
RSRTC में “फ्रस्टेटेड” परिचालक, हाईवे पर 10 मिनट रुकवाए रखी वॉल्वो
दिल्ली-जयपुर मार्ग पर RSRTC वॉल्वो परिचालक का तमाशा..!
दिल्ली जयपुर हाईवे पर रात 12.30बजे बस खड़ी करवाई परिचालक ने
एक के बाद कई यात्रियों से उलझ गया RSRTC वॉल्वो का परिचालक
वॉल्वो बस परिचालक आकाश ने यात्रियों से की बदजुबानी
एक बुजुर्ग को तो हाथ पकड़कर बस से उतारने की कोशिश
यात्रियों ने किया हंगामा, चालक की सूझबूझ से टली हाथापाई
प्रदेश की बसों में बुजुर्ग यात्री से परिचालक की बदसुलुकी की घटना के चलते ही घट रहा यात्रीभार
क्या संवेदनशील सीएम भजनलाल, सीएस सुधांश पंत और रोडवेज एमडी श्रेया गुहा लेंगी कोई एक्शन?
जयपुर। राजस्थान रोडवेज (RSRTC) पहले ही घाटे से गुजर रही है, ऐसे में रोडवेज का निजी बस संचालकों से कॉम्पीटिशन बढ़ता जा रहा है उस पर भी बसों के परिचालकों का यात्रियो से दुर्व्यव्यहार “कोढ़ में खाज” का काम कर रहा है। राज्य सरकार की बस में प्रदेश के बुजुर्गों के साथ ही जब ऐसा होगा तो इन बसों में कौन यात्री बैठकर सफर करना पसंद करेगा। वैसे भी रोडवेज की वॉल्वो (Volvo) बसों में पहले जैसी सुविधाएं और सर्विस नहीं मिलती है। न पीने के लिए पानी मिलता है और न ही बसों का एसी काम करता है। जब इतनी परेशानियां बस में होंगी तो कैसे कोई अन्य RSRTC की बसों में अन्य बसो से अधिक पैसा देकर सफर करेगा।
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क्या है पूरा मामला
गुरुवार दिल्ली से जयपुर रात 11.15 बजे की RSRTC की वॉल्वो बस संख्या RJ14-PD-7483 के परिचालक के यात्रियों से बदसुलूकी की घटना बस में सफर कर रहे एक बुजुर्ग यात्री ने Dusrikhabar.com के साथ शेयर की। बुजुर्ग का कहना था कि मैं अपनी पत्नी के साथ वॉल्वो बस में यात्रा कर रहा था।
सीट को लेकर कोई बात हुई इस पर वॉल्वो बस का परिचालक आकाश इतना बिगड़ गया कि उसने पहले तो मेरे साथ बदजुबानी की उसके बाद मेरे हाथ पकड़कर मुझे बस से नीचे उतारने की धमकी देते हुए बस को रुकवा दिया।
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परिचालक के दुर्व्यवहार से परेशान बुर्जुग दंपत्ती ?
बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा जब मैंने परिचालक से कहा कि मैं आलाधिकारियों से शिकायत करुंगा तो परिचालक आकाश और चिढ़ गया। इस पर बस में बैठे अन्य यात्रियों ने जब परिचालक को बदसुलूकी करने से मना किया तो उसने कहा आपको जो करना हो कर लो, जहां शिकायत करनी है कर लो, बस मैं लेकर चल रहा हूं आकाश नाम है मेरा, कोई अफसर यहां बसों में नहीं चलते, उन्हें क्या पता कैसे काम होता है। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता और चालक को बोलकर करीब 12.30 बजे हाईवे पर ही बस रुकवा दी, करीब 10 मिनट तक बस रास्ते में ही रुकी रही। फिर चालक ने पीछे आकर यात्रियों से समझाइश की और परिचालक को आगे जाने को कहा तब जाकर मामला कहीं शांत हुआ और बस जयपुर के लिए रवाना हो सकी।
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बसों में अव्यवस्था के लिए शिकायत पुस्तिका भी गायब
राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार बसों में इमरजेंसी शिकायत नम्बर होते हैं लेकिन वॉल्वों में ऐसा कोई नम्बर हमें नहीं मिला, न ही वॉल्वो बसों में फीडबैक के लिए शिकायत पुस्तिका ही मौजूद थी। आखिर परेशान यात्री अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की किससे शिकायत करे। बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि वे अक्सर पत्नी के इलाज के लिए दिल्ली आते जाते हैं लेकिन इस परिचालक का व्यवहार बहुत ही गंदा था। अब परेशान आदमी अपने परिजनों को संभाले या इनकी शिकायत करने के लिए रोडवेज के चक्कर लगाए। अगर पुस्तिका चालक के पास हो भी तो शिकायत करने के लिए लोग शिकायत पुस्तिका मांगने में संकोच करते हैं।
