
“भजन का राज”… शर्म से लाल नहीं होगा राजस्थान…
राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री बनेंगे। भजनलाल शर्मा
PM मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़डा होंगे शपथ ग्रहण में शामिल
15 दिसम्बर को हो सकता मुख्यमंत्री का शपथ समारोह, आधिकारिक घोषणा नहीं
विजय श्रीवास्तव।
जयपुर। राजस्थान में नौ दिनों से चल रही सियासत मंगलवार को राजस्थान में मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ थम गई है। 12 दिसम्बर 2023 को राजस्थान में भाजपा के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होते ही प्रदेश में एक नया ही माहौल नजर आ रहा है।
एमपी में मोहन लाल की घोषणा के बाद भजनलाल को CM बनाने का फैसला
पूरा प्रदेश और मीडिया जब मुख्यमंत्री के नाम को लेकर असमंजस में था तब दूसरी खबर डॉट कॉम ने भजनलाल को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की करीब 18 घंटे पहले ही घोषणा कर दी थी। हालांकि ये कोई भविष्यवाणी नहीं थी ये दूसरी खबर डॉटकॉम का आंकलन था।
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भजनलाल ही क्यों बनाए गए राजस्थान के मुख्यमंत्री
राजस्थान में दिग्ग्ज राजनेताओं से इतर आलाकमान चाहता था कि राजस्थान में भी अब किसी नए चेहरे पर दाव खेला जाए। लेकिन वो नया चेहरा ऐसा हो जिसकी बेदाग छवि, सरल स्वभाव और सिंहासन की राजनीतिक में नया अनुभव बनाने वाला हो। ऐसे में संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले पहली बार विधायक का चुनाव लड़कर सांगानेर में कांग्रेस के मजबूत दावेदार को बड़े अंतर से हराकर विधायक बनने वाले भजनलाल शर्मा को राजस्थान में सीएम की कुर्सी पर बिठाने की पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा में सहमति बनी।
हालांकि इस बारे में लास्ट तक किसी को कोई खबर नहीं थी लेकिन पार्टी के कुछ युवा और वरिष्ठ नेताओं का ऐसा मानना था कि भाजपा प्रदेश में एक नया चेहरा तलाश रही है ऐसे में दीप्ति माहेश्वरी और गोपाल शर्मा का भी नाम था लेकिन इन दोनों से पहले भजनलाल शर्मा संघ और भाजपा दोनों की पहली पसंद थे।
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सरल स्वभाव और स्वच्छ छवि से कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री पद तक का सफर
भजनलाल भरतपुर के अटारी गांव के रहने वाले हैं। गांव में सरपंच रहे भजनलाल भाजपा जिला अध्यक्ष भी बने साथ ही भाजपा में युवा अध्यक्ष पद पर भी भजनलाल ने अपनी सेवाएं दीं। हालांकि 2003 में भाजपा के खिलाफ निर्दलीय नदबई से भजनलाल ने चुनाव लड़ा था लेकिन तब वे हार गए और उसके बाद वे संघ के अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे।
फिलहाल पिछले कुछ समय से भजनलाल भाजपा में प्रदेश महामंत्री पद की शोभा बढ़ा रहे थे। उनके गांव और उनसे जुड़े लोगों की मानें तो सीधे-सरल स्वभाव के भजनलाल लोगों की मदद में हमेशा आगे रहते हैं। व्यक्तिगत रूप से भजनलाल एक स्वच्छ छवि के भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता हैं।
दूसरी खबर का भजनलाल को CM बनाने का सटीक आंकलन
राजस्थान में भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाए जाने की सबसे सटीक खबर चलाई दूसरी खबर न्यूज ने। इतना ही नहीं चुनावों में एग्जिट पोल में दूसरी खबर न्यूज ने बाजी मारी थी।

पं. सत्यनारायण शर्मा
जयपुर स्थित चाकसू के पंडित सत्यनारायण शर्मा के हवाले से अपना आंकलन चलाया था जिसमें एग्जिट पोल में भाजपा को दूसरी खबर ने 118-122 सीटों पर भाजपा के जीतने की खबर चलाई थी जो लगभग 100 फीसदी सही रही।
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ऐसे ही 11 दिसम्बर को राजस्थान में मुख्यमंत्री के लिए भजनलाल शर्मा को बनाए जाने की खबर को चलाया था। आपको बता दें कि भजनलाल शर्मा को सीएम बनाने की खबर सिर्फ दूसरी खबर डॉट कॉम न्यूज पर ही चली जिसे सैकड़ों दर्शकों ने सराहा भी। ऐसे में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबर आने के बाद से ही दूसरी खबर के संपादक के पास लोगों के बधाई के फोन आने लगे। राजनीतिक लोगों सहित आम जन ने भी सटीक चुनाव परिणाम और मुख्यमंत्री का नाम पहले से ही चलाने के लिए दूसरी खबर डॉट कॉम के आंकलन की सराहना की।
तीन और अहम घोषणाएं हुईं आज
राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम पर भजनलाल के ऐलान के बाद प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्रियों के नाम का भी ऐलान किया गया।
विधायक दल की बैठक में ही विद्याधर नगर से विधायक #दीयाकुमारी और दूदू से पहली बार विधायक बने #प्रेमचंदबैरवा को #उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा की गई। साथ ही राजस्थान #विधानसभा में अध्यक्ष पद पर अजमेर से विधायक #वासुदेव देवनानी के नाम का ऐलान हुआ।
