वैदिक पंचांग से जानिए कैसा रहेगा आपका आज…

*~ वैदिक पंचांग ~*

ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार आप का आज का दिन कैसे शुभ होगा?

ज्योतिष पूनम गौड़

जानिए वैदिक पंचांग से कुछ तरीके और उपाय।

दिनांक – 05 सितम्बर 2023
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – कृष्ण
तिथि – षष्ठी 15:45 तक ततपश्चात सप्तमी
नक्षत्र – भरणी 08:58 तक तत्पश्चात कृतिका
योग – व्यघात 23:22 तक तत्पश्चात हर्षण
राहुकाल – 15:29 से 17:03 बजे तक
सूर्योदय – 06:02
सूर्यास्त – 18:37
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
पंचक – –
व्रत पर्व – बलराम जयंती
शीतला सातम
पूजा मुहूर्त- 15:46 से 18:39
मासिक कार्तिगाई
शिक्षक दिवस
जन्माष्टमी – 6 सितम्बर (सामर्त की) व 7 सितम्बर (वैष्णव की)
चन्द्रोदय – 22:11

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💥 विशेष:- षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खण्ड 27.29-34)

👉मंगलवार को कर्ज की किश्त चूकती करने से कर्ज जल्दी उतर जाता है।
👉यदि आपको किसी विशेष मीटिंग के लिए जाने हो तो घर से निकल कर कुछ कदम पूर्व और दक्षिण दिशा की ओर जाएं और फिर अपने काम पर जाएं। सफलता मिलेगी।
👉 मंगलवार को गुड़ का कर घर से निकलें, दिशा शूल का दोष नहीं लगेगा।
👉घर के दक्षिण दिशा में अधिक खिड़कियां करियर पर विराम लगातीं हैं।
👉बलराम को विष्णु भगवान के 8वें अवतार मानतें हैं। जिन्हें आदिशेष जी का भी अवतार माना गया है।
👉बलराम जयंती को हल षष्ठी या ललाही छठ के रूप में भी मनाया जाता है।
👉शीतला सातम को शीतला माता की पूजा की जाती है। माना जाता है कि ये बच्चों की रोगों से रक्षा करतीं हैं।
👉 ये त्योहार अधिकतर गुजरात मे मनाया जाता है।
👉शिक्षक दिवस शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करनें के लिए मनाया जाता है। शिक्षक समाज के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक हैं। भारत में यह ५ सितंबर को मनाया जाता है।

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👉भारत के दूसरे राष्ट्रपति तथा प्रथम उपराष्ट्रपति, भारत रत्न डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन की जयन्ती पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
👉भारत की आजादी के बाद, डॉ राधाकृष्णन सन 1952 से 1957 तक तथा सन 1957 से 1962 तक दो बार उपराष्ट्रपति के पद पर कार्यरत थे।
👉इसके बाद उन्होंने सन 1962 से 1967 तक डॉ राजेंद्र प्रसाद के बाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में सफलता प्राप्त की।
👉उनके योगदान और उपलब्धियों के लिए, उन्हें वर्ष 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
👉17 अप्रैल, 1974 को मद्रास, तमिलनाडु में, डॉ राधाकृष्णन ने 86 वर्ष की आयु में अपनी अन्तिम सांस ली।
👉जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है । – ब्रह्मवैवर्त पुराण*

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