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मुख्यमंत्री से पीड़ित की गुहार
इस पूरे मामले पर संवेदनशील मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma), प्रशासनिक मुखिया सुधांश पंत (Sudhansh Pant) और राजस्थान रोडवेज की एमडी श्रेया गुहा (Shreya Guha) से बुजुर्ग दंपत्ती ने गुहार लगाई है।
बुजुर्ग चाहते हैं कि इस परिचालक पर उसके गलत व्यवहार लेकर ऐसी कार्रवाई करें ताकि राजस्थान के मुख्यमंत्री की तरफ से प्रदेश के बुजुर्गेां को ये संदेश मिले कि उनके साथ गलत व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा।
चूंकि सीएम के माता पिता भी काफी बुजुर्ग हैं तो वे हमारी इस पीड़ा का समझ सकते हैं।
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आरक्षित सीटों को लेकर भी यात्रियों से उलझ जाते हैं परिचालक
रोडवेज की बसों में VIP कोटे की सीट को लेकर भी अक्सर यात्रियों से वॉल्वो बसों के परिचालक उलझ जाते हैं। यात्रियो को उन सीटों पर बैठने नहीं देते और परिचालक सीट पर पैर फैलाकर बैठते या सोते हुए आते हैं। अक्सर डीलक्स बसों में ऐसा देखा गया है कि यात्री परिचालक से खाली पड़ी वीआईपी सीट पर बैठने की रिक्वेस्ट करते हैं तो परिचालक आगे की चारो सीटों को खाली रखते हुए यात्रियों को वहां बैठने से मना कर देते हैं, जबकि वो सीटें खाली पड़ी होती हैं।
परिचालकों की ड्यूटी सोने की है या चालक के साथ बैठे रहने की ?
दरअसल परिचालक अक्सर यात्रियों से इन VIP सीटों पर बैठने को लेकर भी उलझ जाते हैं और यात्रियों को बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ता है। जानकारों की मानें तो परिचालक ऐसा इसलिए करते हैं कि उन्हे उस सीट पर खुद अकेले बैठकर या सोते हुए आना होता है। जबकि सभी बसों में परिचालकों को लिए चालक के पास अलग से एक सुविधायुक्त सीट होती है। फिर भी वो VIP सीट पर बैठने के लिए पैसेंजर्स से गलत आचरण करते हैं।
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2008 मॉडल की डीलक्स बसों में काम नही कर रहे एसी यात्रियों को हो रही परेशानी
जानकार सूत्रों के अनुसार राजस्थान रोडवेज में लंबे समय करीब 2008 से रोडवेज में डीलक्स बसों की खरीद नहीं हुई है। जो बसें फिलहाल विभिन्न रूटों पर चल रही हैं उन बसों में सीटें खराब हैं तो कई बसो का एसी काम नहीं करता। ऐसा कई बार हुआ है जब मैंटेनेंस के अभाव में लग्जरी रूट दिल्ली-जयपुर पर ही वॉल्वो बसों को चालकों को खराबी के चलते बसों को बीच रास्ते मे ही खड़ा करना पड़ा।
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कैसे होगा समस्या का समाधान ?

सीएस सुधांश पंत

रोडवेज एमडी श्रेया गुहा
ऐसे में रोडवेज प्रशासन को चाहिए कि डीलक्स बसों में गेट पर बस के डेश बोर्ड पर एक बॉक्स होना चाहिए जिसमें लोग अपनी शिकायतें उसमें रखी पुस्तक में डाल सकें और हर दिन जयपुर मुख्यालय पर बसों के ये बॉक्स और उसमें रखी शिकायत पर विभाग द्वारा न सिर्फ शिकायत कर्ता से फोन पर फीडबैक लेना चाहिए साथ ही उस पर जरूरी कार्रवाई भी की जानी चाहिए।
ऐसा देखा गया है कि जिन बसों में चालक और परिचालक की ट्यूनिंग अच्छी होती है, उन बसों में यात्रीभार भी अधिक होता है और ऐसी बसों की मैंटेनेंस के साथ साथ परफोर्मेंस भी अच्छी रहती है।