
विश्व ARDS जागरूकता दिवस पर जयपुर में सीएमई का आयोजन
सीएमई में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम पर विशेषज्ञों ने दी अहम जानकारी
150 से अधिक चिकित्सकों ने लिया भाग, जागरूकता पर दिया जोर
ऑक्सीजन थेरेपी से लेकर ECMO तक—इलाज के सभी पहलुओं पर चर्चा
नवीन सक्सेना,
जयपुर,(dusrikhabar.com)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (जेएमए) जयपुर शाखा और भारतीय क्रिटिकल केयर मेडिसिन सोसाइटी (ISCCM) के संयुक्त तत्वावधान में 11 अगस्त 2025 को जेएमए सभागार में विश्व ARDS जागरूकता दिवस के अवसर पर सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के कारण, लक्षण और उपचार पर विशेषज्ञों ने विस्तृत चर्चा की।
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क्या है ARDS और क्यों है खतरनाक
ARDS एक गंभीर और जानलेवा फेफड़ों की स्थिति है जिसमें फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे रक्त में ऑक्सीजन पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके प्रमुख कारणों में निमोनिया, सेप्सिस, हानिकारक धुएं का साँस लेना, गंभीर चोट और बड़ी सर्जरी शामिल हैं।
मुख्य लक्षण:
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सांस लेने में कठिनाई और तेज़, उथली सांसें
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ऑक्सीजन की कमी से त्वचा व नाखूनों का नीला पड़ना
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थकान और मानसिक भ्रम
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विशेषज्ञों ने बताया—समय पर इलाज से बचाई जा सकती है जान
मुख्य अतिथि डॉ. दीपक माहेश्वरी (प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज) ने कहा कि ARDS का समय रहते इलाज बेहद जरूरी है।
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डॉ. जगदीश मोदी (अध्यक्ष, जेएमए) ने इसे फेफड़ों की अत्यंत गंभीर स्थिति बताया।
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डॉ. अनुराग तोमर (सचिव, जेएमए) ने कहा कि इसमें फेफड़ों में सूजन और तरल का तेजी से निर्माण होता है।
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डॉ. मोहित रॉय (अध्यक्ष, ISCCM जयपुर) ने बताया कि मरीज़ को अक्सर ICU में भर्ती करना पड़ता है।
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डॉ. निखिल अजमेरा (सचिव, ISCCM जयपुर) ने वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता बताई।
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डॉ. चंद्रशेखर गौड़ (कोषाध्यक्ष, ISCCM जयपुर) ने ECMO को अंतिम उपचार विकल्प के रूप में समझाया।
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चिकित्सा शिक्षा और जागरूकता का संकल्प
कार्यक्रम में डॉ. अजीत सिंह, डॉ. योगेन्द्र सिंह गुर्जर, डॉ. वैभव भार्गव और डॉ. अरुण शर्मा ने अपने-अपने विषयों पर व्याख्यान दिए। 150 से अधिक चिकित्सकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
अंत में डॉ. अनुराग तोमर ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और ARDS पर जनजागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया।
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