
कैंपेन ‘सोच करो बुलंद’ के साथ जेके लक्ष्मी सीमेंट की नई पहचान…
जेके लक्ष्मी सीमेंट ग्रुप ने किया “सोच करो बुलंद” कैंपेन का आगाज
फ्यूचर-रैडी ब्राण्ड के रूप में अपने नए लोगो और नई पैकेजिंग का भी किया अनावरण
जेके सीमेंट के प्रेसीडेंट एवं डायरेक्टर,अरुण शुक्ला ने किया प्रेस को संबोधित
विजय श्रीवास्तव।
जयपुर,(dusrikhabar.com)। भारत के प्रमुख सीमेंट निर्माताओं में से एक जेके लक्ष्मी सीमेंट ने अपने नए कैंपेन ‘सोच करो बुलंद’ के साथ ब्राण्ड की नई पहचान का अनावरण किया है। यह कैंपेन अपने घर के सपने से जुड़े सांस्कृतिक एवं भावनात्मक महत्व तथा साहसिक महत्वाकांक्षाओं को प्रेरित करने के जेके सीमेंट के दृष्टिकोण पर रोशनी डालता है। इस नई पहचान के साथ कंपनी अपने उपभोक्ताओं की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तत्पर है। यह कदम ऐसे स्थानों के निर्माण में भरोसेमंद पार्टनर बनने की कंपनी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है जहां सपने वास्तविकता में बदल जाते हैं।

विनिता सिंघानिया, चेयरपर्सन, जेके लक्ष्मी सीमेंट ग्रुप।
जेके लक्ष्मी ग्रुप की चेयरपर्सन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, विनिता सिंघानिया ने कहा ‘‘कई पीढ़ियों से जेके लक्ष्मी सीमेंट निर्माण सामग्री के दायरे से बढ़कर उपभोक्ताओं को अपनी सेवाएं प्रदान करता रहा है। यह लोगों के घर बनाने, उनके सपने संजोने और विरासत को आगे बढ़ाने में पार्टनर की भूमिका निभाता रहा है। ऐसे में यह री-पोज़िशनिंग न सिर्फ हमारी छवि में बदलाव लाएगी बल्कि हमारे उपभोक्ताओं एवं हितधारकों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करती है।’

अरुण कुमार शुक्ला, प्रेसीडेंट एवं डायरेक्टर, जेके लक्ष्मी सीमेंट। (बाएं)
इस अवसर पर जेके सीमेंट के प्रेसीडेंट एवं डायरेक्टर, अरुण शुक्ला ने कहा कि ‘‘हमारा कैंपेन ‘सोच करो बुलंद’ महत्वाकांक्षाओं और भरोसे के निर्माण के हमारे दृष्टिकोण का प्रतीक है। इस री-पोज़िशनिंग के साथ हमने उपभोक्ताओं की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने, इनोवेशन एवं सस्टेनेबिलिटी के संयोजन के द्वारा उपभोक्ता उन्मुख समाधान उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। आने वाले समय में हम न सिर्फ इमारतों बल्कि स्थायी विरासत के निर्माण में भी योगदान देते रहेंगे।’
जेके लक्ष्मी सीमेंट की नई पहचान स्थायी विकास और उपभोक्ताओं के संतोष पर कंपनी के फोकस की पुष्टि करती है, जिसने 2030 तक 30 मिलियन मीट्रिक टन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। यह री-पोज़िशनिंग सस्टेनेबिलिटी के लिए प्रतिबद्धता के साथ इस बात को सुनिश्चित करती है कि कंपनी पर्यावरण एवं भावी पीढ़ियों के लिए ज़िम्मेदारी के साथ काम करती रहेगी।
इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रेसीडेंट एवं डायरेक्टर, अरुण शुक्ला ने बताया कि ग्रुप ग्रीन सीमेंट को बढ़ावा दे रही है। जो कि पूरी तरह से पर्यावरण फ्रेंडली है। उन्होंने बताया कि जेके ग्रुप सीएसआर को लेकर भी काफी सक्रिय है जेके ग्रुप शिक्षा, रोजगार, सेनीटेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और महिलाओं के स्वास्थ्य जैसे सामाजिक सरोकार के विषयों पर काम कर रहा है। लोगों के स्वास्थ्य को लेकर ग्रुप राजस्थान के सिरोही जिले में अस्पताल का भी संचालन भी कर रहा है। जहां लोगों को स्वास्थ्य से संबंधी हर तरह का उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी ग्रुप की चेयरपर्सन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, विनिता सिंघानिया का महिलाओं और उनके स्वास्थ्य को लेकर खास फोकस भी है।
जेके लक्ष्मी ग्रुप के शेयर के रेट्स पर पूछे गए पत्रकारों के सवाल के जवाब में अरुण शुक्ला ने कहा कि 2021 में जेके ग्रुप के शेयर 347 रुपए थे जिनकी आज कीमत तकरीबन 800 रुपए है। ऐसे में ग्रुप के साथ जुड़े शेयर होल्डर्स को लंबे समय में हमने अच्छी ग्रोथ दी है। शुक्ला ने सीमेंट को लेकर अन्य कंपनियों के दावे की तरह उनके दावे के पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि जेके लक्ष्मी ग्रुप वैल्यू सेलिंग में विश्वास करता है न कि बड़े बड़े दावों में। उन्होंने बताया कि राजस्थान में जेके ग्रुप के लगभग 2000 डीलर्स हैं।
क्या है ग्रीन सीमेंट कैसे है यह ईको-फ्रैंडली
वैसे तो नाम से ही समझ आता है कि ग्रीन सीमेंट यानि पर्यावरण फ्रेंडली सीमेंट लेकिन ये कैसे पर्यावरण फ्रेंडली है आपको इसके बारे में थोड़ी सी मगर संक्षिप्त जानकारी होनी चाहिए। विश्वभर की अलग अलग रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रेडिशनल सीमेंट जो ग्रे-कलर की होती है दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन का 8 फीसदी उत्पादन करता है और यह उत्सर्जन सीमेंट बनाने के समय उपयोग में ली जाने वाली प्रोसेस में होता है। लेकिन ग्रीन सीमेंट के उत्पादन की प्रक्रिया में कार्बन के उत्सर्जन 40प्रतिशत और भी कम होता है। इसी कारण ये ग्रीन सीमेंट इंडस्ट्रियल वेस्ट (Industrial Waste) का अधिक इस्तेमाल करती है। इसका सीधा सीधा मतलब है कि जो पहले से ही वेस्ट है, उसी के इस्तेमाल से ग्रीन सीमेंट का उत्पादन किया जा रहा है।