क्या सचिन पायलट की नई पारी की हुई शुरूआत

क्या सचिन पायलट की नई पारी की हुई शुरूआत

बिना पद पार्टी में बने रहे सचिन पायलट को तीन साल बाद मिला पद

केंद्रीय वर्किंग कमेटी में बनाए गए सदस्य

पायलट-हरीश चौधरी सहित प्रदेश के 7 नेताओं को CWC में पद

 

जयपुर। sachion pilot सचिन पायलट पहले विधायक फिर प्रदेशाध्यक्ष फिर उप मुख्यमंत्री बने। लेकिन लगातार तीन साल तक बिना पद के पार्टी में सक्रिय रहे और अब पार्टी ने पायलट को CWC में सदस्य पद देकर पायलट को नई जिम्मेदारी दी है।

 

दिल्ली में आयोजित CWC की बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी का ऐलान कर दिया है। खास बात यह रही कि इस बार पार्टी ने CWC में तीन साल से बिना पद काम कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी CWC में सदस्य बनाया है।

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पार्टी में नए ऐलान के साथ ही राजस्थान के सात नेताओं का CWC में सदस्य बनाया गया है। गौरतलब है कि पार्टी ने नई CWC में 39 सदस्य हैं जिनमें राजस्थान के सात चेहरे हैं लेकिन गहलोत सरकार के मंत्रियों में से एकमात्र महेंद्रजीत सिंह मालवीय को CWC में स्थान मिला है।

 

राजस्थान से इन सात लोगों को मौका

आपको बता दें कि पायलट को जुलाई 2020के बाद अब कांग्रेस में कोई पद दिया गया है। शेष अन्य सदस्यों में पूर्व सांसद जितेंद्र सिंह, मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अभिषेक मनुसिंघवी को शामिल किया गया है वहीं पंजाब के प्रभारी के रूप में हरीश चौधरी भी CWC में स्थान मिला है। इधर मोहन प्रकाश, पवन खेड़ा, और राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा को भी CWC में सदस्य बनाया गया है।

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मालवीय को मौका, रघुवीर मीणा का कटा पत्ता

CWC से इस बार पूर्व मेंबर रहे रघुवीर मीणा का पत्ता काट दिया गया है। उनकी जगह इस बार CWC में आदिवासी क्षेत्र से आने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मौका दिया गया है। दरअसल मालवीय ऐसे नेता माने जाते हैं जिनका आदिवासी जनजाति पर अच्छा होल्ड है इसी के चलते इस बार रघुवीर मीणा की जगह मालवीय को पपार्टी ने अहमियत दी है।

 

पायलट को अहमियत का कारण

इधर विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पायलट को पार्टी में अहमियत मिल गई है इसका संदेश भी आलाकमान की तरफ से मिल चुका है। ऐसे में आगामी चुनावों में पायलट की भूमिका को लेकर उठ रहे सवाल और पायलट को प्रदेशाध्यक्ष या राष्ट्रीय महासचिव बनाऐ जाने के कयासों भी खत्म हो चुके हैं। सूत्रों की मानें तो अंदरखाने पायलट को इस बार आलाकमान से चुनावों के बाद उनकी आगामी भूमिका को लेकर बड़ा संदेशा मिल चुका है। यानि पायलट और उनके समर्थक अब फिर एक नई ऊर्जा के साथ कांग्रेस की सरकार बनाने में जुट जाएंगे।

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राजस्थान के सात नेताओं को CWC में पद के मायने

  सचिन पायलट को पद देकर उनके समर्थक और पार्टी में अंदरूनी कलह को खत्म किया गया है। तो महेंद्रजीत सिंह मालवीय आदिवासी नेताओं में इकलौत ऐसे नेता हैं जिनकी उनके क्षेत्र में पूरी पकड़ है। वहीं पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी को जाट लॉबी के लिए साथ में रखा गया है। इधर पूर्वं सांसद जितेंद्र सिंह की राहुल गांधी और उनके परिवार से नजदीकी और कई राज्यों के चुनावी मिजाज समझने में उनकी सूझबूझ के चलते उन्हें CWC में पद दिया गया है।

इधर मोहन प्रकाश क्योंकि पहले से केंद्र की राजनीति में हैं और महाराष्ट्र के प्रभारी पद के साथ वे राजस्थान के चुनावी माहौल को भलीभांति समझते हैं इसलिए उन्हें CWC में रखा गया है। साथ ही पवन खेड़ा जो कि उदयपुर से आते वहीं अपने चुनावी स्टेंड और आक्रामक तेवरों के चलते उन्हें भी मौका दिया गया है। कांग्रेस के लिए वकालत करने वाले अभिषेक मनुसिंघवी जोधपुर से आते हैं और वो भी लंबे समय से केंद्र की राजनीति में हैं।  

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