्यानमाला न केवल उनके प्रशासनिक जीवन की स्मृति में है, बल्कि उनके द्वारा स्थापित मूल्यों—ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और लोकसेवा—को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास भी है। डॉ. सिंह ने सार्वजनिक जीवन में जनहित के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के मानक स्थापित किए।
read also:सावन का पहला सोमवार: जानिए 14 जुलाई 2025 का पंचांग, व्रत, योग और भाग्यांक के अनुसार राशियों का हाल

Padma Bhushan Dr. DR Mehta was the keynote speaker at the 2nd Late Dr. Satya Narayan Singh Memorial Lecture Series
शासन और नीति में अनुभव का साझा किया खजाना
डॉ. डी. आर. मेहता ने प्रशासन और नीति निर्माण के क्षेत्र में अपने दशकों के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-राज्यपाल और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार शासन के निर्णयों में यदि करुणा, संवेदना और मानवता का समावेश हो, तो प्रशासनिक व्यवस्था अधिक समावेशी, न्यायसंगत और प्रभावशाली बन सकती है।
read also:कमलेशजी महाराज के सानिध्य में गुरु पूर्णिमा सुख-समृद्धि महोत्सव, CM भजनलाल ने लिया आशीर्वाद…
उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि शासन में जवाबदेही के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण को भी महत्व दिया जाए, ताकि आमजन से जुड़ी नीतियों का प्रभाव सकारात्मक और दूरगामी हो।
पहले व्याख्यान में ‘सुशासन’ पर हुआ था विमर्श
इस व्याख्यानमाला की प्रथम कड़ी में वी. श्रीनिवास (IAS), सचिव, प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार ने “सुशासन (Good Governance)” विषय पर व्याख्यान दिया था। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर बताया कि कैसे नीति क्रियान्वयन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व शासन को प्रभावी बनाते हैं।
read also:रियल एस्टेट टोकनाइजेशन क्या है? दुबई में कैसे 1.75 मिलियन दिरहम का विला 5 मिनट में बिका

Dr Punita Singh, Dr Ripunjay, Padma Bhushan Dr DR Mehta, Nirmala Singh, wife of late Satyanarayan Singh, releasing the book and website in the second late Dr Satyanarayan Singh Memorial Lecture series.
पुस्तक विमोचन और वेबसाइट लॉन्च भी हुआ
इस अवसर पर डॉ. सत्य नारायण सिंह पर आधारित दो पुस्तकों एवं उन पर तैयार वेबसाइट का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. आर.सी. यादव ने की, जबकि वरिष्ठ प्रशासक राजीव अरोड़ा ने भी अपने अनुभव साझा किए।
अंत में डॉ. पुनिता सिंह ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
स्मृति व्याख्यानमाला: प्रेरणा की परंपरा
डॉ. सत्य नारायण सिंह की स्मृति में आयोजित यह व्याख्यानमाला एक ऐसा मंच बनती जा रही है, जहाँ प्रशासनिक सेवा, नीति निर्माण और लोक कल्याण से जुड़ी गहन चर्चाएं होती हैं।
यह व्याख्यानमाला न केवल दिवंगत अधिकारी के उच्च आदर्शों को सम्मानित करती है, बल्कि युवा प्रशासकों और नीति निर्माताओं को दिशा भी देती है।
read also:भारत ने पाकिस्तान के ‘बेस्ट फ्रेंड’ से मिलाया हाथ! सुबह-सुबह दिया ऐसा मैसेज शहबाज शरीफ के सीने पर…!
यह व्याख्यानमाला न केवल एक स्मृति है, बल्कि प्रशासनिक सेवा में नैतिकता, संवेदना और कर्तव्यनिष्ठा के आदर्श की पुनःस्थापना का माध्यम है। यह आने वाली पीढ़ी के लिए न केवल प्रेरणा है, बल्कि एक मार्गदर्शक प्रकाशस्तंभ भी है, जो उन्हें केवल सफल नहीं, उत्तरदायी और मानवीय प्रशासक बनने की दिशा में अग्रसर करता है।