भाजपा का खेला ब्राह्मण, राजपूत और दलित कार्ड
राजस्थान में मुख्यमंत्री के चयन में भाजपा ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के चयन में तीन जातियों को एक साथ साधने का काम किया है। आपको बता दें कि भजनलाल को सीएम, दीयाकुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाकर सभी वर्गों में भाजपा ने एक बड़ा संदेश दिया है।
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भजनलाल को खुद नहीं था मुख्यमंत्री बनने का इल्म
विधायक दल की बैठक से पहले राजनाथ सिंह के नेतृत्व में सभी विधायकों का ग्रुप फोटो सेशन हुआ। इस सेशन में भी भजनलाल एक साधारण कार्यकर्ता और विधायक की तरह अंतिम पंक्ति में नजर आए। फोटो सेशन में @vasundhararaje, रक्षा मंत्री #Rajnathsingh के बिल्कुल बगल में बैठी थीं। तो #bhajanlal अंतिम पंक्ति में खड़े थे। वहीं दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा दूसरी पंक्ति में थे, तो वासुदेव देवनानी पहली पंक्ति में वरिष्ठ नेता के तौर पर बैठे हुए थे।
राज्यपाल के सामने पेश किया सरकार बनाने का दावा
मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होने के तुरंत बाद भजनलाल शर्मा और दोनों उपमुख्यमंत्रियों सहित राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे और सीपी जोशी राज्यपाल @kalrajmishra से पहुंचे जहां भजनलाल ने विधायक दल के नेता के तौर पर राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का पत्र देकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
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पीएम मोदी दे सकते जन्मदिन का तोहफा
हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं है लेकिन क्योंकि 15 दिसम्बर को भजनलाल शर्मा का जन्मदिन है ऐसे में उसी दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर @pmnarendramodi उन्हें जन्मदिन का तोहफा भी दे सकते हैं। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-अमित शाह और जेपी नड्डा भजनलाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं।
भावुक हो गए सीएम भजनलाल के मां और पिता
भजनलाल शर्मा की मां बेटे के मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबर सुनते ही भावुक हो गईं। पत्रकारों से बात करते भजनलाल शर्मा के पिता और माताजी दोनों की आंखोंं से आंसु निकल पड़े।
दोनों बोले ये तो खुशी के आंसु हैं मेरे बेटे की मेहनत रंग लाई और आज वो इस मुकाम तक पहुंच गया। पीएम मोदी का भी दोनों ने जताया आभार।
राजनाथ सिंह ने वसुंधरा को CM नहीं बनाने के दे दिए थे संकेत
एयरपोर्ट से जब वसुंधरा राजे के साथ राजनाथ सिंह जब होटल ललित पहुंचे तो सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने उन्हें सीएम नहीं बनाए जाने की बात कह दी थी। लेकिन लास्ट समय तक वसुंधरा राजे को भी नहीं पता था कि सीएम किसे बनाया जा रहा है।
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आखिरकार पुरानी परंपरा के अनुसार ही हुई नाम की घोषणा
भाजपा में परंपरा है कि विधायक दल की बैठक में या तो लास्ट मूवमेंट पर आलाकमान का फोन आता है और मुख्यमंत्री के नाम की सूचना पर्यवेक्षक को दी जाती है या फिर मंच पर भाषणा के दौरान ही पर्यवेक्षक को एक पर्ची दी जाती है जिसमें मुख्यमंत्री का नाम लिखा होता है और पर्यवेक्षक को उसका सिर्फ ऐलान करना होता है।
आज विधायक दल की बैठक के दौरान भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब राजनाथ सिंह ने पर्ची देखकर वसुंधरा राजे को सौंपी जिसमें भजनलाल का नाम लिखा था और वसुंधरा राजे को उस पर अपनी सहमति या असहमति जतानी थी।
गुरुजी से भी लिया था आशीर्वाद
चुनाव प्रचार के दौरान सांगानेर स्थित कमलेशजी महाराज से मिलकर आशीर्वाद लेते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा। कमलेशजी महाराज ने भी भजनलाल शर्मा को विजयीभव का आशीर्वाद दिया था।
बताया जा रहा है कि इस दौरान भजनलाल शर्मा ने विधायक बनने पर सांगानेर के विकास की बात कहीं तो कमलेशजी महाराज ने उन्हें न सिर्फ विजयी होने बल्कि यशस्वी होने का आशीर्वाद दिया था
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25 साल बाद किसी नए चेहरे का मौका
राजस्थान में पिछले 25 वर्षों से अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के रूप में जनता देख रही थी। अशोक गहलोत 3 बार तो वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान में मुख्यमंत्री का पद संभाल चुकी हैं।
ऐसे में किसी नए चेहरे या समाज को प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका नहीं मिला। लेकिन भाजपा ने अब राजस्थान सहित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाकर जनता को नया संदेश दिया है।